भारत में गाड़ियों के नंबर प्लेट का रंग क्यों होता है अलग? जानें क्या है वजह और मतलब

क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में गाड़ियों के आगे और पीछे लिखे नंबर प्लेट का रंग अलग होता है. अगर आपको लगता है कि ये गाड़ी चलाने वाले का चुनाव है तो आप गलत हैं. गाड़ियों के पीछे लिखे सभी रंगों का एक मतलब होता है. आइए जानतें हैं क्या है वह.

गाड़ियों के नंबर प्लेट का रंग क्यों होता है अलग Image Credit: @pexels

भारत में करोड़ों गाड़ियां हर दिन चलती हैं. तेजी से लोग गाड़ियां खरीदते भी हैं. इतनी तेजी से बढ़ रही गाड़ियों की संख्या के कारण ही 7.4 करोड़ पंजीकृत गाड़ियों के साथ भारत दुनिया का सबसे ज्यादा गाड़ियों वाला देश बन गया है. जिस तरह लोग गाड़ियों की खरीद कर रहे हैं उसी तरह उनकी संख्या में भी इजाफा हो रहा है. लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि गाड़ियों के पीछे लगे हुए नंबर प्लेट के रंग अलग-अलग होते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है. अगर आप यह सोचते हैं कि लोग अपनी पसंद के हिसाब से रंग का चुनाव करते हैं तो आप गलत हैं. नंबर प्लेट पर लिखे सभी रंगों का एक मतलब होता है.

गाड़ियों के आगे और पीछे लिखे नंबर

  1. इससे पहले कि हम नंबर प्लेट के रंग की बात करें, ये जानना भी जरूरी है कि गाड़ियों के नंबर का मायने क्या होता है. नंबर प्लेट कानूनी रूप से अनिवार्य पहचानकर्ता के रूप में होता है जिसे मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अनुसार आपके गाड़ी के आगे और पीछे लगाया जाता है. इसमें आपका पंजीकरण नंबर होता है जिसे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) की ओर से जारी किया जाता है.
  2. नंबर प्लेट पर लिखे पहले दो अक्षर आपके राज्य को दर्शाते हैं. जैसे बिहार की गाड़ी होने पर BR लिखा हुआ मिलेगा, उत्तर प्रदेश की गाड़ियों पर UP लिखा हुआ मिलेगा और मध्यप्रदेश की गाड़ियों पर MP लिखा हुआ होगा. उसके बाद लिखा हुआ अक्षर विशिष्ट RTO कार्यालय को दर्शाता है. उदाहरण के लिए 01 मुंबई में ताड़देव कार्यालय को दर्शाता है.
  3. नंबर प्लेट में आपकी गाड़ी के लिए एक विशिष्ट संख्यात्मक कोड भी शामिल होता है.
  4. भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय पंजीकरण कोड (IND) भी प्लेट पर लिखा हुआ होता है.

भारत में कितने प्रकार के होते हैं नंबर प्लेट?

येलो नंबर प्लेट

पीले नंबर प्लेट पर काले अक्षर से लिखी हुई गाड़ियों को कॉर्मशियल इस्तेमाल के रूप में नामित किया गया है. इन गाड़ियों का इस्तेमाल लाभ के लिए किया जाता है. इनमें टैक्सी, ट्रक, बस शामिल हैं.

सफेद नंबर प्लेट

यह सबसे सामान्य प्रकार का नंबर प्लेट है. इसका इस्तेमाल नॉन-कमर्शियल गाड़ियों के लिए किया जाता है. सफेद बैकग्राउंड पर काले अक्षरों से लिखा हुआ नंबर प्लेट प्राइवेट ओनरशिप को दर्शाता है.

ग्रीन नंबर प्लेट

हरे रंग का नंबर प्लेट पूरी तरह से इलेक्ट्रिक गाड़ियों की ओर इशारा करता है. इसमें हरे बैकग्राउंड पर सफेद अक्षरों से लिखा जाता है. इनका इस्तेमाल मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक बाइक, ई-रिक्शा और ई-बस के लिए किया जाता है.

ब्लैक नंबर प्लेट

काला नंबर प्लेट पर पीले अक्षर का लिखावट होती है. इसका इस्तेमाल रेंटल सर्विस प्रदान करने वाली गाड़ियों के लिए किया जाता है. लग्जरी होटल अक्सर इनका इस्तेमाल अपनी गाड़ियों पर करते हैं.

ब्लू नंबर प्लेट

नीले बैकग्राउंड पर सफेद अक्षरों से लिखे हुए नंबर प्लेट पर का इस्तेमाल विदेशी डिप्लोमैट्स करते हैं.उनपर अलग-अलग कोड लिखा होता है जैसे, UN का अर्थ यूनाइटेड नेशन, CC का अर्थ काउंसलर कोर और DC का अर्थ डिप्लोमैटिक कोर होता है.

रेड नंबर प्लेट

लाल नंबर प्लेट उन गाड़ियों पर लिखा होता जिनका पंजीकरण नहीं हुआ है. वो स्थायी पंजीकरण का प्रतीक्षा कर रहे होते हैं.