सरकार ने मेट्रो और मिलियन-प्लस शहरों में जन औषधि केंद्र खोलने के नियम किए आसान, 2 केंद्रों के बीच न्यूनतम दूरी की शर्त को किया समाप्त
केंद्र सरकार ने मेट्रो शहरों और मिलियन-प्लस आबादी वाले शहरों में जन औषधि केंद्र (Jan Aushadhi Kendra) खोलने के नियमों में ढील दी है. अब इन शहरों में किसी भी दो केंद्रों के बीच न्यूनतम दूरी बनाए रखने की जरूरत नहीं होगी. यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना, प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) के तहत जन औषधि केंद्रों की पहुंच बढ़ाने और लोगों को सस्ती जेनरिक दवाइयां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है.

केंद्र सरकार ने मेट्रो शहरों और मिलियन-प्लस (10 लाख से अधिक) आबादी वाले शहरों में जन औषधि केंद्र खोलने से संबंधित न्यूनतम दूरी की शर्त के नियम को समाप्त कर दिया है. यह निर्णय 10 सितंबर 2025 से प्रभावी हो गया है. इसका उद्देश्य सस्ती जेनेरिक दवाइयों की पहुँच को बढ़ाना और Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadhi Pariyojana (PMBJP) के तहत 31 मार्च 2027 तक 25,000 जन औषधि केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य पूरा करना है.
क्या बदलाव हुआ है?
अब दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और अहमदाबाद जैसे 7 महानगरों में नए जन औषधि केंद्र एक-दूसरे के करीब खुल सकेंगे क्योंकि न्यूनतम दूरी की शर्त समाप्त कर दी गई है. फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइस ब्यूरो ऑफ इंडिया (PMBI) ने अपने 10 सितंबर के दस्तावेज में कहा है कि इन शहरों में अब कोई न्यूनतम दूरी लागू नहीं होगी. वहीं, 46 अन्य शहरों जिनकी जनसंख्या लगभग दस लाख (1 मिलियन) से अधिक है, वहां भी अब 1 किलोमीटर की दूरी की शर्त नहीं होगी. जिन 46 शहरों को न्यूनतम दूरी के नियम से राहत दी गई है उनका चयन 2011 की जनगणना के आधार किया गया है. इनमें पुणे, सूरत, जयपुर, कानपुर, लखनऊ, नागपुर, गाजियाबाद, इंदौर, कोयंबटूर और कोच्चि जैसे बड़े शहर शामिल हैं. हालांकि, ऐसे केंद्र जो अभी दो साल के पूरे नहीं हुए हैं, उनके लिए अभी भी 1 किलोमीटर की न्यूनतम दूरी बनाए रखने का नियम लागू रहेगा.
क्यों जरूरी था यह बदलाव?
अब उच्च आबादी वाले शहरी इलाकों में जन औषधि केंद्र खोलना आसान होगा, जिससे दवाइयों की उपलब्धता बढ़ेगी. जेनेरिक दवाइयाँ जो कि ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50‑90% सस्ती होती हैं उसके लिए आम जनता को सस्ता विकल्प मिलेगा. शहरी इलाकों में चिकित्सा सुविधाओं की पहुंच में सुधार होगा और दवाइयों की रेशियो‑नुकसान (drug deserts) की समस्या घटेगी. इससे स्वास्थ्य पर होने वाला घरेलू खर्च कम होगा. इसके अलावा नए केंद्र खुलने से रोजगार के अवसर मिलेंगे और कई उद्यमियों को लाभ होगा.
छोटे शहरों के लिए नियम रहेंगे यथावत
छोटे शहरों और कस्बों में अभी भी 1 किलोमीटर की न्यूनतम दूरी लागू रहेगी यानी वहां 1 किलोमीटर के दायरे में 2 केन्द्र नहीं खुल सकेंगे.
वर्तमान स्थिति
वर्तमान में देश में लगभग 17,000 जन औषधि केंद्र हैं. इन केंद्रों में 2,047 प्रकार की दवाइयाँ एवं 300 सर्जिकल आइटम्स बेचे जाते हैं. केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के अंतर्गत मार्च 2027 तक देशभर में 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है.
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