डॉलर के मुकाबले रुपये की मजबूत वापसी, 54 पैसे की तेजी के साथ 89.66 पर हुआ बंद; इन 3 वजहों से मिला बूस्ट
भारतीय रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले जोरदार मजबूती के साथ बंद हुआ. कॉरपोरेट सेक्टर से डॉलर की आवक, घरेलू शेयर बाजार में तेजी और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के चलते रुपया 54 पैसे चढ़कर 89.66 प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया. जानिए रुपये में आई इस मजबूती के पीछे की वजहें और आगे की संभावित चाल.
Dollar Rupees Strength: शुक्रवार, 19 दिसंबर को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूत होकर बंद हुआ. कारोबार के अंत में रुपया 54 पैसे की तेजी के साथ 89.66 प्रति डॉलर (प्रोविजनल) के स्तर पर बंद हुआ. रुपये को यह मजबूती कॉरपोरेट सेक्टर से डॉलर की इनफ्लो, घरेलू शेयर बाजार में तेजी और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से मिली. फॉरेक्स बाजार के जानकारों के मुताबिक, हाल के दिनों में रिकॉर्ड निचले स्तर तक पहुंचने के बाद रुपये में यह सुधार देखने को मिला है. माना जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से बाजार में हस्तक्षेप किए जाने से भी रुपये को सहारा मिला.
रिकॉर्ड हाई के बाद रुपया!
इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में रुपया 90.19 प्रति डॉलर पर खुला था. शुरुआती गिरावट के बाद रुपये ने जोरदार वापसी की और दिन के कारोबार में 89.25 का ऊपरी स्तर भी छू लिया. यह अपने पिछले बंद भाव की तुलना में करीब 95 पैसे की मजबूती को दर्शाता है. अंत में रुपया 89.66 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से 54 पैसे ज्यादा है. गौरतलब है कि गुरुवार, 18 दिसंबर को भी रुपये में 18 पैसे की मजबूती आई थी और वह 90.20 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. इससे पहले मंगलवार को रुपया पहली बार 91 प्रति डॉलर के स्तर को पार कर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था, जिससे बाजार में चिंता बढ़ गई थी.
क्यों आ रही मजबूती?
मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी के अनुसार, रुपये में लगातार तीसरे सेशन में मजबूती देखने को मिली है. उन्होंने कहा कि-
- कॉरपोरेट कंपनियों की ओर से डॉलर की बिक्री,
- कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और
- घरेलू शेयर बाजार की मजबूती
इन वजहों ने रुपये को सहारा दिया है. हालांकि, चौधरी का मानना है कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में हो रही देरी के कारण रुपये पर आगे भी दबाव बना रह सकता है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रुपये को निचले स्तरों पर सपोर्ट दे सकती है. उनके अनुसार, निकट भविष्य में डॉलर-रुपया का स्पॉट रेट 89.90 से 90.50 के दायरे में रह सकता है.
कहां कारोबार कर सकता है रुपया?
एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट (कमोडिटी और करेंसी) जतिन त्रिवेदी ने भी रुपये की मजबूती पर अपनी राय दी. उन्होंने कहा कि रुपया तेज मजबूती के साथ 89.60 के आसपास पहुंचा है, जो 0.7 फीसदी से ज्यादा की बढ़त को दर्शाता है. उनके मुताबिक, 91 के पास निचले स्तरों को छूने के बाद RBI की संभावित दखल से रुपये को मजबूती मिली है. जतिन त्रिवेदी ने आगे बताया कि आने वाले दिनों में रुपये की चाल RBI की मीटिंग के मिनट्स, डॉलर की वैश्विक स्थिति और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के निवेश प्रवाह पर निर्भर करेगी. फिलहाल रुपये के 89 से 90 के दायरे में कारोबार करने की संभावना है.
ग्लोबल मार्केट का हाल?
वैश्विक बाजार की बात करें तो डॉलर इंडेक्स, जो 6 प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत को दर्शाता है, 0.24 फीसदी की बढ़त के साथ 98.66 पर कारोबार करता नजर आया. वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट रही और यह 0.37 फीसदी फिसलकर 59.60 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. घरेलू शेयर बाजारों में भी पॉजिटिव माहौल देखने को मिला. बीएसई सेंसेक्स 447.55 अंकों की मजबूती के साथ 84,929.36 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 150.85 अंकों की तेजी के साथ 25,966.40 के स्तर पर बंद हुआ. विदेशी संस्थागत निवेशकों की गतिविधियों पर नजर डालें तो गुरुवार को FII ने भारतीय शेयर बाजार में 595.78 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की, जिससे बाजार और रुपये दोनों को समर्थन मिला.