यूपी में बिकेगी कम नशे वाली शराब, खुलेंगे सिर्फ बीयर और वाइन वाले बार
यूपी गवर्नमेंट ने हाल ही में राज्य में नई शराब नीति को मंजूरी दी थी. इसके तहत देसी शराब को लेकर नए नियम लागू किए गए हैं. राज्य सरकार ने कम नशे वाली अल्कोहल के लिए एक अलग कैटेगरी बनाई है, जो खासतौर पर यूपी में तैयार की जाएगी.
New Desi Liquor rule in UP: हाल ही में यूपी गवर्नमेंट ने राज्य में नई शराब नीति को मंजूरी दी थी. जिसके तहत राज्य में पहली बार “कंपोजिट शॉप्स” खोलने और शराब की दुकानों का प्रबंधन ई-लॉटरी के जरिए करने का फैसला लिया गया था. इसके अलावा राज्य सरकार इस सिलसिले में एक और नियम लेकर आई है, जिसके तहत अब यूपी में कम नशे वाली शराब भी मिल सकेगी. दरअसल सरकार ने देसी शराब को लेकर एक नई कैटेगरी बनाई है, जिसमें 28 फीसदी अल्कोहल वाली देसी शराब तैयार की जाएगी.
कम अलकोहल वाली ये देसी शराब खास तौर पर यूपी में बनाई जाएगी, जो अनाज से तैयार की जाएगी, जिसे यूपी मेड लिकर यानी UPML नाम दिया गया है. राज्य सरकार के मुताबिक शराब में ये नई कैटेगरी होगी, जिसमें 28 फीसदी तक अलकोहल होगा. इसके लिए विशेष पैकेजिंग भी होगी. राज्य सरकार ने इसे लेकर भी गाइडलाइन जारी की है, जो इस प्रकार है.
कई कैटेगरी में बांटी गई देसी शराब
- यूपी सरकार ने देसी शराब की तीव्रता और इसके अलग-अलग वेरिएशन को देखते हुए इसे कई कैटेगरी में बांटा है.
- शीरा से बनी कैरेमल युक्त 36 प्रतिशत अल्कोहल के साथ 200 एमएल की शराब एसेप्टिक ब्रिक पैक में होगा.
- शीरा से बने फूड कलर वाले 25 प्रतिशत अल्कोहल वाली 200 एमएल शराब भी एसेप्टिक ब्रिक पैक में बेची जाएगी.
- अनाज से बनने वाली कैरेमल युक्त 42.8% और 28% अल्कोहल वाली 200 एमएल शराब भी एसेप्टिक ब्रिक पैक में उपलब्ध होगी.
कहां खुलेंगे बीयर और वाइन बार?
- सरकार की गाइडलाइन के तहत नोएडा, गाजियाबाद, आगरा और लखनऊ में कम अल्कोहल वाले बार शुरू किए गए हैं, जहां सिर्फ बीयर और वाइन परोसा जाएगा.
- इन शहरों में कम अल्कोहल वाले प्रीमियम रिटेलर्स (PRV) (केवल बीयर और वाइन बेचने वाले) लॉन्च किए गए हैं.
- नोएडा और नगर निगम क्षेत्रों में न्यूनतम 3,000 वर्ग फीट क्षेत्रफल में 2-2 मॉडल शॉप, प्रीमियम मॉडल शॉप के रूप में कार्य कर सकेंगी.
MGQ के हिसाब से तय हो रही लाइसेंस फीस
यूपी सरकार की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक देसी शराब की फुटकर दुकानों की बेसिक लाइसेंस फीस की दर 32 रुपये प्रति बल्क लीटर वार्षिक MGQ यानी मिनिमम गारंटीड क्वाटिटी के आधार पर निर्धारित की जा रही है. वहीं 36 फीसदी अल्कोहल वाली शराब के लिए निर्धारित लाइसेंस फीस को 254 रुपये प्रति बल्क लीटर से बढ़ाकर 260 रुपये प्रति बल्क लीटर किया गया है.
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पहली बार राज्य में खुलेंगे कंपोजिट शॉप्स
राज्य में पहली बार “कंपोजिट शॉप्स” होंगी, जहां बीयर, शराब और वाइन एक ही काउंटर पर मिल सकेंगे. यहां कस्टमर्स को एक ही दुकान में हर तरह के मादक पेय पदार्थ, मिलेंगे जिन्हें वे खरीद सकेंगे. इसके अलावा सात साल में पहली बार राज्य में सभी देसी शराब की दुकानों, कंपोजिट दुकानों, मॉडल शॉप और भांग की दुकानों का अलॉटमेंट पहले की रिन्युअल प्रोसेस के बजाय ई-लॉटरी के जरिए किया जाएगा.