एक दिन में चांदी ने लगाई 4000 रुपये की छलांग, चौथे दिन भी सोना हुआ महंगा; रिकॉर्ड हाई पर दोनों मेटल
शुक्रवार को बाजार में कुछ ऐसा हुआ जिसने सोना-चांदी खरीदने वालों को हैरान कर दिया. लगातार बढ़त के बाद इनकी कीमतें अब एक नए मुकाम पर पहुंच चुकी हैं. जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में इसका असर निवेश और आम लोगों दोनों पर साफ दिखेगा.

Gold record high: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोने और चांदी की कीमतों ने नया इतिहास रच दिया. सोना पहली बार 1,13,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गया, जबकि चांदी भी 1,32,000 रुपये प्रति किलो तक चढ़ गई. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से अगले हफ्ते ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और वैश्विक स्तर पर बढ़ती मांग ने इस तेजी को हवा दी है.
लगातार चौथे दिन सोना उछला
ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के मुताबिक 99.9 फीसदी शुद्धता वाला सोना शुक्रवार को 700 रुपये बढ़कर 1,13,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ. पिछले कारोबारी सत्र में इसका भाव 1,13,100 रुपये था. वहीं 99.5 फीसदी शुद्धता वाला सोना 700 रुपये उछलकर 1,13,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. कैलेंडर वर्ष 2025 में अब तक सोना 34,850 रुपये यानी करीब 44 फीसदी बढ़ चुका है. पिछले साल 31 दिसंबर को यह 78,950 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था.
चांदी भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर
चांदी ने शुक्रवार को जबरदस्त छलांग लगाई. दो दिन की गिरावट के बाद चांदी 4,000 रुपये बढ़कर 1,32,000 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई. इससे पहले गुरुवार को यह 1,28,000 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई थी. साल 2025 में अब तक चांदी की कीमत 42,300 रुपये यानी करीब 47 फीसदी बढ़ी है. पिछले साल यह 89,700 रुपये प्रति किलो थी.
वैश्विक बाजार में रौनक
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने-चांदी की चमक बरकरार रही. स्पॉट गोल्ड 0.35 फीसदी बढ़कर 3,646.69 डॉलर प्रति औंस हो गया, जबकि चांदी 1.82 फीसदी चढ़कर 42.31 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी. विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए फेडरल रिजर्व की नीतियां, श्रम बाजार के आंकड़े और राजनीतिक माहौल आगे की दिशा तय करेंगे.
HDFC सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी का कहना है कि ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने बुलियन बाजार को मजबूती दी है. वहीं, LKP सिक्योरिटीज के जतिन त्रिवेदी का मानना है कि टैरिफ अनिश्चितता और डॉलर पर कम निर्भरता (डि-डॉलराइजेशन) के चलते सोने को प्रीमियम मिल रहा है. अबंस फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता ने कहा कि महंगाई की स्थिति और भू-राजनीतिक जोखिम सोने की कीमतों को आगे भी ऊंची कीमतों पर बनाए रख सकते हैं.
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