अनिल अंबानी की रिलायंस इंफ्रा के लिए गुड न्यूज, कंपनी को मिला 526 करोड़ का ‘अवार्ड’; जानें- क्या था मामला
Reliance Infra vs Aravali Power: कंपनी ने बुधवार को कहा कि तीन सदस्यीय आर्बिट्रियल ट्रिब्यूनल ने बहुमत से यह माना है कि APCPL द्वारा अनुबंध की समाप्ति अवैध, अमान्य और गलत थी. रिलायंस इंफ्रा के शेयरों में गिरावट दर्ज कई गई, क्योंकि अनिल अंबानी के सेटलमेंट प्रस्ताव को सेबी ने ठुकरा दिया है.

Reliance Infra vs Aravali Power: अनिल अंबानी की रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए एक अच्छी खबर आई है. कंपनी ने गलत तरीके से कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने के मामले में अरावली पावर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (APCPL) के खिलाफ आर्बिट्रेशन पुरस्कार के रूप में 526 करोड़ रुपये जीते हैं. कंपनी ने बुधवार को कहा कि तीन सदस्यीय आर्बिट्रियल ट्रिब्यूनल ने बहुमत से यह माना है कि APCPL द्वारा अनुबंध की समाप्ति अवैध, अमान्य और गलत थी. इस कारण हुए नुकसान और लागत के लिए कंपनी के दावों को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है.
आर्बिट्रेशन फैसला
रिलायंस इंफ्रा के पक्ष में आर्बिट्रेशन फैसला ब्याज सहित 526.23 करोड़ रुपये का है. रिलायंस इंफ्रा ने 2018 में अरावली पावर कंपनी लिमिटेड द्वारा अनुबंध को गलत तरीके से समाप्त करने के खिलाफ आर्बिट्रियल ट्रिब्यूनल का सहारा लिया था. कंपनी ने कहा कि इस पुरस्कार से प्राप्त राशि का उपयोग रिलायंस इंफ्रा द्वारा कैपिटल ग्रोथ के लिए किया जाएगा.
कोर्ट ने मांगा था जवाब
1 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट ने अरावली पावर कंपनी की उस याचिका पर रिलायंस इंफ्रा से जवाब मांगा, जिसमें पिछले साल दिसंबर में अनिल अंबानी की कंपनी के खिलाफ जीते गए 600 करोड़ रुपये के मध्यस्थता फैसले को लागू करने की मांग की गई थी.
रिलायंस इन्फ्रा पर आरोप
रिलायंस इन्फ्रा पर कॉन्ट्रैक्ट के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए, अरावली पावर ने 2018 में अनुबंध समाप्ति का नोटिस जारी किया और आर्बिट्रियल ट्रिब्यूनल का रुख किया. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय मध्यस्थ न्यायाधिकरण ने बहुमत से निर्णय देते हुए 419 करोड़ रुपये की प्रिंसिपल राशि, 5 करोड़ रुपये की लागत और प्रिंसिपल राशि पर 149 करोड़ रुपये का ब्याज तथा भुगतान की वास्तविक तिथि तक मूल राशि पर भविष्य का ब्याज प्रदान किया.
रिलायंस इंफ्रा के शेयरों में गिरावट?
बुधवार को रिलायंस इंफ्रा के शेयर 5 फीसदी की गिरावट के साथ 257.40 पर बंद हुए. शेयर में गिरावट इसलिए आई, क्योंकि बाजार नियामक सेबी ने उद्योगपति अनिल अंबानी के यस बैंक में निवेश से जुड़े आरोपों के सेटलमेंट प्रस्ताव को ठुकरा दिया, जिससे उन पर 20.84 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगने का खतरा मंडरा रहा है. अनिल अंबानी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड में नहीं हैं, लेकिन प्रमोटरों में शामिल हैं.
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