महंगाई की रफ्तार पर ब्रेक, जून में थोक महंगाई घटकर 0.13% पर पहुंची, 20 महीने के निचले स्तर पर
भारत की थोक महंगाई जून में सालाना आधार पर घटकर 0.13% रह गई, जो अक्टूबर 2023 के बाद से दर्ज की गई सबसे कम दर है. मई में यह 14 महीने के निचले स्तर 0.39% पर आ गई थी. खाने-पीने की चीजों के दाम कम होने की वजह से लोगों को महंगाई में राहत मिली है.
India’s WPI June data: मंहगाई की मार से जूझ रहे लोगों को आखिरकार राहत मिली है, दरअसल भारत की थोक महंगाई (WPI) जून 2025 में घट गई है. सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की थोक महंगाई जून में सालाना आधार पर घटकर 0.13% रह गई, जो अक्टूबर 2023 के बाद से दर्ज की गई सबसे कम दर है. मई में यह 14 महीने के निचले स्तर 0.39% पर आ गई थी. अर्थशास्त्रियों के एक सर्वेक्षण में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई के जून में मामूली रूप से बढ़कर 0.52% होने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन अनुमान से काफी कम रही. थोक मंहगाई दर में गिरावट की बड़ी वजह खाने-पीने की चीजों के दामों में आई कमी है.
खाद्य पदार्थ हुए सस्ते
जून में खाद्य पदार्थों की कीमतों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई. सब्जियों की महंगाई 22.65% रही, जो मई के 21.62% से थोड़ी ज्यादा है, लेकिन प्याज की महंगाई 33.49% तक कम हो गई, जो मई में 14.41% थी. आलू की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई, जो जून में -32.67% रही, जबकि मई में यह -29.42% थी. दालों की कीमतें भी -22.65% पर आ गईं, जो मई में 10.41% थीं. अनाजों की महंगाई भी 3.75% रही, जो मई के 2.56% से ज्यादा है.
दूसरी ओर, ईंधन और बिजली की महंगाई 2.65% रही, जो मई के 22.27% से काफी कम है. खुदरा महंगाई (CPI) भी मई 2025 में 2.82% पर आ गई, जो फरवरी 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है और अप्रैल से 34 बेसिस पॉइंट्स कम है. थोक महंगाई में 60% से ज्यादा हिस्सा रखने वाले निर्मित उत्पादों की महंगाई जून में 1.97% रही. वहीं, प्राथमिक वस्तुओं की महंगाई 3.38% तक कम हो गई गई, जो मई में 2.02% थी. ऐसे में पता चलता है कि खाद्य और ईंधन की कीमतों में कमी की वजह से ओवरऑल महंगाई पर काबू पाने में मदद मिली है.
श्रेणी जून 2025 (%) मई 2025 (%) परिवर्तन / टिप्पणियाँ सब्ज़ियाँ 22.65 21.62 थोड़ी बढ़त प्याज़ 33.49 14.41 तेज़ गिरावट आलू -32.67 -29.42 गिरावट तेज हुई दालें -22.65 10.41 भारी गिरावट अनाज 3.75 2.56 मामूली बढ़त ईंधन व बिजली 2.65 22.27 बड़ी गिरावट खुदरा महंगाई (CPI) 2.82 (अप्रैल से -34bps) फरवरी 2019 के बाद सबसे निचला स्तर निर्मित उत्पाद 1.97 — थोक महंगाई में 60% हिस्सा प्राथमिक वस्तुएँ 3.38 2.02 बढ़त
RBI का क्या है अनुमान?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने अप्रैल की बैठक में महंगाई में नरमी को का अनुमान लगाया था, जिसका मुख्य कारण खाद्य कीमतों में कमी था. RBI ने FY26 के लिए महंगाई का अनुमान 4.2% से घटाकर 4% कर दिया, जो उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है. तिमाही अनुमान के मुताबिक, FY26 की पहली तिमाही में महंगाई 3.6%, दूसरी तिमाही में 3.9%, तीसरी में 3.8% और आखिरी तिमाही में 4.4% रहने की उम्मीद है.