भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा पेट्रोल पंप नेटवर्क वाला देश, आउटलेट 1 लाख पार, जानें USA-China का हाल
भारत का पेट्रोल पंप नेटवर्क 1 लाख का आंकड़ा पार कर गया है, जो पिछले दशक में लगभग दोगुना हो गया. सरकारी तेल कंपनियों के विस्तार से ग्रामीण क्षेत्रों में ईंधन पहुंच आसान हुई और प्रतिस्पर्धा बढ़ी. अब भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा फ्यूल रिटेल नेटवर्क है, लेकिन तेज वृद्धि की आर्थिक स्थिरता पर सवाल उठ रहे हैं.
भारत का पेट्रोल पंप नेटवर्क 1 लाख का आंकड़ा पार कर गया है, जो पिछले एक दशक में लगभग दोगुना हो गया है. सरकारी तेल कंपनियों ने वाहनों की बढ़ती संख्या और ग्रामीण क्षेत्रों में ईंधन की मांग को पूरा करने के लिए तेजी से अपने नए आउटलेट खोले हैं. इससे भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा फ्यूल रिटेल नेटवर्क बन गया है, जो अमेरिका और चीन के बाद है. दोनों देशों में 1.10 से 1.20 लाख पंप हैं. पेट्रोल पंप नेटवर्क के इस विस्तार से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में ईंधन पहुंच की समस्या काफी हद तक हल हो गई है और प्रतिस्पर्धा बढ़ने से ग्राहक सेवा में सुधार हुआ है.
पेट्रोल-डीजल खपत में 50% बढ़ोतरी
ET की एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण आउटलेट अब कुल पंपों का 29% हैं, जो एक दशक पहले 22% था. पेट्रोल पंपों का स्वरूप भी बदला है. पहले सिर्फ पेट्रोल-डीजल तक सीमित था. अब करीब एक-तिहाई आउटलेट्स पर सीएनजी और ईवी चार्जिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं. पिछले दशक में पेट्रोल की खपत 110% और डीजल की 32% बढ़ी है, जिससे कुल पेट्रोल-डीजल वॉल्यूम में लगभग 50% की बढ़ोतरी हुई. डीजल की औसत बिक्री पेट्रोल से दोगुनी है.ॉ
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Private सेक्टर का सीमित असर
नीतिगत सुधारों के बावजूद निजी कंपनियां कुल पंपों का 10% से कम नियंत्रित करती हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास करीब 2,100 और नायरा एनर्जी के पास लगभग 6,900 आउटलेट हैं.
क्या है एक्सपर्ट की राय?
कुछ उद्योग विशेषज्ञ इस तेज वृद्धि की आर्थिक स्थिरता पर सवाल उठा रहे हैं. रिलायंस बीपी मोबिलिटी के पूर्व सीईओ हरीश मेहता ने अप्रैल में कहा था कि भारत में फ्यूल स्टेशन बहुत ज्यादा हैं, कई अनप्रोडक्टिव हैं. उन्होंने इंडोनेशिया का उदाहरण देते हुए कहा था कि इंडोनेशिया में सिर्फ 9,000 स्टेशन हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि कंपनियां डरती हैं कि अगर वे नए पंप नहीं खोलेंगी तो प्रतिद्वंद्वी कंपनी उनकी मार्केट हिस्सेदारी छीन लेंगी.
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