FII आउटफ्लो और टैरिफ के कारण रुपये पर दबाव बरकरार, डॉलर के मुकाबले 7 पैसा टूटा

भारतीय रुपया शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले 7 पैसे टूटकर 88.78 पर बंद हुआ. लगातार विदेशी फंड आउटफ्लो, आयातकों की डॉलर मांग और वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण करेंसी पर दबाव बना रहा. इंटरबैंक फॉरेक्स मार्केट में रुपया 88.85 के निचले स्तर तक गया. वहीं, डॉलर इंडेक्स हल्की गिरावट के साथ 97.78 पर और ब्रेंट क्रूड 64.77 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था.

रुपये में कमजोरी Image Credit: freepik

Rupee-Dollar: विदेशी पूंजी की लगातार आउटफ्लो और आयातकों की डॉलर मांग के दबाव में शुक्रवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 7 पैसे की गिरावट के साथ 88.78 के स्तर पर बंद हुआ. यह अपने ऐतिहासिक निचले स्तर के करीब है, जिससे देश की मुद्रा पर बढ़ते दबाव का संकेत मिलता है. विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, USD/INR जोड़ी अपने रिकॉर्ड निचले स्तर के आसपास ही बनी हुई है, जिस पर वैश्विक व्यापार तनाव और अनिश्चितताओं का असर साफ देखा जा रहा है. इसके अलावा, लगातार जारी विदेशी फंडों की निकासी और चल रहे अमेरिकी वीजा शुल्क बढ़ोतरी के मुद्दे ने भी घरेलू करेंसी को कमजोर करने में भूमिका निभाई है.

30 सितंबर को सबसे निचले स्तर पर पहुंचा था

इंटरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.68 के स्तर पर शुरुआत की. दिनभर के कारोबार के दौरान यह 88.85 के निचले स्तर को छू गया और अंततः पिछले बंद भाव की तुलना में 7 पैसे की गिरावट के साथ 88.78 पर स्थिर हुआ.

बुधवार को रुपया अपने रिकॉर्ड लो से 9 पैसे की बढ़त के साथ 88.71 पर बंद हुआ था. गुरुवार को गांधी जयंती और दशहरे के अवसर पर इक्विटी, फॉरेक्स, बुलियन और कमोडिटी बाजार बंद रहे थे. 30 सितंबर को रुपया 88.80 के अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

मिरे एसेट शेयरखान के रिसर्च एनालिस्ट (करेंसी एंड कमोडिटीज) अनुज चौधरी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि अमेरिकी डॉलर में व्यापक कमजोरी और वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बीच रुपया मजबूत होगा. हालांकि, आयातकों की डॉलर की मांग तेज बढ़त को सीमित कर सकती है.”

चौधरी ने आगे बताया कि अमेरिकी सरकार के शटडाउन के कारण वहां से आर्थिक आंकड़ों के न मिलने के चलते अमेरिकी डॉलर कमजोर हो सकता है. उन्होंने USDINR स्पॉट प्राइस के 88.40 से 89 की रेंज में रहने की उम्मीद जताई.

वैश्विक और घरेलू संकेतक

डॉलर इंडेक्स अमेरिकी सरकार के शटडाउन के बीच 0.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 97.78 पर कारोबार कर रहा था. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स ट्रेड में 1.03 प्रतिशत की बढ़त के साथ 64.77 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.

घरेलू इक्विटी बाजार में सेंसेक्स 223.86 अंकों की तेजी के साथ 81,207.17 पर और निफ्टी 57.95 अंकों की बढ़त के साथ 24,894.25 पर बंद हुआ. हालांकि, एक्सचेंज डेटा के अनुसार, FII ने बुधवार को शुद्ध रूप से 1,605.20 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची थी.

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