रेलवे कचरा बेचकर करेगी कमाई, लीज पर देगी खाली जगह; अरबों में इनकम का बनाया मेगा प्लान
Indian Railways: इंडियन रेलवे अपनी टोटल इनकम का लगभग 3 फीसदी नॉन-फेयर रेवेन्यू से कमाती है. रेलवे बोर्ड के एक सर्कुलर में कहा गया है कि इसका मकसद रेलवे स्टेशनों को एयरपोर्ट पर यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं के बराबर लाना है.
Indian Railways: भारतीय रेलवे नॉन-फेयर रेवेन्यू (NFR) बढ़ाने पर अपना फोकस बढ़ा रही है. रेलवे पैसेंजर और माल ढुलाई के किराये से आगे बढ़कर कमाई को अलग-अलग तरह से करना चाहती है. अधिकारियों ने कहा कि कुछ नए उपायों पर विचार किया जा रहा है, जिसमें रेलवे गेस्टहाउस में बची हुई जगह को होटल ऑपरेटरों को लीज पर देना, वैगन में बचे सीमेंट और कोयले जैसे बचे हुए सामान से पैसे कमाना, और स्टेशनों और वर्कशॉप में पैदा होने वाले कचरे की बिक्री बढ़ाना शामिल है.
कॉन्ट्रैक्ट को किया जा रहा मोनेटाइज
ईटी ने एक सीनियर अधिकारी के हवाले से लिखा, ‘इनमें से कुछ कोशिशों का नतीजा खर्च के कॉन्ट्रैक्ट को कमाई वाले कॉन्ट्रैक्ट में बदलना रहा है.’ उन्होंने यह भी कहा कि इंडियन रेलवे के दो डिवीजनों ने वैगन की सफाई के कॉन्ट्रैक्ट को सफलतापूर्वक मोनेटाइज किया है, जिससे वेंडर्स को अपनी अगली यात्रा से पहले वैगन तैयार करने के बदले बचा हुआ कोयला या सीमेंट बेचने की इजाजत मिल गई है. अधिकारी ने कहा कि वैगन लीज पर लेने वाली कंपनियां इस मौके पर बचे हुए सीमेंट या कोयले को बचाने की कोशिश कर रही हैं.
नॉन-फेयर रेवेन्यू से कमाई
इंडियन रेलवे अपनी टोटल इनकम का लगभग 3 फीसदी नॉन-फेयर रेवेन्यू से कमाती है. नीति आयोग के असेसमेंट के मुताबिक, इस फ्रंट पर अभी भी काफी पोटेंशियल है जिसका इस्तेमाल नहीं हुआ है, क्योंकि डेवलप्ड देशों में रेलवे की नॉन-फेयर इनकम टोटल कमाई का लगभग 30 फीसदी है. अधिकारी ने कहा, ‘कुछ रेलवे गेस्ट हाउस को लीज पर देकर उन्हें थोड़ा मोनेटाइज करने पर विचार-विमर्श चल रहा है.’ उन्होंने कहा कि नेशनल कैपिटल में हाल ही में बना 117 कमरों वाला रेस्ट हाउस उनमें से एक है जो इस एक्सरसाइज के लिए सबसे पहले हो सकता है.
नेशनल ट्रांसपोर्टर की NFR कमाई वित्त वर्ष 2023-24 में 588.07 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 में 686.86 करोड़ रुपये रही. इसमें रेलवे ओवरब्रिज पर विज्ञापन, मोनेटाइज़ेबल एसेट्स की ई-ऑक्शन और न्यू, इनोवेटिव नॉन-फेयर रेवेन्यू आइडियाज़ स्कीम (NINFRIS) से हुई कमाई शामिल है.
कचरे की मांग
अधिकारी ने कहा, ‘कुछ जोन ने बताया है कि रेलवे स्टेशनों पर निकलने वाले कचरे की मांग है, हम इसकी भी स्टडी कर रहे हैं.’ नेशनल ट्रांसपोर्टर ने स्टेशनों पर मैकडॉनल्ड्स, KFC, पिज्जा हट, बास्किन रॉबिन्स, हल्दीराम और बीकानेरवाला जैसे प्रीमियम सिंगल ब्रांड फ़ूड आउटलेट खोलने की भी इजाजत देने का फैसला किया है. रेलवे स्टेशनों पर इन आउटलेट के लिए जगह पांच साल के लिए नीलाम की जाएगी. रेलवे बोर्ड के एक सर्कुलर में कहा गया है कि इसका मकसद रेलवे स्टेशनों को एयरपोर्ट पर यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं के बराबर लाना है.
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