ऑपरेशन सिंदूर के बाद डिफेंस सेक्टर में अडानी ग्रुप ₹1.8 लाख करोड़ करेगा निवेश, जल-थल-वायु तीनों मोर्चों पर फोकस
अडानी ग्रुप भारत की डिफेंस आत्मनिर्भरता को मजबूत करने के लिए 2026 में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 1.8 लाख करोड़ रुपये के निवेश की तैयारी कर रहा है. इस निवेश का फोकस अनमैन्ड और ऑटोनॉमस सिस्टम्स, एडवांस्ड गाइडेड वेपन्स, सेंसर्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और एआई आधारित मल्टी डोमेन ऑपरेशंस पर रहेगा.
Adani Group defence investment: भारत की डिफेंस आत्मनिर्भरता को नई रफ्तार देने के लिए अडानी ग्रुप ने बड़ा दांव खेलने की तैयारी कर ली है. पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि अडानी समूह अगले साल यानी 2026 में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में करीब 1.8 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रहा है. इस निवेश का फोकस अनमैन्ड और ऑटोनॉमस सिस्टम्स, एडवांस्ड गाइडेड वेपन्स, सेंसर्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और एआई आधारित मल्टी डोमेन ऑपरेशंस पर रहेगा. माना जा रहा है कि यह पहल भारत की भविष्य की युद्ध क्षमताओं को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगी.
रैपिड डिप्लॉयमेंट मॉडल की ओर बदलाव
Adani Defence & Aerospace ने 2025 में अपने ऑपरेशनल मॉडल में बड़ा बदलाव किया है. कंपनी अब लंबे प्लानिंग साइकल की बजाय तेजी से डिप्लॉयमेंट पर काम कर रही है. सूत्रों का कहना है कि इसके कुछ सैन्य हार्डवेयर का इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर में भी किया गया, जिससे प्रोडक्ट्स की ग्राउंड लेवल उपयोगिता और भरोसेमंदी साबित हुई है.
हवा, समुद्र और जमीन तीनों मोर्चों पर फोकस
अडानी डिफेंस का निवेश मुख्य रूप से ऑटोनॉमस सिस्टम्स पर केंद्रित होगा, जो न्यूनतम मानव हस्तक्षेप के साथ ऑपरेट करते हैं.
- हवा में: यूएवी के जरिए इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकॉनिसेंस, कम्युनिकेशन रिले और प्रिसिजन सपोर्ट मिशन पूरे किए जाएंगे.
- समुद्र में: अनमैन्ड सरफेस और अंडरवॉटर व्हीकल्स के माध्यम से मैरीटाइम सर्विलांस, एंटी सबमरीन वॉरफेयर और माइन काउंटर मेजर्स जैसे ऑपरेशंस किए जाएंगे.
- जमीन पर: अनमैन्ड ग्राउंड व्हीकल्स का इस्तेमाल लॉजिस्टिक्स सपोर्ट, रिकॉनिसेंस, एक्सप्लोसिव ऑर्डनेंस डिस्पोजल और परिमीटर सिक्योरिटी के लिए किया जाएगा.
2025 की बड़ी उपलब्धियां
सूत्रों के मुताबिक, 2025 में कंपनी के Drishti 10 UAV को इंडियन नेवी और आर्मी में लॉन्ग एंड्योरेंस ISR मिशन के लिए शामिल किया गया. इसके अलावा, काउंटर ड्रोन सिस्टम्स ने आर्मी, नेवी और एयर फोर्स के ट्रायल्स सफलतापूर्वक पूरे किए. अग्निका लॉयटरिंग म्युनिशंस ने इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर के खिलाफ मजबूत प्रदर्शन किया, जबकि अर्का मैनपैड्स सिस्टम ने कम समय में ट्राई सर्विस डिप्लॉयमेंट रेडीनेस हासिल की.
AWACS, MRO और ट्रेनिंग में बढ़त
कंपनी की AWACS प्लेटफॉर्म्स में एंट्री ने इसे इस सेगमेंट में प्राइवेट सेक्टर का अहम खिलाड़ी बना दिया है. Air Works और Indamer के इंटीग्रेशन से डिफेंस और सिविल MRO प्लेटफॉर्म मजबूत हुआ है, जबकि FSTC के अधिग्रहण से पायलट और इंजीनियरिंग ट्रेनिंग क्षमताओं को बढ़ावा मिला है. डिजिटल ट्विन्स, प्रिडिक्टिव मेंटेनेंस और मॉड्यूलर डिजाइन के जरिए सस्टेनेबिलिटी और स्वदेशी सप्लाई चेन को भी मजबूती दी जा रही है.
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