अडानी पोर्ट्स में बड़ा बदलाव, गौतम अडानी ने छोड़ा चेयरमैन पद; मनीष केजरीवाल बने नए निदेशक
गौतम अडानी ने अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड के कार्यकारी चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है. अब वे गैर कार्यकारी चेयरमैन की भूमिका निभाएंगे और कंपनी के मुख्य प्रबंधन पदाधिकारी नहीं रहेंगे. कंपनी ने मनीष केजरीवाल को नया गैर कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया है.
Gautam Adani Adani Ports: अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड यानी APSEZ के कार्यकारी चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है. यह बदलाव 5 अगस्त 2025 से प्रभावी हो गया है. कंपनी ने बताया कि अब वे गैर कार्यकारी चेयरमैन की भूमिका में रहेंगे. इस फैसले के बाद वे अब कंपनी के मुख्य प्रबंधन पदाधिकारी यानी की मैनजेरियल पर्सनल नहीं रहेंगे. कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज में इस बारे में जानकारी दी है. इस बीच बोर्ड ने एक नए निदेशक की भी नियुक्ति की है.
अब गैर कार्यकारी भूमिका में होंगे गौतम अडानी
कंपनी ने गौतम अडानी को कार्यकारी चेयरमैन से बदल कर गैर कार्यकारी चेयरमैन बना दिया है. अब वे कंपनी के रोजाना के कामकाज में सीधे तौर पर शामिल नहीं रहेंगे. उनकी भूमिका केवल बोर्ड स्तर की रणनीतिक सलाह तक सीमित रहेगी. गौतम अडानी अब कंपनी के Key Managerial Personnel यानी मुख्य प्रबंधन पदाधिकारी नहीं रहेंगे. इसका मतलब यह है कि वे अब कंपनी के प्रशासनिक फैसलों का हिस्सा नहीं होंगे.
नए निदेशक मनीष केजरीवाल
कंपनी ने मनीष केजरीवाल को तीन साल के लिए अतिरिक्त गैर कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया है. वे एक निजी निवेश कंपनी के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर हैं.
मजबूत हुआ कंपनी का रेवेन्यू
अडानी पोर्ट्स ने इस तिमाही में 21 प्रतिशत की सालाना बढ़त दर्ज की है. लॉजिस्टिक्स और मरीन सेगमेंट में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है. लॉजिस्टिक्स बिजनेस में 2 गुना और मरीन बिजनेस में 2.9 गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
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विदेशों में भी बढ़ रहा है कारोबार
कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया के NQXT पोर्ट को एक्वायर करने की प्लान कर रही है. यह एक गहरे पानी का एक्सपोर्ट टर्मिनल है जिसकी क्षमता 50 मिलियन टन सालाना है. इसके अलावा श्रीलंका के कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल पर भी कंपनी ने आपरेशन शुरू किया है. अडानी पोर्ट्स की भारत के कुल कार्गो बाजार में हिस्सेदारी 27.8 फीसदी तक पहुंच गई है. वहीं कंटेनर बाजार में इसकी हिस्सेदारी 45.2 फीसदी हो गई है. कंपनी का विस्तार इसे देश की सबसे बड़ी लॉजिस्टिक्स कंपनियों में शामिल कर रहा है.