सर्विस सेक्टर में दिखी सुस्ती, 15 साल के हाई से गिरकर 60.9 पर पहुंचा, फिर भी अर्थव्यवस्था की रफ्तार बरकरार

HSBC इंडिया की ओर से जारी PMI डेटा के तहत सितंबर महीने में ये आंकड़ा पिछले महीने के मुकाबले गिर गया है. सर्विस सेक्‍टर में सुस्‍ती देखने को मिली, हालांकि अभी भी ग्रोथ की उम्‍मीद बरकरार है. तो कहां पहुंचा इंडेक्‍स और क्‍या है संभावनाएं आइए जानते हैं.

PMI डेटा जारी, जानें सितंबर में कहां पहुंचा Image Credit: money9

PMI data in September: भारत के सर्विस सेक्टर में सितंबर महीने में थोड़ी नरमी देखने को मिली है. HSBC इंडिया सर्विसेज पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक यह इंडेक्स पिछले महीने अगस्त में जो 15 साल के उच्चतम स्तर 62.9 पर था, ये सितंबर में गिरकर 60.9 पर आ गया है. हालांकि, यह गिरावट चिंता की बात नहीं है, क्योंकि यह लगातार चौथा महीना है जब PMI 60 से ऊपर बना हुआ है, जो बिजनेस एक्टिविटी में मजबूती और बाजार में मांग को दर्शाता है.

मैन्युफैक्चरिंग की तुलना में बेहतर हालात

सर्विस सेक्टर की यह सुस्ती मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर जितनी गहरी नहीं है. मैन्युफैक्चरिंग PMI अगस्त के 59.3 से गिरकर सितंबर में चार महीने के निचले स्तर 57.7 पर पहुंच गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि सर्विस सेक्टर भारत की आर्थिक ग्रोथ का मजबूत आधार बना हुआ है, भले ही वैश्विक व्यापार में चुनौतियां मैन्यूफैक्चरिंग निर्यात को प्रभावित कर रही हों. लेकिन IT, फाइनेंशियल सर्विसेज, और डिजिटल सेगमेंट्स जैसे क्षेत्रों ने इस सेक्टर को गति दी है, जो देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. इकोनॉमिस्ट्स के अनुसार, ग्लोबल ट्रेड की चुनौतीपूर्ण स्थिति के बावजूद सर्विस सेक्टर अब भी भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती से संभाले हुए है.

ये सेक्‍टर लगाएंगे बेड़ा पार

3 से 5 अक्टूबर तक हुए कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स ने भी यह माना कि IT, फाइनेंशियल और डिजिटल सेवाएं भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभाएंगी. यह संकेत है कि भारत का सर्विस सेक्टर सिर्फ ग्रोथ इंजन नहीं, बल्कि लॉन्ग टर्म स्ट्रक्चरल ट्रांसफॉर्मेशन का भी हिस्सा बनता जा रहा है.

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GDP अनुमान में RBI ने दिखाई उम्मीद

पिछले हफ्ते RBI ने भी FY26 के लिए भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.8% कर दिया है. इसका कारण यह है कि दूसरी तिमाही में भी 7% की ग्रोथ देखने को मिल सकती है. पहली तिमाही में भारत की इकोनॉमी ने 7.8% की शानदार छलांग लगाई थी, जो ग्लोबल स्लोडाउन के बीच एक पॉजिटिव सरप्राइज रहा.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें. ये डेटा 12 अक्टूबर 2024 से 02 सितंबर 2025 तक का है.