अनिल अंबानी ग्रुप पर फिर शिकंजा! 68 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी मामले में तीसरी गिरफ्तारी; नकली बैंक नेटवर्क का खुलासा

ED ने रिलायंस पावर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में तीसरी गिरफ्तारी की है. यह मामला रिलायंस NU BESS लिमिटेड से जुड़ा है. इस कंपनी ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) को 68.2 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी दी थी, जो बाद में फर्जी पाई गई. पहले इस कंपनी का नाम महाराष्ट्र एनर्जी जनरेशन लिमिटेड था. ED की जांच में पता चला कि बिस्वाल ट्रेडलिंक नाम की कंपनी फर्जी बैंक गारंटी देने का कारोबार करती थी.

अनिल अंबानी पर ईडी का एक्शन. Image Credit: Getty image

3rd arrest in Reliance Power: ED ने रिलायंस पावर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में तीसरी गिरफ्तारी की है. यह मामला कारोबारी अनिल अंबानी के ग्रुप की कंपनी रिलायंस पावर से जुड़ा है. आरोप है कि कंपनी ने 68 करोड़ रुपये की एक फर्जी बैंक गारंटी दी थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ED ने अमर नाथ दत्ता नाम के व्यक्ति को गुरुवार को गिरफ्तार किया. अदालत ने उन्हें चार दिन की ED कस्टडी में भेज दिया है. इससे पहले इस केस में ED ने रिलायंस पावर के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) अशोक कुमार पाल और ओडिशा की एक कंपनी बिस्वाल ट्रेडलिंक के प्रबंध निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल को गिरफ्तार किया था.

क्या हैं पूरा मामला?

यह मामला रिलायंस NU BESS लिमिटेड से जुड़ा है. इस कंपनी ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) को 68.2 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी दी थी, जो बाद में फर्जी पाई गई. पहले इस कंपनी का नाम महाराष्ट्र एनर्जी जनरेशन लिमिटेड था. ED की जांच में पता चला कि बिस्वाल ट्रेडलिंक नाम की कंपनी फर्जी बैंक गारंटी देने का कारोबार करती थी. यह कंपनी कथित तौर पर 8 फीसदी कमीशन लेकर बड़ी कंपनियों को नकली बैंक गारंटी उपलब्ध कराती थी. इस कंपनी के खिलाफ दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने नवंबर 2024 में एक FIR दर्ज की थी.

ऐसे किया गया फर्जीवाड़ा

जांच में यह भी सामने आया कि रिलायंस NU BESS लिमिटेड ने बैंक गारंटी फर्स्ट रैंड बैंक (First Rand Bank) के नाम से दी थी, जो कि मनीला, फिलीपींस में बताया गया था. लेकिन असल में इस बैंक की फिलीपींस में कोई शाखा है ही नहीं. यानी यह पूरी तरह से नकली गारंटी थी. ED का कहना है कि बिस्वाल ट्रेडलिंक कंपनी ने State Bank of India (SBI) के ईमेल डोमेन जैसा एक नकली ईमेल पता बनाया था. s-bi.co.in असली SBI के डोमेन sbi.co.in जैसा दिखता था. इसका इस्तेमाल उन्होंने यह दिखाने के लिए किया कि गारंटी असली है और SBI से आई है. इस फर्जी मेल के जरिए SECI को धोखा दिया गया.

अनिल अंबानी का नहीं है कोई लेना-देना

ED के मुताबिक, बिस्वाल ट्रेडलिंक कोई असली कारोबारी कंपनी नहीं थी. जांच में पाया गया कि इसका रजिस्टर्ड ऑफिस एक मकान में था, जो बिस्वाल के किसी रिश्तेदार का घर था. रिलायंस पावर ने इस पूरे मामले में कहा है कि कंपनी खुद धोखाधड़ी की शिकार हुई है. उनका कहना है कि कंपनी ने इस धोखाधड़ी की जानकारी नवंबर 2024 में शेयर बाजार को दी थी और अक्टूबर 2024 में दिल्ली पुलिस की EOW में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी. कंपनी ने साफ किया है कि अनिल अंबानी पिछले साढ़े तीन साल से रिलायंस पावर के बोर्ड में नहीं हैं और इस मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है.

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