Nomura का दावा नवंबर तक घटकर 25 फीसदी रह जाएगा भारत पर टैरिफ, RBI से रेट कट की उम्मीद
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से होने वाले आयात पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है. इसकी वजह से अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए भारतीय उत्पादों को खरीदना महंगा हो गया है. इस मामले में Nomura की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अमेरिका की तरफ से भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ को नवंबर तक घटाकर 25% तक किया जा सकता है.
Nomura की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी की तरफ से भारतीय निर्यात पर जो टैरिफ लगाया गया है, वह अस्थायी है. नोमुरा एक वैश्विक वित्तीय संस्थान है, जो खासतौर पर निवेश के लिए जाना जाता है. नोमुरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कदम उन भारतीय निर्यातक क्षेत्रों के लिए राहत साबित देगा, जो फिलहाल हाई टैरिफ से प्रभावित हो रहे हैं. इन सेक्टर्स में टैक्टाइल, सीफूड और जूलरी प्रमुख हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति का कहना है कि भारत पर 25 फीसदी जवाबी टैरिफ लगाया गया है, जबकि 25 फीसदी पेनाल्टी टैरिफ है. क्योकि, भारत रूस से तेल खरीद कर यूक्रेन में युद्ध को फंड कर रहा है.
ट्रंप के इस अनर्गल बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण और बेतुका करार दिया है. इसके साथ ही भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका से दो टूक कहा है कि अगर अमेरिका को रूसी तेल से परहेज है, तो भारत से रिफाइन ऑयल आयात नहीं करें. बहरहाल, दोनों देशों के बीच तल्खी लगातार बढ़ रही है. खासतौर ट्रंप और उनके प्रशासन के प्रमुख अधिकारी भारत पर दबाव बनाने के लिए बेतुकी बयानबाजी कर रहे हैं. इस स्थिति को देखते हुए समझौते की उम्मीदें कम हो रही हैं. लेकिन, नोमुरा की रिपोर्ट इसके विपरीत दावा करती है.
GDP वृद्धि दर में संशोधन
टैरिफ के अलावा Nomura ने भारत की FY26 के लिए GDP वृद्धि दर पर भी अपना का अनुमान जारी किया है. नोमुरा का मानना है कि अब भारत की इकोनॉमी 6.2% की जगह 6% तक ग्रोथ रेट हासिल कर पाएगी. इसके पीछे नोमुरा ने कमजोर निर्यात प्रदर्शन, रोजगार में कमी और निजी निवेश में सुस्ती को प्रमुख कारण माना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू मांग और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं GDP ग्रोथ रेट को प्रभावित कर रही हैं.
RBI की संभावित दर कटौती
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अक्टूबर और दिसंबर 2025 में दो बार दरें घटा सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, मौद्रिक दरों में कटौती से निवेशकों और उपभोक्ताओं को सस्ती क्रेडिट उपलब्ध होगी, जिससे आर्थिक विकास को समर्थन मिलेगा.
वित्तीय बाजारों पर असर
टैरिफ में संभावित कटौती और RBI की तरफ से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से शेयर बाजार में निवेशकों का भरोसा बढ़ सकता है. निर्यात पर निर्भर उद्योगों में शेयरों की कीमतों में तेजी आने की संभावना है.
विशेषज्ञों की राय
Nomura की रिपोर्ट अमेरिकी-भारतीय व्यापार संबंधों और घरेलू आर्थिक नीतियों के बीच संतुलन को समझने में अहम संकेत देती है. यदि अमेरिका टैरिफ में कटौती करता है और RBI दरों में कमी करता है, तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए दोनों लिहाज से यह निवेशकों के लिए सकारात्मक साबित होगा.
इसकी वजह से निर्यात बढ़ेगा और आंतरिक आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी. Nomura का यह अनुमान निवेशकों और व्यापार जगत के लिए अहम संकेत है. नवंबर तक टैरिफ में संभावित कमी और RBI की तरफ से दरों में कटौती के साथ, भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता और विकास दोनों की संभावना बढ़ रही है.