10 मिनट में सामान मंगाना हो रहा महंगा, बिल में चुपचाप जुड़ रहे कई चार्ज; Blinkit नहीं सबसे सस्ता निकला ये प्लेटफॉर्म
Quick Commerce Platforms Charges: भारत के बड़े शहरों में कई लोगों के लिए अब 10 मिनट में किराने की डिलीवरी एक आदत बन गई है. लेकिन आइटम की वजह से नहीं, बल्कि बिल में होने वाले चुपचाप ऐड-ऑन की वजह से. आइए समझते हैं इसका खेल.

Quick Commerce Platforms Charges: कुछ महीने पहले रात 10 बजे अपने फोन पर कुछ टैप करके केले का गुच्छा या चीनी का पैकेट खरीदना जादू जैसा लगता था. भारत के बड़े शहरों में कई लोगों के लिए अब 10 मिनट में किराने की डिलीवरी एक आदत बन गई है. एक छोटी सी लग्जरी जो स्पीड और आसानी का वादा करती है, लेकिन अब यह सर्विस काफी महंगी हो गई है. स्विगी इंस्टामार्ट, ब्लिंकिट और जेप्टो के ज्यादा से ज्यादा यूजर देख रहे हैं कि उनके बिल बढ़ने लगे हैं. लेकिन आइटम की वजह से नहीं, बल्कि बिल में होने वाले चुपचाप ऐड-ऑन की वजह से. हैंडलिंग फीस से लेकर रेन सरचार्ज, छोटी कार्ट पेनल्टी से लेकर सर्ज प्राइसिंग तक. उपभोक्ताओं का कहना है कि अब उन्हें हर छोटे ऑर्डर पर 50 रुपये तक ज्यादा चुकाने पड़ रहे हैं.
कई तरह के चार्ज
ईटी में छपी में खबर के अनुसार, शुल्कों की बढ़ती सूची में 10 रुपये से 21 रुपये तक का एक निश्चित हैंडलिंग शुल्क, साथ ही जीएसटी, डिलीवरी शुल्क, स्मॉल कार्ट शुल्क, रेन शुल्क और सर्ज प्राइसिंग शामिल है. जबकि लोग अभी भी इस सर्विस का आनंद ले रहे हैं. कई खरीदार अपने क्विक कॉमर्स ऐप खोलने से पहले कीमतों की तुलना करने लगे हैं. वो ऑफलाइन और अलग-अलग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म दोनों पर ही प्रोडक्ट्स की कीमतों की तुलना कर रहे हैं.
क्या कम हो रहा दबदबा?
एक समय में इन प्लेटफॉर्म को पड़ोस के किराना स्टोर्स पर बढ़त हासिल थी. बेहतर कीमतें और डिलीवरी की गति के चलते लोगों इस सर्विस को हाथों-हाथ लिया था. लेकिन अब उनकी बढ़ती फीस स्ट्रक्चर के कारण यह खत्म हो रही है. रिपोर्ट के अनुसार, कंज्यूमर का कहना है कि फल आमतौर पर 30-40 रुपये सस्ते होते हैं. टमाटर और मटर आमतौर पर ऑनलाइन सस्ते होते हैं, लेकिन अगर आप हैंडलिंग और डिलीवरी शुल्क जोड़ते हैं, तो यह राशि उतनी ही हो जाती है.
कौन कितना कर रहा चार्ज?
रिपोर्ट के अनुसार, फीस स्ट्रक्चर न सिर्फ बढ़ रही है, बल्कि उन्हें ट्रैक करना भी कठिन होता जा रहा है. स्विगी और जेप्टो आम तौर पर डिलीवरी शुल्क माफ कर देते हैं, अगर ऑर्डर की कीमत लगभग 200 या उससे अधिक है. यहां तक कि फिक्स चार्ज भी फिक्स नहीं हैं. स्विगी का इंस्टामार्ट ऑर्डर वैल्यू के आधार पर 10 से 15 रुपये के बीच कहीं भी चार्ज कर सकता है.
जेप्टो आमतौर पर बड़े ऑर्डर के लिए 21 रुपये और छोटे ऑर्डर के लिए 13 रुपये चार्ज करता है. ब्लिंकिट का हैंडलिंग शुल्क आम तौर पर 11 रुपये है. रेन चार्ज और सर्ज चार्ज आम तौर पर क्रमशः 15 रुपये और 30 रुपये होते हैं और मांग बढ़ने या मौसम खराब होने पर इसे एड किया जा सकता है.
घाटे में चल रही कंपनियों के लिए ये अतिरिक्त शुल्क उनकी वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करते हैं. लेकिन अंतिम समय में या स्मॉल साइज के ऑर्डर देने वाले ग्राहकों के लिए बढ़ती लागतों को उचित ठहराना मुश्किल है.
सबसे सस्ता कौन सा प्लेटफॉर्म?
हाल ही में जेएम फाइनेंशियल रिसर्च नोट में कहा गया है कि अधिकांश क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने मुफ्त डिलीवरी पाने के लिए आवश्यक मिनिमम ऑर्डर वैल्यू में बढ़ोतरी की है. इंस्टामार्ट, ज़ेप्टो, ब्लिंकिट और डीमार्ट रेडी में 11-आइटम ऑर्डर की तुलना में, ब्लिंकिट सबसे महंगा निकला, जबकि डीमार्ट रेडी सबसे सस्ता था.
प्रॉफिट मार्जिन में सुधार
बेन की एक रिपोर्ट के अनुसार, क्विक कॉमर्स कंपनियों ने प्रत्येक ऑर्डर की वैल्यू को बढ़ाकर सप्लाई चेन में कटौती करके और प्रॉफिट मार्जिन को बढ़ाकर अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार किया है. उन्होंने किसानों और उत्पादकों से सीधे सामान खरीदकर और विज्ञापनों और प्लेटफॉर्म शुल्क के जरिए अधिक कमाई करके ऐसा किया है.
आगे और बढ़ेगी चुनौती
जैसे-जैसे क्विक कॉमर्स अधिक शहरों में फैलेगा और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी बड़ी वस्तुओं की बिक्री शुरू होगी, लॉजिस्टिक्स और भी जटिल होता जाएगा. ये प्लेटफॉर्म इन चुनौतियों का कितनी अच्छी तरह से मैनेज करते हैं, यह तय करेगा कि वे कुल ई-कॉमर्स बाजार का कितना हिस्सा हासिल कर सकते हैं. यह सेक्टर भीड़भाड़ वाला बना हुआ है. जबकि किराना और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म दोनों के लिए स्पेस है. लेकिन एक सवाल ग्राहकों को लगातार परेशान कर सकता है कि सर्विस के लिए कितना अधिक भुगतान करना होगा.
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