अब 20 साल तक पुराने विमान होंगे इम्पोर्ट, DGCA ने नियमों में बदलाव का रखा प्रस्ताव
भारतीय विमानन नियामक DGCA ने विमान इंपोर्ट नियमों में बदलाव का प्रस्ताव रखा है. अब 20 साल तक पुराने प्रेशराइज्ड और 25 साल तक पुराने अनप्रेशराइज्ड विमान आयात किए जा सकेंगे. फिलहाल भारत में 870 विमान लीज पर हैं और एयरलाइंस ने 1,400 से अधिक नए विमान ऑर्डर किए हैं.

भारतीय विमानन नियामक DGCA अब ऐसे नियमों में बदलाव करने जा रहा है, जिनके तहत एयरलाइंस को 20 साल तक पुराने विमान आयात करने की अनुमति मिल सकेगी. अभी तक केवल 18 साल तक पुराने प्रेशराइज्ड विमान आयात करने की ही अनुमति थी, वह भी कुछ शर्तों के साथ. DGCA ने इसके लिए Civil Aviation Requirements (CAR) में संशोधन का प्रस्ताव रखा है, जो शेड्यूल, नॉन-शेड्यूल, चार्टर, जनरल एविएशन और दूसरे ऑपरेशंस पर लागू होगा.
क्या है नया प्रस्ताव?
नए प्रस्ताव के मुताबिक, प्रेशराइज्ड विमान (Pressurised Aircraft) यानी वे विमान, जिनकी कैबिन (यात्रियों और पायलट के बैठने की जगह) को आर्टिफिशियल तरीके से हवा के प्रेशर से कंट्रोल किया जाता है, अब 20 साल तक पुराने इम्पोर्ट किए जा सकेंगे. हालांकि, शर्त यह होगी कि विमान की उम्र 20 साल से अधिक न हो. बता दें, ये वही विमान होते हैं जो 10,000 फीट से ऊपर उड़ सकते हैं, जैसे नैरो-बॉडी और वाइड-बॉडी प्लेन.
साथ ही प्रस्ताव में अनप्रेशराइज्ड विमान यानी छोटे ट्रेनर प्लेन या चार्टर विमान, जो 10,000 फीट से नीचे उड़ते हैं और जिनमें कैबिन प्रेशर कंट्रोल सिस्टम नहीं होता, अब 25 साल तक पुराने आयात किए जा सकेंगे. पहले यह सीमा 20 साल थी. इसके लिए हर मामले की जांच रिकॉर्ड के आधार पर की जाएगी. हालांकि शर्त यह होगी कि विमान ने पिछले 6 महीनों में कम से कम 50 घंटे उड़ान भरी हो.
भारत में विमान की मौजूदा स्थिति
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अभी भारत में 870 विमान लीज पर हैं. इनमें से 750 विमान शेड्यूल्ड ऑपरेशंस (यानी रेगुलर पैसेंजर फ्लाइट्स) में हैं. जबकि 120 विमान नॉन-शेड्यूल्ड ऑपरेशंस (जैसे चार्टर फ्लाइट्स) में उपयोग हो रहे हैं. इसके अलावा, भारतीय एयरलाइंस ने अभी 1,400 से ज्यादा नए विमान ऑर्डर कर रखे हैं.
क्यों जरूरी है यह बदलाव?
यह बदलाव इसलिए जरूरी हो गया है क्योंकि ग्लोबल सप्लाई चेन की वजह से नए विमानों की डिलीवरी में देरी हो रही है. ऐसे में एयरलाइंस शॉर्ट-टर्म लीज के जरिए विमान ले रही हैं. इन नए नियमों से एयरलाइंस को लीजिंग विकल्पों में ज्यादा फ्लेक्सबिलिटी मिलेगा. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा एविएशन बाजार है. ऐसे में अनुमान है कि साल 2030 तक यात्री यातायात 500 मिलियन (50 करोड़) तक हो जाएगा.
इसे भी पढें- JAL के अधिग्रहण की रेस में अडानी पर भारी पड़ी वेदांता, 17,000 करोड़ की बोली लगाकर बनी विजेता
Latest Stories

JAL के अधिग्रहण की रेस में अडानी पर भारी पड़ी वेदांता, 17,000 करोड़ की बोली लगाकर बनी विजेता

SEBI के नाम पर ठग बना रहे निशाना, नकली नोटिस और ईमेल से रहें सावधान; नियामक ने जारी की चेतावनी

700 करोड़ की दहलीज पर विदेशी मुद्रा भंडार, रुपये की कमजोरी और टैरिफ संकट के बीच 3.5 अरब डॉलर बढ़ा
