GST रेट घटा फिर भी GYM-Salon में देने पर रहे अधिक चार्ज, ITC पर फंसा है पेंच
जीएसटी दरों में कटौती के बाद उम्मीद थी कि सामान सस्ते होंगे, लेकिन एक महीने बाद भी आम लोगों को फायदा नहीं मिला. ऑटोमोबाइल सेक्टर को लाभ हुआ, जहां धनतेरस पर लाखों गाड़ियां बिकीं. हालांकि, हेल्थ, फिटनेस और पर्सनल केयर सेक्टर में जिम-सैलून ने फीस बढ़ा दी. 18% से 5% जीएसटी घटने के बावजूद, ITC क्लेम न कर पाने से चार्ज बढ़े.

22 सितंबर से पूरे देश में GST की नई दरें लागू हो गई हैं. पहले के मुकाबले अब लगभग सभी सामानों पर, लग्जरी सामान को छोड़कर, GST की दरें कम हो गई हैं. लोग उम्मीद कर रहे थे कि इससे सामान सस्ते हो जाएंगे. लेकिन नई दरें लागू हुए एक महीने बाद भी आम लोगों को ज्यादा फायदा नहीं मिला है.
हालांकि, कुछ सेक्टरों को टैक्स कम होने का बड़ा लाभ मिला है, जैसे ऑटोमोबाइल सेक्टर. इस बार धनतेरस पर 1 लाख से ज्यादा गाड़ियां बिकीं, जिससे पता चलता है कि कई गाड़ियों की कीमतें लाखों रुपये तक कम हुई हैं. जीएसटी रेट में कटौती के बावजूद हेल्थ, फिटनेस और पर्शनल केयर सेक्टर पर भी इसका असर नहीं दिख रहा है. GST रेट कट के बाद GYM-Salon को चार्ज कम करना चाहिए था, लेकिन इसके उलट उन्होंने फीज बढ़ा दी है. इसके पीछे ITC क्लेम नहीं कर पाने का तर्क दिया जाता है. इस रिपोर्ट में आप जानेंगे कि जीएसटी की दर में कमी होने बाद भी GYM-Salon की फीस क्यों बढ़ी और ITC है क्या, जिसके क्लेम नहीं कर पाने की वजह से चार्ज बढ़ाया गया है.
GST रेट घटा, GYM-Salon का चार्ज बढ़ा
सैलून, जिम और योगा क्लब में लगने वाले चार्ज पर पहले 18 फीसदी जीएसटी लगता था. दर में कटौती के बाद इस पर 5 फीसदी की दर से जीएसटी लग रहा है. अगर पहले 1000 रुपये GYM में फीस देते थे, तो इसमें 847.50 रुपये फीस और लगभग 153 रुपये जीएसटी के रूप में देने पड़ रहे थे. जीएसटी की नई दर के अनुसार, अब आपको केवल 50 रुपये ही जीएसटी के रूप में देने पड़ रहे हैं.
ET की एक रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में 22 सितंबर से सैलून चैन, फिटनेस सेंटर, जिम और योगा क्लब ने फीस में 10 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी की है. ये तब हो रहा है जब यूजर्स को जीएसटी रेट कट के कारण 103 रुपये कम जीएसटी देने पड़ रहे हैं.
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क्यों बढ़ा चार्ज?
इक्विपमेंट, रेट और अन्य मद में खर्च होने वाली राशि पर व्यापारी ITC क्लेम नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए कंपनियां आईटीसी क्लेम नहीं कर पाने की वजह से होने वाले नुकसान की भारपाई चार्ज बढ़ा भरपाई कर रहे हैं.
क्या है ITC?
जब कोई व्यापारी या व्यवसायी अपने बिजनेस में इस्तेमाल करने के लिए कोई सामान खरीदता या सेवा लेता है, तो उस पर उसे GST देना पड़ता है. बाद में जब वही व्यापारी अपने ग्राहकों को सामान या सेवा बेचता है, तो वो भी उनसे GST वसूलता है. अब, ताकि एक ही टैक्स बार-बार न लगे, सरकार ने Input Tax Credit (ITC) की सुविधा दी है. उदाहरण के तौर पर मान लीजिए आपने ₹10,000 का माल खरीदा, जिस पर ₹1,800 (18%) GST दिया. आपने वही माल ₹15,000 में बेचा, जिस पर ₹2,700 (18%) GST ग्राहकों से लिया. ब आपको सरकार को पूरे ₹2,700 नहीं देने होंगे, क्योंकि आपने पहले ही ₹1,800 GST दे रखा है. इसलिए आपको सरकार को केवल ₹900 (₹2,700 – ₹1,800) जमा करने होंगे.यही ₹1,800 आपका Input Tax Credit कहलाता है.
GST 2.0 में ITC को खत्म कर दिया गया है. यही वजह से कि व्यापारी आईटीसी नहीं हो पाने की वजह से अतिरिक्त बोझ यूजर पर डाल रहे हैं.
कितना बढ़ा है बाजार?
बाजार | 2024 | 2033 |
---|---|---|
ब्यूटी सैलून बाजार (₹ करोड़) | 1,01,355 | 2,00,013* |
जिम और फिटनेस बाजार (₹ करोड़) | 16,200 | 37,700* |
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