सोने को पीछे छोड़ने की तैयारी? ₹2.22 लाख प्रति किलो की ओर चांदी, Yes Bank ब्रोकरेज का बड़ा संकेत
चांदी को अब सिर्फ गहनों की धातु मानना भूल होगी. टेक्नोलॉजी, ग्रीन एनर्जी और वैश्विक रणनीति से जुड़ती इस धातु को लेकर एक नई रिपोर्ट ने बाजार के लिए आगे का बाजार साफ कर दिया है. रिपोर्ट मानती है कि अगर मौजूदा ट्रेंड कायम रहता है, तो चांदी में तेजी आएगी.
Silver Price Prediction: बीते एक साल में चांदी ने निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न दिया है. जहां पारंपरिक तौर पर सोना सुरक्षित निवेश माना जाता है, वहीं 2025 में चांदी ने उससे कहीं तेज चाल दिखाई. चांदी सिर्फ एक कीमती धातु नहीं रही, बल्कि अब यह टेक्नोलॉजी, ग्रीन एनर्जी और रणनीतिक जरूरतों से जुड़ी अहम धातु बन चुकी है. यही वजह है कि इसकी कीमतों में तेजी सिर्फ सट्टा नहीं, बल्कि मजबूत मांग-सप्लाई के आधार पर दिख रही है.
कीमतों की चाल और रुपये में तस्वीर
Yes Bank ब्रोकरेज के मुताबिक 2025 में चांदी ने अब तक करीब 113 फीसदी का रिटर्न दिया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी इस समय लगभग 65 डॉलर प्रति औंस के आसपास कारोबार कर रही है. अगर इसे भारतीय संदर्भ में देखें, तो 1 औंस चांदी करीब 28 ग्राम होती है. इस हिसाब से 65 डॉलर प्रति औंस की कीमत भारत में लगभग 2.09 लाख प्रति किलो बैठती है.
रिपोर्ट के अनुसार चांदी की मांग अब सिर्फ गहनों तक सीमित नहीं है. सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, डेटा सेंटर्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिफेंस सेक्टर में चांदी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है. अमेरिका ने चांदी को “क्रिटिकल मिनरल” का दर्जा दिया है, जिससे इसकी रणनीतिक अहमियत और बढ़ गई है. वहीं चीन में चांदी का स्टॉक दशकों के निचले स्तर पर पहुंच चुका है, जिससे सप्लाई पर दबाव बना हुआ है.
सप्लाई की तंगी और आगे का अनुमान
Yes Bank का कहना है कि अक्टूबर से शुरू हुई सप्लाई की कमी अभी भी बनी हुई है. यही कारण है कि बाजार में थोड़ी सी अतिरिक्त मांग भी कीमतों को तेजी से ऊपर ले जा रही है. टेक्निकल एनालिसिस के आधार पर रिपोर्ट मानती है कि अगर मौजूदा ट्रेंड कायम रहता है, तो चांदी अंतरराष्ट्रीय बाजार में 69 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है. रुपये में यह स्तर करीब ₹2.22 लाख प्रति किलो के आसपास बैठता है.
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