अनिल अंबानी के कमबैक पर दोबारा लगा ग्रहण! ये फैक्‍टर्स बने रोड़ा, जानें क्‍यों रूठी हुई है किस्‍मत

अनिल अंबानी रिन्‍यूएबल एनर्जी और डिफेंस सेक्‍टर में लगातार दांव लगा रहे हैं. इसके अलावा उनकी कंपनियां तेजी से कर्ज भी उतार रही हैं. ये सब देखकर लग रहा था कि अनिल अंबानी कमबैक कर रहे हैं, लेकिन हाल ही में बाम्‍बे हाईकोर्ट के एक फैसले ने उनकी उम्‍मीदों पर पानी फेर दिया है. तो किन कारणों से उनका कमबैक हो रहा फेल, जानें वजह.

अनिल अंबानी के कमबैक प्‍लान क्‍यों हो रहे फेल, ये हैं वजह Image Credit: money9 live

Anil Ambani comeback: रिलायंस इंफ्रा और रिलायंस पावर जैसी कंपनियों की जिम्‍मेदारी संभालने वाले अनिल अंबानी दोबारा सुर्खियों में हैं. उनकी कमबैक की कहानी हर बार जब मुकाम पर पहुंचने वाली होती है, तभी उनकी उम्‍मीदों पर पानी फिर जाता है. अनिल अंबानी को एक बार फिर झटका लगा है. हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट ने उनके और रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित करने के SBI के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया. इससे पहले ED ने भी उनकी कंपनियों के खिलाफ शिकंजा कसा था. तो आखिर क्‍यों अनिल अंबानी की किस्‍मत उनसे रूठी हुई है और उनके कमबैक में कौन-से फैक्‍टर्स बन रहे रोड़े, चेक करें डिटेल.

पटरी से उतरी गाड़ी

कुछ वक्त पहले तक ऐसा लग रहा था कि अनिल अंबानी की किस्मत पलटने वाली है. उनकी कंपनियों RInfra और रिलायंस पावर (RPower) ने कर्ज घटाना शुरू कर दिया था. शेयरों ने मल्टीबैगर रिटर्न भी दिए. लेकिन जैसे ही हालात बेहतर होने लगे, नए मामले सामने आने लगे. अगस्त में CBI ने ₹2,900 करोड़ के बैंक फ्रॉड केस में उनके ठिकानों पर छापेमारी की. इसके तुरंत बाद ED ने FEMA उल्लंघन के आरोपों में RInfra के ऑफिसों पर रेड डाली. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर (RInfra) से जुड़ी मुंबई और इंदौर की छह जगहों पर छापेमारी की. आरोप हैं कि कंपनी ने करीब ₹17,000 करोड़ की रकम विदेशों में अवैध रूप से भेजी और लोन डाइवर्जन किया.

15 साल पुराना मामले पर कंपनी ने दी सफाई

RInfra ने सफाई दी कि ED की जांच 2010 के एक प्रोजेक्ट से जुड़ी है. कंपनी ने जयपुर-रिंगस टोल हाइवे बनाने के लिए एक EPC कॉन्ट्रैक्ट दिया था. यह पूरी तरह घरेलू सौदा था और इसमें कोई विदेशी लेन-देन नहीं हुआ. काम पूरा हो गया है और अब उसका इससे लेना-देना नहीं है. मगर कंपनी के खिलाफ हुई छापेमारी में अनिल अंबानी को भी घसीटा जाने लगा. हालांकि उन्‍होंने इससे अपना बचाव किया.

बोर्ड से देना पड़ा इस्‍तीफा

अनिल अंबानी के कारोबार में गिरावट की वजह से निवेशकों का भरोसा डगमगा गया है. टेलीकॉम में आक्रामक दांव, डिफेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर में देरी जैसे फैक्‍टर्स से अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों के ग्रोथ में रोड़़ा डाला. वहीं कई कंपनियां दिवालिया हो गईं. मुंबई के सांताक्रूज़ स्थित कॉर्पोरेट ऑफिस को YES बैंक ने जब्त कर लिया. SEBI ने उन्हें लिस्टेड कंपनियों से दूर रहने का आदेश दिया, जिससे RPower और RInfra के बोर्ड से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.

बेटों के साथ दोबारा कमबैक की कोशिश

कर्ज में डूबने के बावजूद अनिल अंबानी ने कमबैक का मन बनाया और अपने बेटों जय अनमोल और जय अंशुल का सहारा लिया. जून में IDBI ट्रस्टीशिप ने RInfra के खिलाफ ₹88.68 करोड़ के डिफॉल्ट पर NCLT में दिवालिया प्रक्रिया शुरू की, लेकिन कंपनी ने कुछ ही दिनों में बकाया चुका दिया और NCLAT ने प्रक्रिया पर रोक लगा दी. इसके अलावा अगस्त में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली. BSES यमुना और BSES राजधानी को अगले चार साल में ₹28,483 करोड़ की रिकवरी की अनुमति मिली.

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रिन्यूएबल एनर्जी और डिफेंस ने बढ़ाई उम्‍मीदें

पुरानी गलतियों को छोड़ अनिल अंबानी अब नए सिरे से आगे बढ़ने के मूड में है. यही वजह है कि वो रिन्‍यूएबल एनर्जी और डिफेंस सेक्‍टर जैसे सेक्‍टर्स में अपनी किस्‍मत आजमा रहे हैं. इसके लिए उनकी कंपनियों ने एक के बाद एक कई करार किए हैं. RPower ने भूटान की Druk Holding के साथ मिलकर 500 MW सोलर प्लांट और Chamkharchhu-1 हाइड्रो प्रोजेक्ट की योजना बनाई है. वहीं उसकी सब्सिडियरी रिलायंस एनयू सनटेक को 930 MW सोलर-प्लस-स्टोरेज प्रोजेक्ट मिला है, जो भारत का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है. RInfra ने FY27 तक ₹3,000 करोड़ का डिफेंस एक्सपोर्ट टारगेट रखा है, जिसमें ₹1,500 करोड़ इसी साल हासिल करने की योजना है.