क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन में होगी 21.7% CAGR की तगड़ी ग्रोथ, 5 साल में तीन गुना बढ़ेंगे डिजिटल पेमेंट्स : PwC

ग्लोबल रिसर्च फर्म PwC की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के डिजिटल पेमेंट्स अगले पांच साल में तीन गुना बढ़कर 907 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएंगे. इसके अलावा क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन 21.7% CAGR से बढ़ेंगे, जबकि UPI की हिस्सेदारी 90% तक बनी रहेगी.

क्रेडिट कार्ड Image Credit: Money9live/Canva

भारत का डिजिटल पेमेंट्स मार्केट अगले 5 साल में तीन गुना बढ़ेगा. वहीं, UPI इस ग्रोथ का सबसे बड़ा ड्राइवर बना रहेगा. ग्लोबल रिसर्च फर्म प्राइस वाटरहाउस कूपर्स (PwC) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत का डिजिटल पेमेंट्स इकोसिस्टम अब तेजी से ट्रांसफॉर्मेशन के दौर में है.

देश में डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन की संख्या FY25 में 206 अरब से बढ़कर FY30 में 617 अबर तक पहुंच सकती है. वहीं, ट्रांजैक्शन वैल्यू 299 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 907 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है. इस तरह डिजिटल पेमेंट के मार्केट में 5 साल में करीब तीन गुना इजाफा हो सकता है.

क्रेडिट कार्ड में तगड़ी रफ्तार

रिपोर्ट में बताया गया है कि डिजिटल पेमेंट मार्केट की ग्रोथ में क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन आने वाले सालों में सबसे तेजी से बढ़ने वाला सेगमेंट होगा. यह वॉल्यूम और वैल्यू दोनों के लिहाज से लीड करेगा. वॉल्यूम के लिहाज से यह जहां 21.7% CAGR से बढ़ेगा वहीं, वैल्यू के लिहाज से 20.8% CAGR की ग्रोथ का अनुमान है.

क्यों बढ़ रहा क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन?

रिपोर्ट के मुताबिक क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन में आने वाली यह ग्रोथ बढ़ते फाइनेंशियल इन्क्लूजन, डिजिटल चैनलों से क्रेडिट एक्सेस में सुधार, और कंज्यूमर कॉन्फिडेंस में इजाफे का नतीजा होगी. इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि NBFCs की तरफ से क्रेडिट कार्ड ऑफरिंग्स और को-ब्रांडेड व वर्चुअल कार्ड्स की बढ़ती पॉपुलैरिटी उपभोक्ता खर्च के पैटर्न को बदल रही है.

UPI की बादशाहत को चुनौती

भारत के रिटेल पेमेंट सिस्टम में फिलहाल UPI की हिस्सेदारी करीब 90% तक पहुंच चुकी है. इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन, IoT पेमेंट्स, और क्रॉस-बॉर्डर रेमिटेंस जैसे इनोवेशन के दम पर UPI की ट्रांजैक्शन वॉल्यूम FY28 तक 1 अरब प्रति दिन तक पहुंच सकती है. हालांकि, PwC ने यह भी चेताया कि UPI की ग्रोथ अब सैचुरेशन जोन में आ रही है, इसलिए नए यूज केस और इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड जरूरी होंगे. इसके अलावा RuPay क्रेडिट कार्ड को UPI से लिंक करना और क्रेडिट लाइन की सुविधा देना, इस ग्रोथ को दोबारा गति देने वाले कदम साबित हो सकते हैं.

डेबिट कार्ड की पॉपुलैरिटी घटी

जहां UPI और क्रेडिट कार्ड रिकॉर्ड ग्रोथ दिखा रहे हैं, वहीं डेबिट कार्ड का इस्तेमाल लगातार घट रहा है. PwC रिपोर्ट के मुताबिक, UPI की सुविधा और तेजी के साथ-साथ डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर इंसेंटिव की कमी इसका मुख्य कारण है. रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के डिजिटल पेमेंट्स का अगला चरण एक सिक्योर, इनोवेटिव और इनक्लूसिव इकोसिस्टम बनाने पर फोकस करेगा, जिससे कंज्यूमर, बिजनेस और मर्चेंट्स सभी को फायदा होगा.