भारत के खिलाफ ट्रंप ने फिर उगला जहर, 24 घंटे में भारतीय आयात पर भारी टैरिफ लगाने की दी धमकी
अमेरिकी राष्ट्रपति इन दिनों भारत के खिलाफ जमकर जहर उगल रहे हैं. एक फिर ट्रंप ने अनर्गल बयान देते हुए 24 घंटे के भीतर भारत से होने वाले आयात पर भारी टैरिफ लगाने की धमकी दी है. ट्रंप का मानना है कि भारत अगर रूस के साथ कारोबार बंद कर दे, तो यूक्रेन में युद्ध खत्म हो जाए.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने को लेकर फिर से भारत को निशाना बनाया है. इसके साथ ही ट्रंप ने अगले 24 घंटों में अमेरिका में भारत से होने वाले आयात पर भारी टैरिफ लगाने की धमकी दी है. वहीं, इससे पहले भारत ने ट्रंप की अनर्गल बयानबाजी और आरोपों पर कड़ा रुख अपनाते हुए अमेरिका और यूरोपीय संघ के दोहरे मानदंडों को उजागर किया. भारत ने अपना पक्ष साफ करते हुए कहा कि रूसी तेल खरीदना भारत के राष्ट्रीय हित से जुड़ा मामला है. इसके साथ ही बताया कि कैसे खुद अमेरिका और यूरोपीय संघ के तमाम देश रूस के साथ कारोबार कर रहे हैं.
अब क्या बोले ट्रंप?
मंगलवार को CNBC को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, “भारत एक अच्छा व्यापारिक साझेदार नहीं रहा है, क्योंकि वह हमारे साथ काफी व्यापार करता है, लेकिन हम उनके साथ व्यापार नहीं करते. इसलिए हमने 25 प्रतिशत पर समझौता किया, लेकिन मुझे लगता है कि मैं अगले 24 घंटों में इसे काफी बढ़ा दूंगा, क्योंकि वे रूसी तेल खरीद रहे हैं.” इसके साथ ही ट्रंप ने कहा, “भारत को इसकी परवाह नहीं है कि यूक्रेन में रूसी वॉर मशीन के जरिये कितने लोग मारे जा रहे हैं. वे इस वॉर मशीन को फंड कर रहे हैं”
प्रेशर पॉलिटिक्स का गेम
ट्रंप लगातार टैरिफ को लेकर भारत पर दबाव बना रहे हैं. यह अब जग जाहिर हो चुका है कि टैरिफ डील के लिए भारत पर दबाव बनाने को ट्रंप अनापशनाप बयानबाजी कर रहे हैं. ट्रंप कई बार खुद को इस तहर की पैंतरेबाजी का उस्ताद भी बता चुके हैं और ट्रंप का दावा है कि वे इस तरह से अपने फेवर में सौदेबाजी करते हैं. ट्रंप इससे पहले सोमवार को भारत पर आरोप लगा चुके हैं कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे भारी प्रॉफिट के साथ बेच रहा है. ट्रंप की तरफ से यह प्रेशर पॉलिटिक्स का गेम तब खेला जा रहा है, जब टैरिफ और ट्रेड पर समझौते को अंतिम रूप देने के लिए एक अमेरिकी टीम भारत आने वाली है.
भारत की दो टूक राष्ट्रीय हित से समझौता नहीं
भारत ने अलग-अलग स्तर पर यह साफ कर दिया है कि भारत न तो टैरिफ वाले मामले में राष्ट्रिय हित से जुड़े मामलों पर झुकेगा और न रूस से तेल आयात वाले मामले में ट्रंप की तरफ से बनाए जा रहे दबाव को स्वीकार करेगा. क्योंकि, भारत के विकास के लिए किफायती ऊर्जा बेहद जरूरी है. फिलहाल, रूस से भारत को सस्ता तेल मिल रहा है. अपनी राष्ट्रीय जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत बिना किसी दबाव के सभी विकल्पों का इस्तेमाल करता रहेगा.
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