अब बिना रेयर-अर्थ मैग्नेट के दौड़ेगी ओला की EV, मिला सरकारी सर्टिफिकेशन; घटेगी लागत बढ़ेगी परफॉर्मेंस

ओला इलेक्ट्रिक ने सोमवार को कहा कि वह इन-हाउस विकसित रेयर-अर्थ-फ्री फेराइट मोटर के लिए सरकारी सर्टिफिकेशन प्राप्त करने वाली पहली दोपहिया ईवी निर्माता कंपनी बन गई है. यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है जो स्थायी मैग्नेट वाले आयातित रेयर-अर्थ मोटर्स पर निर्भरता को समाप्त करती है.

ओला इलेक्ट्रिक Image Credit: TV9 Bharatvarsh

इलेक्ट्रिक व्हीकल की दुनिया में Ola Electric ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. कंपनी भारत की पहली दोपहिया ईवी बन गई है, जिसे अपनी खुद की बनाई हुई रेयर-अर्थ-फ्री फेराइट मोटर के लिए सरकारी सर्टिफिकेटन मिला है. कंपनी ने कहा कि ये उनके लिए एक बड़ी कामयाबी है क्योंकि अब उन्हें विदेश से आने वाले रेयर-अर्थ मैग्नेट मोटर्स पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.

सर्टिफिकेशन कहां से मिला?

यह सर्टिफिकेशन तमिलनाडु के ग्लोबल ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर (GARC) ने दिया है. इससे पहले इस मोटर ने AIS 041 नाम के टेस्ट पास किए थे, जो कि भारत सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय के तहत तय किए गए मानक हैं. इन टेस्ट में मोटर की पावर और परफॉर्मेंस की जांच की गई थी.

क्या है फेराइट मोटर की खासियत?

ओला की ये मोटर पूरी तरह से भारत में बनाई गई है. टेस्ट में पाया गया कि इसके 7 kW और 11 kW वाले वेरिएंट्स की ताकत और परफॉर्मेंस रेयर-अर्थ मैग्नेट वाली मोटर्स के बराबर है. यानी बिना रेयर-अर्थ मटेरियल के भी ये मोटर तेज, टिकाऊ और एफिशिएंट है. ओला इलेक्ट्रिक का कहना है कि ये मोटर कम लागत में ज्यादा परफॉर्मेंस देती है. इसके अलावा इससे सप्लाई चेन की दिक्कतें भी कम होंगी, क्योंकि इसमें रेयर-अर्थ मैग्नेट्स की जरूरत नहीं होती, जो अक्सर चीन जैसे देशों से मंगाए जाते हैं.

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आगे क्या करने वाली है कंपनी

ओला ने इस मोटर को पहली बार अगस्त 2025 में हुए अपने इवेंट संकल्प 2025 में दिखाया था. अब जब सरकार से मंजूरी मिल गई है, कंपनी जल्द ही इसे अपने सभी इलेक्ट्रिक स्कूटरों में लगाने की तैयारी कर रही है. इससे आने वाले समय में ग्राहकों को ज्यादा सस्ते, टिकाऊ और ताकतवर ईवी स्कूटर मिलेंगे.

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