फेड पर ट्रंप का दबाव, सोने की शरण में निवेशक, 300 रुपये की तेजी के साथ भाव रिकॉर्ड हाई के करीब
फेड पर ट्रंप के दबाव और गवर्नर Lisa Cook को हटाने की धमकी के बीच निवेशक गोल्ड जैसे सुरक्षित विकल्पों की तरफ रुख कर रहे हैं. इसका असर भारतीय बाजार पर देखने को मिला, जहां सोने के दाम में 300 रुपये तेजी देखने को मिली, जिससे भाव रिकॉर्ड हाई के करीब पहुंच गया है.
अमेरिकी केंद्रीय बैंक US Fed पर ट्रंप के बढ़ते दबाव का असर निवेशकों के सेंटिमेंट पर देखने को मिल रहा है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता को लेकर बढ़ती चिंता और ट्रंप की तरफ से फेड गवर्नर लिसा कुक को हटाने की धमकी के बाद निवेशकों ने गोल्ड जैसे सेफ हैवेन एसेट्स का रुख किया है. इसका असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिला है. गुरुवार को दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने का दाम 300 रुपये बढ़कर 1,01,570 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया.
PTI की रिपोर्ट में ऑल इंडिया सराफा एसोसिएशन के हवाले से बताया गया है कि 99.9% प्योरिटी वाला सोना बुधवार को 1,01,270 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. गुरुवार को यह 300 रुपये बढ़कर 1,01,570 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. वहीं, 99.5% प्योरिटी वाला सोना 200 रुपये बढ़कर 1,01,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. इसके अलावा चांदी का भाव अपने ऑल टाइम हाई 1,20,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर रहा.
रेट कट की उम्मीद
ट्रेडर्स के मुताबिक कमजोर अमेरिकी डॉलर और यूएस फेड की तरफ से ब्याज दर में कटौती की संभावना के चलते भी निवेशक फिलहाल सोने में निवेश कर रहे हैं. इसके अलावा टैरिफ विवाद ने भी अनिश्चितता को बढ़ाया है. न्यूयॉर्क में स्पॉट गोल्ड $8.09 या 0.24% बढ़कर $3,405.55 प्रति औंस पर ट्रेड कर रहा है, जबकि सिल्वर 1% ऊपर $38.97 प्रति औंस पर पहुंच गया.
ट्रंप बनाम लिसा कुक विवाद
HDFC Securities के सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी का कहना है कि गोल्ड की मजबूती ट्रंप और फेड गवर्नर लिसा कुक के बीच बढ़ते विवाद के चलते भी दिखी है. कुक की कानूनी टीम ने साफ किया है कि वे ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर करेंगी. इस केस से साफ होगा कि अमेरिकी राष्ट्रपति का फेड पर कितना कंट्रोल है.
मार्केट आउटलुक
Kotak Securities की Kaynat Chainwala के अनुसार सोने की कीमतें $3,390 प्रति औंस से ऊपर बनी हुई हैं और निवेशकों की नजर अब अमेरिकी GDP और जॉबलेस क्लेम्स जैसे आंकड़ों पर है. ये डेटा फेड की अगली पॉलिसी दिशा पर संकेत देंगे. कुल मिलाकर, फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता पर बढ़ते सवाल, ट्रंप की आक्रामक पॉलिटिक्स और ग्लोबल इकोनॉमिक अनिश्चितताओं ने गोल्ड की कीमतों को फिर से रफ्तार दी है.