₹91,000 करोड़ के सेमीकंडक्टर प्लांट के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स-मर्क में डील की तैयारी, केमिकल सप्लाई पर फोकस

गुजरात के धोलेरा में बन रहे 91,000 करोड़ रुपये के सेमीकंडक्टर प्लांट के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और जर्मन कंपनी मर्क के बीच लंबी अवधि की एक्सक्लूसिव केमिकल सप्लाई डील पर बातचीत चल रही है. यह साझेदारी भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को मजबूत बनाने में अहम साबित हो सकती है.

टाटा इलेक्ट्रानिक्स Image Credit: @Canva/Money9live

Tata Electronics and Merck Deal: गुजरात के धोलेरा में बन रहे टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के नए सेमीकंडक्टर प्लांट के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और जर्मनी की मशहूर केमिकल्स कंपनी Merck के बीच लंबी अवधि का एक्सक्लूसिव सप्लाई एग्रीमेंट करने की बातचीत चल रही है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह समझौता प्लांट में चिप मैन्युफैक्चरिंग के लिए जरूरी स्पेशल केमिकल्स और मटेरियल की सप्लाई की जिम्मेदारी तय करेगा.

11 अरब डॉलर का प्रोजेक्ट

धोलेरा में बन रहा 91,000 करोड़ रुपये (करीब 11 अरब डॉलर) का यह प्लांट, ताइवान की Powerchip Semiconductor Manufacturing Corp (PSMC) के साथ जॉइंट वेंचर है. यह भारत की घरेलू सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम तैयार करने की बड़ी योजना का अहम हिस्सा है. प्लांट का निर्माण तेजी से चल रहा है और 2026 तक प्रोडक्शन शुरू होने की उम्मीद है. ऐसे में, अल्ट्रा-प्योर केमिकल्स की स्थायी और भरोसेमंद सप्लाई बेहद जरूरी है.

बातचीत का फोकस- एक्सक्लूसिव सप्लाई

रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स मर्क के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रही है, लेकिन अभी फाइनल एग्रीमेंट साइन नहीं हुआ है. मुख्य चर्चा इस बात पर है कि क्या यह डील पूरी तरह एक्सक्लूसिव होगी या नहीं. सेमीकंडक्टर बनाने में 150 से ज्यादा तरह के केमिकल्स और 30 से अधिक गैस व मिनरल्स का इस्तेमाल होता है.

डील से संभावित फायदे

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए:

  • लगातार और प्राथमिकता के आधार पर जरूरी मटेरियल की सप्लाई
  • सप्लाई चेन में रुकावट का जोखिम कम होना
  • कीमत तय यानी Price Lock-in होने की संभावना
  • मर्क की R&D से निर्माण क्षमता और यील्ड में सुधार

मर्क के लिए:

  • भारत के उभरते सेमीकंडक्टर मार्केट में मजबूत पकड़
  • स्थानीय स्तर पर R&D और निवेश बढ़ाने का मौका
  • सरकार से संभावित इंसेंटिव और सहयोग

मर्क की तैयारी

मर्क को गुजरात में सफल केमिकल्स प्लांट लगाने के लिए बिजली, पानी, सुरक्षा, लॉजिस्टिक्स के साथ-साथ स्थानीय सप्लाई चेन और पैकेजिंग पार्टनर्स की जरूरत होगी. पिछली रिपोर्टों में सामने आया था कि मर्क भारत में स्पेशलिटी केमिकल्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के अवसर तलाश रही है. मई 2025 में केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी कहा था कि मर्क समेत कई कंपनियां भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर में निवेश के लिए तैयारी कर रही हैं.

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