AHPI का बड़ा फैसला, 1 सितंबर से Bajaj Allianz के ग्राहकों को 15000 हॉस्पिटलों में नहीं मिलेगी कैशलेस सुविधा

देशभर के हॉस्पिटल और हेल्थ इंस्टीट्यूट्स का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन AHPI ने बड़ा फैसला किया है. 1 सितंबर से AHPI के सदस्य हॉस्पिटलों में Bajaj Allianz के पॉलिसीधारकों के लिए कैशलेस सुविधा नहीं मिलेगी. इसके साथ ही Care Health को भी नोटिस दिया है.

हेल्थ इंश्योरेंस Image Credit: Getty image

देशभर के 15 हजार हॉस्पिटलों और हेल्थ इंस्टीट्यूट्स में अब Bajaj Allianz General Insurance के हेल्थ इंश्योरेंस से इलाज कराने वालों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक इन हॉस्पिटलों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया (AHPI) ने फैसला किया है कि इसके सदस्य 1 सितंबर से Bajaj Allianz के पॉलिसीधारकों को कैशलेस ट्रीटमेंट की सुविधा नहीं देंगे.

क्यों उठाया यह बड़ा कदम?

AHPI का कहना है कि यह कदम हॉस्पिटलों में लगातार बढ़ती शिकायतों के बाद उठाया गया है. संगठन से जुड़े तमाम हॉस्पिटलों का आरोप है कि Bajaj Allianz की तरफ से न केवल रिइम्बर्समेंट रेट्स बढ़ाने से इन्कार किया जा रहा है, बल्कि पुराने कॉन्ट्रैक्ट्स के आधार पर तय टैरिफ को और घटाने का दबाव भी बनाया जा रहा है.

क्या हैं शिकायतें और आरोप?

AHPI के मुताबिक संगठन से जुड़े हॉस्पिटलों ने ने कई समस्याएं सामने रखी हैं. मसलन इंश्योरेंस कंपनी की तरफ से अक्सर मनमाने तरीके से एकतरफा कटौतियां की जाती हैं. इसके अलावा भुगतान में देरी, कैशलेस इलाज के लिए जरूरी प्री-ऑथराइजेशन और डिस्चार्ज अप्रूवल में बहुज ज्यादा वक्त लेना. इसके साथ ही संगठन ने दावा किया कि उसने पहले भी कंपनी को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, तब यह फैसला

Bajaj Allianz ने क्या कहा?

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए Bajaj Allianz General Insurance ने कहा कि AHPI का फैसला हैरान करने वाला है. कंपनी के हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन टीम के हेड भास्कर नेरुरकर ने कहा, “हमारे लिए हमेशा से पॉलिसीधारकों को बेहतरीन अनुभव, फेयर रेट्स और क्वालिटी सर्विस देना प्राथमिकता रही है. हम हॉस्पिटलों के साथ सक्रिय रूप से जुड़कर किसी भी क्लेम या विवाद को निपटाते हैं. हमें भरोसा है कि AHPI और हॉस्पिटलों के साथ मिलकर ग्राहकों के हित में समाधान निकलेगा.”

मेडिकल इंफ्लेशन का दबाव

AHPI के डायरेक्टर जनरल डॉ. गिर्धर ग्यानी ने कहा कि भारत में मेडिकल इंफ्लेशन हर साल 7–8% के आसपास है. दवाओं, कंज्यूमेबल्स, यूटिलिटीज और अन्य लागतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा, “पुराने रेट्स पर सेवाएं जारी रखना या उन्हें और घटाना पूरी तरह अनसस्टेनेबल है. इससे मरीजों की देखभाल प्रभावित होगी, जिसे AHPI और उसके सदस्य स्वीकार नहीं करेंगे.”

Care Health को भी नोटिस

AHPI ने इसी तरह के मामले में Care Health Insurance को भी नोटिस जारी किया है और 31 अगस्त, 2025 तक जवाब मांगा है. यदि समाधान नहीं हुआ, तो Care Health पॉलिसीधारकों को भी कैशलेस सुविधा को बंद किया जाएगा. वहीं, इस मामले में Care Health के सीओओ मनीष डोडेजा ने कहा, “हमें आज ही एक ई-मेल मिला है जिसमें हॉस्पिटलों के नाम या टैरिफ विवाद का कोई विवरण नहीं है. हमने कुछ टर्शियरी हॉस्पिटल्स से बात की, उन्हें हमारी सेवाओं को लेकर कोई समस्या नहीं है. हमें भरोसा है कि ग्राहकों के हित में सभी मुद्दे सुलझ जाएंगे.”