97 नए TEJAS! HAL की ऐतिहासिक डील; सरकार ने LCA Mark 1A फाइटर जेट की खरीद को दी मंजूरी

भारत सरकार ने भारतीय वायु सेना के लिए 97 LCA मार्क 1ए फाइटर जेट्स की खरीद को मंजूरी दी है. इससे वायु सेना को पुराने मिग 21 विमानों की जगह आधुनिक स्वदेशी विमान मिलेंगे. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) इन विमानों का निर्माण करेगी. पहले भी 83 जेट्स का ऑर्डर दिया जा चुका है.

सरकार ने 97 LCA मार्क 1ए फाइटर जेट्स की खरीद को मंजूरी दी है.

LCA Mark 1A: भारत सरकार ने भारतीय वायु सेना के लिए 97 LCA मार्क 1ए लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी है. यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल के लिए बेहद अहम माना जा रहा है. इस सौदे के बाद हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी HAL इन विमानों का मैन्युफैक्चरिंग करेगी. पहले ही सरकार 83 विमानों का ऑर्डर दे चुकी है जिसकी लागत करीब 48 हजार करोड़ रुपये है. अब इस मंजूरी से भारतीय वायु सेना को और मजबूती मिलेगी और उसके पास पुराने मिग 21 विमानों की जगह आधुनिक, स्वदेशी तकनीक से बने जेट होंगे.

HAL को मिला अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर

ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, यह HAL के लिए अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है. पहले सरकार ने 83 LCA मार्क 1ए फाइटर जेट्स का ऑर्डर दिया था और अब इसमें 97 और जुड़ने वाले हैं. कुल मिलाकर HAL के पास 180 से ज्यादा आधुनिक विमानों का प्रोडक्शन करने का काम होगा.

छोटे और मझोले उद्योगों को भी मिलेगा बड़ा लाभ

इस प्रोजेक्ट से केवल HAL को ही फायदा नहीं होगा बल्कि देशभर के छोटे और मझोले उद्योगों यानी MSME सेक्टर को भी बड़ा अवसर मिलेगा. LCA जेट्स के निर्माण में कई पुर्जे, उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम शामिल होते हैं जिन्हें छोटे उद्योग बनाते हैं. इससे हजारों नौकरियां भी पैदा होंगी.

आधुनिक तकनीक से लैस होंगे LCA मार्क 1ए

नए LCA मार्क 1ए फाइटर जेट्स में पहले से अधिक आधुनिक तकनीक होगी. इनमें अपग्रेडेड एवियोनिक्स और राडार लगाए जाएंगे जो इन्हें बेहतर युद्ध क्षमता देंगे. इसके अलावा इन विमानों में 65 फीसदी से ज्यादा हिस्सा स्वदेशी तकनीक और उपकरणों का होगा. पहले 40 LCA विमान वायु सेना में शामिल हो चुके हैं लेकिन नए वर्जन में ज्यादा आधुनिक फीचर्स होंगे.

वायु सेना की ताकत में होगा इजाफा

भारतीय वायु सेना लंबे समय से मिग 21 जैसे पुराने विमानों को इस्तेमाल कर रही थी जो अब अपने जीवनकाल के आखिरी चरण में हैं. LCA मार्क 1ए की बड़ी संख्या में तैनाती से वायु सेना की ऑपरेशनल क्षमता और सुरक्षा क्षमता दोनों बढ़ेगी. इससे भारत अपने पड़ोसी देशों की तुलना में और अधिक मजबूत स्थिति में आ जाएगा. यह विमानों की तेज डिलीवरी और बेहतर मेंटेनेंस व्यवस्था के कारण भी वायु सेना को ज्यादा प्रभावी बनाएगा.

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भविष्य में और भी बड़े सौदे की तैयारी

आने वाले समय में HAL को और बड़े ऑर्डर मिलने की संभावना है. सरकार LCA मार्क 2 के 200 से ज्यादा और एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के भी इतने ही जेट्स के ऑर्डर देने की योजना पर काम कर रही है. इसका मतलब है कि भारत आने वाले सालों में पूरी तरह स्वदेशी लड़ाकू विमान बनाने और इस्तेमाल करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.