महंगा हो जाएगा ऑनलाइन खाना मंगाना, Zomato के बाद अब Swiggy ने भी बढ़ाई प्लेटफॉर्म फीस; हर ऑर्डर पर देना होगा इतना ज्यादा पैसा

ऑनलाइन फूड ऑर्डर करना अब और महंगा हो गया है. जोमैटो के बाद स्विगी ने भी प्लेटफॉर्म चार्ज बढ़ा दिया है. जोमैटो ने भी हाल ही में चार्ज 10 से 12 रुपये कर दिया था. त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने की उम्मीद के बीच कंपनियां अपने मार्जिन सुधारने की कोशिश कर रही हैं. स्विगी को अप्रैल-जून तिमाही में 1,197 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जबकि उसका ऑपरेशनल रेवेन्यू 54 फीसदी बढ़ा है.

स्विगी Image Credit: Getty image

Swiggy platform fee hike: जोमैटो के बाद अब फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी ने भी बड़ा कदम उठाया है. कंपनी ने अपने फूड डिलीवरी बिजनेस के लिए प्लेटफॉर्म चार्ज बढ़ा दिया है. स्विगी ने प्लेटफॉर्म चार्ज को 12 रुपये से बढ़ाकर 15 रुपये कर दिया है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां मांग में बढ़ोतरी देखी जा रही है. यह बढ़ोतरी, जिसे पहले 14 अगस्त के आसपास 14 रुपये किया गया था, अब एक रुपये और बढ़ा दी गई है. प्लेटफॉर्म चार्ज एक निश्चित शुल्क है जो स्विगी के ग्राहक अपने फूड डिलीवरी ऑर्डर पर देते हैं. 15 रुपये के प्लेटफॉर्म चार्ज में वस्तु एवं सेवा कर (GST) शामिल है.

जोमैटो ने भी किया बदलाव

त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने की उम्मीद को देखते हुए, जोमैटो ने मंगलवार को फूड डिलीवरी ऑर्डर पर प्लेटफॉर्म चार्ज 10 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये कर दिया था. इस शुल्क में वस्तु एवं सेवा कर (GST) शामिल नहीं है. स्विगी ने सबसे पहले अप्रैल 2023 में 2 रुपये का प्लेटफॉर्म चार्ज लागू किया था और यूनिट इकोनॉमिक्स में सुधार के प्रयासों के तहत इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 12 रुपये कर दिया था. जोमैटो ने भी यही तरीका अपनाया, हालांकि चार्ज में आखिरी संशोधन अक्टूबर 2024 में हुआ था.

कंपनी का बढ़ रहा घाटा

हालांकि ये चार्ज स्विगी के प्लेटफॉर्म पर औसत ऑर्डर वैल्यू (लगभग 500–600 रुपये) के मुकाबले छोटा है, लेकिन इससे कंपनी को मार्जिन में सुधार करने में मदद मिल सकती है. हालांकि, स्विगी ने इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. यह बदलाव ऐसे समय हुआ है जब कंपनी को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. अप्रैल से जून की तिमाही में उसका शुद्ध घाटा पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले दोगुना होकर 1,197 करोड़ रुपये हो गया, जिसकी मुख्य वजह उसकी इंस्टामार्ट सेवा में किया गया अधिक निवेश है.

हालांकि कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 54 फीसदी बढ़कर 4,961 करोड़ रुपये हुआ, लेकिन उसकी विभिन्न गतिविधियों के बाद नकदी का आउटफ्लो 1,053 करोड़ रुपये रहा, यानी कंपनी ने इस दौरान पैसा खर्च किया है.

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