
Anti-Profiteering Law की हो रही है वापसी , क्या सच में सस्ता होगा सामान?
जब सरकार टैक्स में कटौती करती है तो सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि क्या इसका फायदा सचमुच उपभोक्ताओं तक पहुंचता है? नियम के मुताबिक टैक्स घटने पर चीजें सस्ती होनी चाहिए, लेकिन अक्सर कंपनियां कच्चे माल, ईंधन और लॉजिस्टिक्स लागत का हवाला देकर दाम नहीं घटातीं. इसी समस्या से निपटने के लिए जीएसटी के तहत राष्ट्रीय एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी (NAA) बनाई गई थी, ताकि टैक्स कटौती का लाभ जनता तक पहुंचे. हालांकि लंबे विवाद और देरी के कारण इसे बंद कर दिया गया. अब जीएसटी 2.0 में सरकार दो साल के लिए एंटी-प्रॉफिटियरिंग नियम वापस लाने की योजना बना रही है. सवाल यह है कि क्या यह वास्तव में उपभोक्ताओं की रक्षा करेगा या सिर्फ औपचारिकता साबित होगा? सबसे बड़ी चिंता यही है कि कंपनियां टैक्स कटौती का लाभ ग्राहकों को देंगी या खुद मुनाफा कमा लेंगी. अब सबकी नजरें जीएसटी 2.0 पर टिकी हैं.
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