दिवाली से पहले बड़ी खुशखबरी! अगस्त में लगे झटके से उबरा कोर सेक्टर उत्पादन, सितंबर में 2% रही ग्रोथ
दिवाली से ठीक एक दिन पहले देश के औद्योगिक क्षेत्र से अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी खुशखबरी मिली है. देश के औद्योगिक उत्पादन की रीढ़ कहे जाने वाला कोर सेक्टर अगस्त में लगे झटके से उबर गया है.
सितंबर में साल-दर-साल आधार पर 8 कोर सेक्टर के उत्पादन में 2% बढ़ा है. अगस्त में इसमें 1.8% की गिरावट आई थी. अगस्त में आई गिरावट ने भारतीय उद्योग और अर्थव्यवस्था को लेकर कई तरह शंकाओं को जन्म दिया था. करीब 41 महीने बाद पहली बार घटा था.
बुधवार को उद्योग व व्यापार मंत्रालय ने Index of Eight Core Industries (ICI) जारी किया. इसमें सितंबर में देश के 8 कोर उद्योग के उत्पादन के आंकड़े साझा किए गए हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में कोर सेक्टर में 2% की वृद्धि हुई. खासतौर पर रिफाइनरी और सीमेंट सेक्टर के उत्पादन में सबसे ज्यादा बढ़त दर्ज की गई है.
यह वृद्धि आठ प्रमुख उद्योग की प्रगति को दर्शाती है. इसमें कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली शामिल हैं. ये 8 उद्योग औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का 40.27% प्रतिनिधित्व करते हैं. इस क्षेत्र का प्रदर्शन देश की औद्योगिक गतिविधि और आर्थिक स्वास्थ्य के लिए बैरोमीटर का काम करता है.
पहली छमाही में 4.2 फीसदी ग्रोथ
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक जून 2024 के लिए आठ कोर उद्योगों के सूचकांक की अंतिम वृद्धि दर 5.0 फीसदी रही है. इसके अलावा अप्रैल से सितंबर, 2024-25 के दौरान संचयी वृद्धि दर पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 4.2 फीसदी ज्यादा रही है.
कोयला उत्पादन 2.6 फीसदी बढ़ा
सितंबर, 2024 में 2023 की तुलना में कोयला उत्पादन 2.6 फीसदी बढ़ा है. अप्रैल से सितंबर के दौरान मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 5.9 फीसदी बढ़ा है. 8 कोर इंडेक्स में कोयला उत्पादन का भार 10.33 फीसदी रहता है.
कच्चे तेल का उत्पादन घटा
सितंबर, 2024 में सितंबर, 2023 की तुलना में उत्पादन में 3.9 फीसदी की गिरावट आई है. अप्रैल से सितंबर, 2024-25 के दौरान संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की तुलना में 2.1 फीसदी गिरा है. कच्चे तेल के उत्पादन का आईसीआई में 8.98 फीसदी भार रहता है.
प्राकृतिक गैस घटा
प्राकृतिक गैस का उत्पादन सितंबर, 2023 की तुलना में सितंबर, 2024 में 1.3 फीसदी घटा है. हालांकि, अप्रैल से सितंबर, 2024-25 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 2.0 फीसदी बढ़ा है. इंडेक्स में इसका भार 6.88 फीसदी रहता है.
पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पाद
पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादन सितंबर, 2023 की तुलना में सितंबर, 2024 में 5.8 फीसदी बढ़ा है. अप्रैल से सितंबर, 2024-25 के दौरान इसका संचयी सूचकांक भी पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 2.3 फीसदी बढ़ा है. इंडेक्स में इसका भार 28.04 फीसदी रहता है.
उर्वरक उत्पादन में बढ़ोतरी
सितंबर, 2024 में उर्वरक उत्पादन में सितंबर, 2023 की तुलना में 1.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसके साथ ही अप्रैल से सितंबर, 2024-25 के दौरान इसके संचयी सूचकांक में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 1.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसका इंडेक्स में भार 2.63 फीसदी रहता है.
इस्पात उत्पादन बढ़ा
आईसीआई में 17.92 फीसदी का भार रखने वाले इस्पात का उत्पादन सितंबर, 2023 की तुलना में 1.5 फीसदी बढ़ा है. अप्रैल से सितंबर, 2024-25 के दौरान भी इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 6.1 फीसदी बढ़ा है.
सीमेंट सेक्टर लीडर बनकर उभरा
सीमेंट सेक्टर आईसीआई में लीडर साबित हुआ है. 5.37 फीसदी का भार रखने वाले इस सेक्टर ने सितंबर, 2024 में सितंबर, 2023 की तुलना में 7.1 फीसदी की बढ़त दर्ज की है. अप्रैल से सितंबर, 2024-25 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 1.6 फीसदी बढ़ा है.
बिजली उत्पादन में हल्की गिरावट
इंडेक्स में 19.85 फीसदी का भार रखने वाले बिजली सेक्टर का उत्पादन सितंबर, 2024 में सितंबर, 2023 की तुलना में 0.5 फीसदी घटा है. अप्रैल से सितंबर, 2024-25 के दौरान भी इसके संचयी सूचकांक में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 5.9 फीसदी की कमी आई है.