कब इस्तेमाल करें इंजेक्टर क्लीनर और क्या है सही तरीका? जानें- माइलेज और परफॉर्मेंस बढ़ाने के आसान उपाय
How to use Injector Cleaner: इंजन झटके मारने लगा है या माइलेज कम हो गया है, तो अब वक्त है इंजन की गहराई से सफाई का और इसके लिए इंजेक्टर क्लीनर एक बेहद कारगर उपाय है. इंजेक्टर क्लीनर का नियमित उपयोग इंजन की सेहत बेहतर रखता है.

इंजेक्टर क्लीनर कब इस्तेमाल करें.
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How to use Injector Cleaner: अगर आपकी कार का पिकअप कमजोर पड़ गया है, इंजन झटके मारने लगा है या माइलेज कम हो गया है, तो अब वक्त है इंजन की गहराई से सफाई का और इसके लिए इंजेक्टर क्लीनर एक बेहद कारगर उपाय है. एक्सपर्ट के मुताबिक, हर 10,000 से 20,000 किलोमीटर के बाद इंजेक्टर क्लीनर का इस्तेमाल करने से इंजन की परफॉर्मेंस और फ्यूल एफिशिएंसी में साफ सुधार आता है. आइए जानते हैं कि इसका कब और कैसे इस्तेमाल किया जाता है.
कब करें इंजेक्टर क्लीनर का उपयोग
इंजेक्टर क्लीनर का इस्तेमाल हर 10,000 से 20,000 किलोमीटर के बाद या सर्विस के समय करना चाहिए. इससे कार में पिकअप की कमी, मिसफायर, धीमा एक्सीलेरेशन और माइलेज में गिरावट जैसी समस्याएं दूर रहती हैं.
कैसे करें इस्तेमाल (स्टेप-बाय-स्टेप गाइड)
- कार के फ्यूल टैंक में कम से कम 20–25 लीटर फ्यूल होना जरूरी है.
- हमेशा ओरिजनल, सील पैक इंजेक्टर क्लीनर ही खरीदें.
- क्लीनर को सीधे फ्यूल टैंक में डालें.
- इसके बाद 10 से 50 लीटर फ्यूल भरवाएं (क्लीनर की डोज के अनुसार).
- कार को 20–30 किलोमीटर तक चलाएं ताकि क्लीनर पूरे सिस्टम में घूमकर सफाई कर सके.
- अगर टैंक में सिर्फ 20 लीटर पेट्रोल है, तो क्लीनर की आधी मात्रा (लगभग 180–200 एमएल) ही डालें.
इंजेक्टर और फ्यूल पंप की लाइफ बढ़ाने के उपाय
- हमेशा ब्रांडेड पेट्रोल पंप से फ्यूल भरवाएं.
- हर 10,000–20,000 किमी पर इंजेक्टर क्लीनर का प्रयोग करें.
- फ्यूल फिल्टर समय पर बदलें.
- टैंक को कभी पूरी तरह खाली न चलाएं, हमेशा 1/4 से अधिक फ्यूल रखें.
- ठंडी कार में हार्ड एक्सीलेरेशन से बचें.
माइलेज और परफॉर्मेंस बढ़ाने के टिप्स
- थ्रॉटल बॉडी और एयर फिल्टर की सफाई हर सर्विस पर करवाएं.
- सही टायर प्रेशर बनाए रखें, जानकारी कार के डोर पिलर पर दी होती है.
- क्लच को आधा दबाकर ड्राइव न करें.
- हर 5,000 किमी पर इंजन ऑयल चेक करें और हर 10,000 किमी या एक साल में बदलवाएं.
इंजेक्टर क्लीनर का नियमित उपयोग न सिर्फ इंजन की सेहत बेहतर रखता है, बल्कि माइलेज और ड्राइविंग अनुभव दोनों को बेहतर बनाता है.
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