नोएल टाटा ने संभाली रतन टाटा के कारोबार की कमान, नियुक्त किए गए ट्रस्ट्स के चेयरमैन
नोएल टाटा अब रतन टाटा के उत्तराधिकारी के रूप में समूह की होल्डिंग कंपनियों को नियंत्रित करेंगे. नोएल टाटा रतन टाटा के पिता नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे हैं.

दिग्गज उद्योगपति और टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन रतन टाटा के निधन के बाद, उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट्स का चेयरमैन नियुक्त कर दिया गया है. उत्तराधिकार को लेकर मुंबई में हुई टाटा ट्रस्ट की बैठक में यह फैसला लिया गया है. यह निर्णय बोर्ड द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया, जिसके तहत नोएल को टाटा समूह के दो सबसे महत्वपूर्ण ट्रस्ट्स का प्रमुख नियुक्त किया गया है. नोएल टाटा पहले से ही सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी थे, जिनकी समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में 66 फीसदी की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है.
ट्रेंट लिमिटेड के चेयरमैन
रतन टाटा के उत्तराधिकारी के लिए नोएल टाटा का नाम सबसे आगे चल रहा था. नोएल टाटा 2014 से ट्रेंट लिमिटेड के चेयरमैन हैं, जो समूह की बेहद सफल परिधान की खुदरा विक्रेता है, जिसके शेयरों में पिछले दशक में 6,000 फीसदी से अधिक की बढ़े हैं. अब वो रतन टाटा के उत्तराधिकारी के रूप में समूह की होल्डिंग कंपनियों को नियंत्रित करेंगे.
समूह के भीतर मजबूत
नोएल टाटा को 2019 में सर रतन टाटा ट्रस्ट बोर्ड में शामिल किया गया, जो टाटा संस और टाटा समूह पर महत्वपूर्ण प्रभाव रखने वाले मुख्य ट्रस्टों में से एक है. नोएल 2018 में टाइटन कंपनी के वाइस चेयरमैन बने और मार्च 2022 में उन्हें टाटा स्टील का भी वाइस चेयरमैन नियुक्त किया गया, जिससे समूह के भीतर उनकी उपस्थिति और मजबूत हुई.
बरकरार रही परंपरा
परंपरागत रूप से टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन पारसी समुदाय के सदस्य ही रहे हैं, जो समूह की जड़ों से सांस्कृतिक जुड़ाव बनाए रखते हैं. नोएल टाटा की नियुक्ति ने इस परंपरा को जारी रखा और वो सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के 11वें चेयरमैन और सर रतन टाटा ट्रस्ट के छठे चेयरमैन बने हैं. नेतृत्व परिवर्तन टाटा ट्रस्ट्स के लिए एक महत्वपूर्ण समय पर हुआ है. रतन टाटा के निधन के बाद 165 बिलियन डॉलर के समूह की विरासत को नोएल टाटा संभालेंगे.
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