HDFC Bank के CEO को सुप्रीम कोर्ट से झटका, FIR नहीं होगी रद्द; लीलावती ट्रस्ट ने ठोका है 1000 करोड़ का मुकदमा
HDFC Bank के सीईओ शशिधर जगदीशन को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली. लीलावती मेडिकल ट्रस्ट द्वारा दर्ज धोखाधड़ी की FIR को चुनौती देने वाली उनकी याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि यह मामला पहले से बॉम्बे हाई कोर्ट में 14 जुलाई को सुनवाई के लिए लिस्ट है.
HDFC Bank CEO: HDFC बैंक के एमडी और सीईओ शशिधर जगदीशन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. मुंबई स्थित लीलावती ट्रस्ट द्वारा उनके खिलाफ दर्ज की गई धोखाधड़ी और विश्वासघात की FIR को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि यह मामला पहले से ही बॉम्बे हाई कोर्ट में 14 जुलाई को सुनवाई के लिए लिस्ट है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने यह साफ कर दिया कि वे इस मामले के तथ्यों पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. कोर्ट ने कहा कि यदि 14 जुलाई को हाई कोर्ट में सुनवाई नहीं होती है तो याचिकाकर्ता दोबारा सुप्रीम कोर्ट आ सकता है. कोर्ट ने हाई कोर्ट से अपेक्षा जताई कि वह तय तारीख पर मामले की सुनवाई करेगा.
जगदीशन पर लगे गंभीर आरोप
लीलावती ट्रस्ट का आरोप है कि शशिधर जगदीशन ने 2.05 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी. यह राशि ट्रस्ट की गवर्नेंस पर कंट्रोल बनाए रखने के लिए चे्तन मेहता ग्रुप को सलाह देने के एवज में ली गई थी. ट्रस्ट ने आरोप लगाया कि बैंक के सीईओ के पद का दुरुपयोग कर उन्होंने एक निजी संगठन के आंतरिक मामलों में दखल दिया.
FIR और जांच की मांग
यह FIR मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 175(3) के तहत दर्ज की गई थी. ट्रस्ट ने यह भी मांग की है कि इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराई जाए. ट्रस्ट का कहना है कि यह पूरी साजिश ट्रस्ट को लूटने और फैसलों को प्रभावित करने के लिए रची गई थी.
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बॉम्बे हाई कोर्ट में तीन बेंच हट चुकी हैं
जगदीशन की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने बताया कि उन्होंने पहले ही बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी लेकिन तीन पीठों ने खुद को मामले से अलग कर लिया. उनका कहना था कि यह एक निजी विवाद है जिसमें बैंक और उसके सीईओ को बेवजह घसीटा जा रहा है.