Policybazar ने कर दी ये गलतियां, जिससे चला IRDAI का डंडा, प्रीमियम पेमेंट में भी हो रहा था लेट

IRDAI ने Policybazaar (अब Policybazaar Insurance Brokers Pvt Ltd) पर नियमों का उल्लंघन करने के लिए कुल 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इसमें Top या Best जैसे शब्दों का बिना ठोस आधार उपयोग, प्रीमियम भुगतान में देरी, अनुचित पॉलिसी प्रमोशन, और ग्राहक डेटा मैपिंग में खामियां शामिल हैं.

भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण Image Credit: IRDAI

IRDAI Action on Policybazar insurance Brokers Pvt Ltd: बीमा नियामक IRDAI (Insurance Regulatory and Development Authority of India) ने पॉलिसीबाजार इंश्योरेंस ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड पर विभिन्न नियमों के उल्लंघन के लिए 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. यह खबर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो ऑनलाइन बीमा खरीदते हैं. पॉलिसी बाजार ने कुछ इंश्योरेंस प्लान को बिना उचित आधार के टॉप कैटेगरी में दिखाया गया है. इंश्योरेंस प्लान के लिए टॉप, बेस्ट या नंबर 1 जैसे शब्द के इस्तेमाल की भी इजाजत नहीं है. इसके अलावा, कंपनी ने बीमा प्रीमियम की वसूली की और कई मामलों में इसे 24 घंटे की समयसीमा के भीतर बीमाकर्ताओं को नहीं भेजा

क्यों लगी पेनाल्टी?

IRDAI ने पॉलिसी बाजार को नियम तोड़ने के लिए सजा दी है, जैसे कि बिना इजाजत बड़े अधिकारियों का दूसरी कंपनियों में काम करना और गलत तरीके से पॉलिसी को बढ़ावा देना. कंपनी ने कुछ इंश्योरेंस प्लान को बेस्ट प्लान बताया था, जो अनुचित है.

पॉलिसीबाजार ने अपने नोडल अकाउंट से बीमा प्रीमियम की वसूली की और कई मामलों में इसे 24 घंटे की समयसीमा के भीतर बीमाकर्ताओं को नहीं भेजा, जो बीमा अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ है.

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इस प्लान ने बढ़ाई पॉलिसी बाजार की चिंता

IWA ने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि Bajaj Allianz Goal Assure, Edelweiss Tokyo Wealth Gain+, HDFC Click2 Wealth, SBI Life e-wealth Insurance और ICICI Signatur को टॉप 5 ULIP (Unit Linked Insurance Plan) के रूप में दिखाया गया है.

नियामक ने अपने ऑर्डर में कहा कि, “कुछ बीमा कंपनियों के कुछ विशेष इंश्योरेंस को बेस्ट या टॉप प्लान के रूप में दिखाने से, केवल इन बीमा कंपनियों और उनकी खास प्लान को वरीयता और प्रचार मिला है. IRDAI ने कहा कि इनके पास कोई खास आधार नहीं है कि वे अपने प्लान को बेस्ट या टॉप कहें. नियम के अनुसार आईडब्ल्यूए किसी भी प्लान को प्रमोट नहीं करता है. इंश्योरेंस प्लान के लिए टॉप, बेस्ट या नंबर 1 जैसे शब्द के इस्तेमाल की भी इजाजत नहीं है.

देरी से मिल रही थी क्लेम राशि

Policybazaar खुद के गेटवे से ग्राहकों से इंश्योरेंस का प्रीमियम लेती है और प्रीमियम का पैसा उसी गेटवे के माध्यम से प्रीमियम का पैसा इंश्योरेंस कंपनी भी भेजती है. यह राशि 24 घंटे के भीतर इंश्योरेंस कंपनी तक पहुंच जाना चाहिए, लेकिन कई केस में ऐसा नहीं हुआ है. इंश्योरेंस कंपनी को प्रीमियम का पैसा पाने में कम से कम 3 दिन (Working Day) लगता है. इंश्योरेंस एक्ट, 1938 की धारा 64VB के अनुसार पॉलिसीकर्ता को 24 घंटे के भीतर प्रीमियम का पैसा मिल जाना चाहिए.

ET की एक रिपोर्ट के अनुसार, आईआरडीआईए ने जांच में पाया कि 67 पॉलिसी ऐसे थे, जिसमें पॉलिसीकर्ता को अपना प्रीमियम पाने में 30 दिन से अधिक लगा. 8971 पॉलिसी में यह समय 5 दिन से लेकर 24 दिन तक का है. 77033 पॉलिसी में यह समय 3 दिन से अधिक लगा.

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