भारतीय रुपया रिकॉर्ड लो पर! जानें गिरावट की बड़ी वजह | Rupee-Dollar | US-India Trade Deal
भारतीय रुपया गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले छह महीने के निचले स्तर पर फिसल गया. वैश्विक बाजारों में दबाव, फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों को लेकर असमंजस और कमजोर जोखिम भावना ने रुपये पर भारी असर डाला है. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की लगातार बिकवाली और डॉलर की बढ़ती मांग ने गिरावट को और गहरा कर दिया.
विश्लेषकों के मुताबिक, अगर वैश्विक अस्थिरता जारी रहती है तो रुपये में और कमजोरी देखने को मिल सकती है. रुपया गिरने का सीधा असर आयातकों और उन व्यवसायों पर पड़ सकता है जिनकी लागत डॉलर में तय होती है. इससे कच्चे तेल, इलेक्ट्रॉनिक्स और मशीनरी जैसे उत्पादों के आयात पर अतिरिक्त दबाव बढ़ सकता है.
रुपये की इस तेज गिरावट ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर भी चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि लगातार कमजोर मुद्रा मुद्रास्फीति और व्यापार घाटे पर प्रभाव डाल सकती है. बाजार फिलहाल फेड के अगले संकेतों और वैश्विक घटनाओं पर नजर बनाए हुए है.
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