Air India Plane Crash: टाटा ग्रुप में शोक की लहर, चेयरमैन का पत्र, लिखा- “हमारे इतिहास का सबसे काला दिन”

अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया विमान हादसे में 240 से ज्यादा लोगों की जान गई. यह Boeing 787 Dreamliner की पहली घातक दुर्घटना थी. टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने इसे समूह के इतिहास का सबसे "काला दिन" बताया है. वहीं दूसरी ओर, DGCA ने सुरक्षा जांच के आदेश भी दिए हैं.

एयर इंडिया प्लेन क्रैश पर टाटा के चेयरमैन का संदेश Image Credit: @Money9live

Air India Plane Crash Black Day For Tata Group: 12 जून को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे ने देश को झकझोर कर रख दिया. लंदन जा रहे एयर इंडिया के Boeing 787 Dreamliner विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से 240 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. यह हादसा टेक-ऑफ के कुछ ही सेकंड बाद हुआ जब विमान एक मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकरा गया. इस भयानक दुर्घटना में केवल एक यात्री बचा जो सीट नंबर 11A पर बैठा हुआ था. बाकी सभी लोग, जिनमें 5 MBBS डॉक्टर, एक पीजी रेजिडेंट डॉक्टर और एक वरिष्ठ डॉक्टर की पत्नी शामिल थीं, की मौत हो गई.

टाटा ग्रुप चेयरमैन का भावुक संदेश

टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने इस हादसे को समूह के इतिहास का “सबसे काला दिन” बताया. उन्होंने कर्मचारियों को भेजे गए एक इंटरनल लेटर में अपनी भावनाओं को लिखा,

“यह बहुत ही कठिन समय है. जो कुछ भी कल हुआ, वह अकल्पनीय है और हम सभी गहरे सदमे और शोक में हैं. किसी एक व्यक्ति की मृत्यु अपने आप में एक बहुत बड़ा दुख होता है, लेकिन जब एक साथ इतनी जानें चली जाएं, तो उसे समझ पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. यह टाटा समूह के इतिहास के सबसे काले दिनों में से एक है. इस समय शब्द कोई सांत्वना नहीं दे सकते, लेकिन मेरा दिल उन सभी परिवारों और प्रियजनों के साथ है, जिन्होंने अपने लोगों को खोया है या जो इस दुर्घटना में घायल हुए हैं. हम उनके साथ हैं.

मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि हम भी आपकी तरह जानना चाहते हैं कि आखिर हुआ क्या. हमें अभी तक पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन हमें जल्द ही सच का पता चलेगा. आप जानते हैं कि पिछले 24 घंटों में भारत, ब्रिटेन और अमेरिका की जांच टीमें अहमदाबाद पहुंच चुकी हैं और जांच शुरू हो चुकी है. हम उन्हें पूरा सहयोग देंगे और पूरी पारदर्शिता रखेंगे. हमें यह उन परिवारों के लिए करना है जिन्होंने अपने लोगों को खोया है, अपने पायलटों और क्रू के लिए करना है और आपके लिए करना है. टाटा समूह अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को बहुत गंभीरता से लेता है और इसमें यह भी शामिल है कि हम पूरी ईमानदारी से यह बताएं कि कल क्या हुआ था.

इस समय, हमारा स्वाभाविक मानवीय व्यवहार यही होगा कि हम कोई ऐसा कारण खोजें जिससे इस भयावह हादसे को समझा जा सके. हमारे चारों ओर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. कुछ सही हो सकते हैं, कुछ गलत भी. मैं आप सबसे धैर्य रखने की अपील करता हूं. हमने कल बहुत बड़ी जानहानि देखी है. आखिर क्यों यह एक सामान्य उड़ान इतनी बड़ी त्रासदी में बदल गई, यह जांचकर्ता समय लेकर स्पष्ट करेंगे. जब हमारे पास प्रमाणिक जानकारी होगी, तब हम पूरी पारदर्शिता के साथ आपको बताएंगे कि यह हादसा कैसे हुआ. जब हमने एयर इंडिया को संभाला, तब हमारी पहली और सबसे बड़ी प्राथमिकता यही थी कि यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो और हमने कभी इसमें कोताही नहीं की.

कल जिन लोगों को अपनों का नुकसान हुआ, उनके लिए यह सब सुनना शायद बहुत मायने नहीं रखता. इस समय हम सिर्फ यही कह सकते हैं कि हम उनके साथ हैं. एक समूह के रूप में हम एकजुट होंगे और उन्हें हर संभव मदद देने का रास्ता खोजेंगे. हमने इस समूह को विश्वास और देखभाल की नींव पर खड़ा किया है. यह कठिन समय है, लेकिन हम अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटेंगे और जो सही है वही करेंगे. हम इस नुकसान को अपने दिल में संजोए रखेंगे. हम इसे नहीं भूलेंगे.”

DGCA ने दिए Boeing 787 विमानों की जांच के आदेश

इस हादसे के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया के सभी Boeing 787-8 और 787-9 विमानों की एक बार की विशेष सुरक्षा जांच के आदेश दिए हैं. 15 जून से लागू इस जांच में इन बिंदुओं की जांच की जाएगी-

  • ईंधन से जुड़े सभी सिस्टम की जांच
  • केबिन एयर कंप्रेसर और संबंधित हिस्सों की टेस्टिंग
  • इंजन कंट्रोल सिस्टम और ऑयल सिस्टम की जांच
  • टेक-ऑफ पैरामीटर की जांच
  • हाइड्रोलिक सिस्टम की कार्यक्षमता जांच

क्या थी हादसे की असल वजह?

अब तक हादसे की असली वजह सामने नहीं आई है, लेकिन शुरुआती जांच में तकनीकी खराबी या इंजन फेल्योर की आशंका जताई जा रही है. टाटा ग्रुप ने आश्वासन दिया है कि वे जांच पूरी होने के बाद सभी तथ्यों को सार्वजनिक करेंगे. यह Boeing 787 Dreamliner विमान की पहली बड़ी जानलेवा दुर्घटना है और साथ ही एयर इंडिया की नई प्रबंधन टीम के तहत सबसे बड़ा संकट भी है.

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