भारत का चीन को एक्सपोर्ट तेजी से बढ़ा, लेकिन मंडरा रहा 106 अरब डॉलर के ट्रेड डेफिसिट का खतरा
अप्रैल से नवंबर तक, शिपमेंट पिछले साल के 9.2 अरब डॉलर से 33 फीसदी बढ़कर 12.2 अरब डॉलर हो गया. पेट्रोकेमिकल फीडस्टॉक के तौर पर इस्तेमाल होने वाला नेफ्था सबसे बड़ा योगदानकर्ता था. इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में भी तेजी से, लेकिन बहुत चुनिंदा बढ़ोतरी देखी गई.
नवंबर 2025 में भारत का चीन को एक्सपोर्ट लगभग 90 फीसदी बढ़ गया, लेकिन यह बढ़ोतरी बड़े पैमाने पर ग्रोथ का संकेत नहीं है. रिपोर्ट के अनुसार, यह बढ़ोतरी कुछ खास प्रोडक्ट्स तक ही सीमित है, जबकि चीनी इंपोर्ट पर भारत की निर्भरता अभी भी बहुत ज्यादा है. नवंबर में चीन को एक्सपोर्ट बढ़कर 2.2 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल इसी महीने की तुलना में 90 फीसदी अधिक है.
नेफ्था का सबसे अधिक एक्सपोर्ट
अप्रैल से नवंबर तक, शिपमेंट पिछले साल के 9.2 अरब डॉलर से 33 फीसदी बढ़कर 12.2 अरब डॉलर हो गया. पेट्रोकेमिकल फीडस्टॉक के तौर पर इस्तेमाल होने वाला नेफ्था सबसे बड़ा योगदानकर्ता था, जिसका एक्सपोर्ट अक्टूबर में 512 फीसदी और अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 172 फीसदी बढ़कर 1.4 अरब डॉलर हो गया. GTRI की एक नई रिपोर्ट में इस बात की जानकारी सामने आई है.
चुनिंदा बढ़ोतरी
इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में भी तेजी से, लेकिन बहुत चुनिंदा बढ़ोतरी देखी गई. अक्टूबर में प्रिंटेड सर्किट बोर्ड का एक्सपोर्ट बढ़कर 296.5 मिलियन डॉलर हो गया, जो पिछले साल के मुकाबले 8,577 फीसदी की बढ़ोतरी है, जबकि अप्रैल से अक्टूबर तक शिपमेंट 2,000 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 418 मिलियन डॉलर हो गया. मोबाइल फोन कंपोनेंट का एक्सपोर्ट 82 फीसदी बढ़कर 362 मिलियन डॉलर हो गया. यह एक असामान्य ट्रेंड है, क्योंकि भारत इन चीजों का बड़ी मात्रा में चीन से इंपोर्ट करता है.
इसके उलट, अक्टूबर में आयरन ओर का एक्सपोर्ट 1.2 फीसदी और अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 30 फीसदी कम हुआ, जबकि झींगा मछली के एक्सपोर्ट में सिर्फ़ मामूली बढ़ोतरी हुई. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कुल मिलाकर, चीन को भारत का एक्सपोर्ट ग्रोथ बड़े पैमाने पर नहीं है. यह मुख्य रूप से नेफ्था और कुछ खास इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स पर केंद्रित है, न कि भारत के पारंपरिक एक्सपोर्ट बास्केट पर.’
अस्थिर टॉप एक्सपोर्ट
चीन को भारत के तीन सबसे बड़े निर्यात- नेफ्था, लौह अयस्क और झींगा में साल-दर-साल भारी उतार-चढ़ाव देखा गया है. नैफ्था का एक्सपोर्ट FY2022 में 1.83 अरब डॉलर से बढ़कर FY2023 में 1.91 अरब डॉलर हो गया, फिर FY2024 में तेजी से गिरकर 1.26 अरब डॉलर हो गया और FY2025 में लगभग स्थिर रहा. आयरन ओर का एक्सपोर्ट FY2022 में 2.49 अरब डॉलर से गिरकर FY2023 में 1.40 अरब डॉलर हो गया, FY2024 में बढ़कर 3.64 अरब डॉलर हो गया, और FY2025 में फिर से गिरकर 1.89 अरब डॉलर हो गया.
झींगा का एक्सपोर्ट स्थिर
झींगा का एक्सपोर्ट तुलनात्मक रूप से ज्यादा स्थिर रहा, लेकिन फिर भी इसमें उतार-चढ़ाव आया, जो FY2022 में 823 मिलियन डॉलर से बढ़कर FY2023 में 924 मिलियन डॉलर हो गया, फिर FY2024 में 798 मिलियन डॉलर और FY2025 में 773 मिलियन डॉलर हो गया.
GTRI की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यह असमान पैटर्न दिखाता है कि चीन को भारत के मुख्य एक्सपोर्ट में स्थिरता की कमी है और ये लगातार मार्केट एक्सेस या डाइवर्सिफिकेशन को दिखाने के बजाय, चीनी डिमांड, कीमतों और पॉलिसी में बदलाव के साथ ज़्यादातर बढ़ते या घटते हैं.’
व्यापार घाटा नए रिकॉर्ड पर पहुंचने वाला है
हाल ही में एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी के बावजूद, चीन के साथ भारत का व्यापार असंतुलन लगातार बढ़ रहा है. एक्सपोर्ट 2021 में 23.0 अरब डॉलर से गिरकर 2022 में 15.2 अरब डॉलर हो गया, 2023 में 14.5 अरब डॉलर पर पर कम रहा और 2024 में थोड़ा बढ़कर 15.1 अरब डॉलर हो गया. 2025 में एक्सपोर्ट 17.5 अरब डॉलर होने का अनुमान है – जो अभी भी पहले के लेवल से कम है.
ट्रेड डेटा में अंतर
भारत-चीन ट्रेड डेटा में भी काफी अंतर दिख रहा है. नवंबर में, चीन ने भारतीय एक्सपोर्ट 1.9 अरब डॉलर रिकॉर्ड किया, जबकि भारत ने 2.2 अरब डॉलर बताया. जनवरी-नवंबर के लिए, चीन के डेटा के अनुसार एक्सपोर्ट 17.5 अरब डॉलर था, जबकि भारत के अनुसार यह 16.0 अरब डॉलर था. इंपोर्ट के मामले में, चीन ने नवंबर में 11.1 अरब डॉलर और साल-दर-साल 123.1 अरब डॉलर बताया, जो भारत के 10.3 अरब डॉलर और 113.2 अरब डॉलर के आंकड़ों से ज्यादा है.