क्या घटेगी आपकी EMI? रेपो रेट पर फैसला आज, RBI गवर्नर करेंगे ऐलान
MPC की बैठक ऐसे में समय में हुई है, जब जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े कमजोर हुए हैं. महंगाई दर रिजर्व बैंक के लक्ष्य से बाहर हो गई है और मैन्युफैक्चरिंग में भी गिरावट दर्ज की गई है. ऐसे में सभी की नजरें आज MPC की बैठक में लिए गए फैसले के ऐलान पर टिकी हैं.

RBI MPC: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नेतृत्व वाली मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) के लिए फैसलों का ऐलान शुक्रवार, 6 दिसंबर 2024 यानी आज सुबह 10 बजे होगा. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास इस बात की घोषणा करेंगे कि रेपो रेट में बदलाव का फैसला लिया गया है या फिर इसे एक बार फिर से 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा जाएगा. MPC की बैठक ऐसे में समय में हुई है, जब जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े कमजोर हुए हैं. महंगाई दर रिजर्व बैंक के लक्ष्य से बाहर हो गई है और मैन्युफैक्चरिंग में भी गिरावट दर्ज की गई है. ऐसे में सभी की नजरें आज MPC की बैठक में लिए गए फैसले के ऐलान पर टिकी हैं.
महंगाई दर
रिजर्व बैंक ने फरवरी 2023 से रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. केंद्रीय बैंक ने खाद्य मुद्रास्फीति के कारण अपने आउटलुक को अधिक आक्रामक बनाए रखा है. हालांकि, क्रिसिल के भोजन की थाली की लागत के मंथली इंडेक्स के अनुसार नवंबर में सब्जियों की कीमतें चिंता का विषय बनी रहीं. रोटी चावल की दर वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि नवंबर में टमाटर और आलू की कीमतों में तेजी के बीच घर में पकाई गई शाकाहारी थाली की कीमत में 7 फीसदी और मांसाहारी थाली की कीमत में 2 फीसदी की वृद्धि हुई.
जीडीपी के आंकड़े ने बढ़ाया है दबाव
हाल ही में आए जीडीपी के आंकड़े ने रिजर्व बैंक पर दबाव बढ़ा दिया है. क्योंकि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ रेट महज 5.4 फीसदी रही है. यह करीब दो साल में जीडीपी की सबसे स्लो ग्रोथ रेट है. इसलिए रिजर्व बैंक और ब्याज दर में कटौती का अधिक दबाव बना है.
आखिरी बार कब हुई थी बढ़ोतरी
केंद्रीय बैंक ने पिछली 10 बैठकों में पॉलिसी रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. अप्रैल 2023 से ही 6.5 फीसदी पर रेपो रेट स्थिर है. रेपो रेट में मई 2022 से फरवरी 2023 तक कई बार बढ़ोतरी की गई थी और इसमें 2.5 फीसदी का इजाफा हुआ था. रेपो रेट का सीधा कनेक्शन लोन से है. इसके घटने से लोगों की EMI कम हो जाती और जब इसमें बढ़ोतरी होती है, तो लोन की EMI भी बढ़ जाती है.
CRR में हो सकती है कटौती
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अब तक आरबीआई द्वारा अक्टूबर की बैठक में ‘न्यूट्रल’ स्टांस अपनाने के बाद भी अक्टूबर में ब्याज दर में कटौती से इंकार कर दिया था. इसके पीछे वजह महंगाई दर थी, जो 4 फीसदी से ऊपर बनी हुई है. नोमुरा ने एक रिपोर्ट में कहा कि उसे उम्मीद है कि आरबीआई दिसंबर में रेपो दर में 25 बेसिस प्वाइंट (BPS) की कटौती करेगा, साथ ही सीआरआर (कैश रिजर्व रेश्यो) में 50 बीपीएस की कटौती करेगा.
सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर स्लो होने के बाद से ही सीआरआर में कटौती की चर्चा शुरू हो गई थी. इससे केंद्रीय बैंक के लिए रेपो रेट को बरकरार रखने की गुंजाइश कम हो गई, जबकि मुद्रास्फीति को प्रभावित किए बिना ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए सीआरआर कटौती जैसे विकल्प खुले रहे.
रेपो रेट क्या होता है?
रेपो रेट वो ब्याज दर है, जिस पर रिजर्व बैंक एक्सचेंज सिक्योरिटी के बदले कमर्शियल बैंकों को पैसा उधार देता है, रिजर्व बैंक रिटेल महंगाई दर को कंट्रोल करने के लिए रेपो रेट का इस्तेमाल करता है. जब किसी बैंक के पास नकदी की कमी होती है, तो वह RBI से रेपो दर पर उधार ले सकता है.
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