Tata Motors vs Hyundai: टाटा के डीमर्जर से हुंडई के इन्वेस्टमेंट प्लानिंग तक, किस मोर्चे पर कौन आगे? जानें विस्तार में

भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में इस समय काफी हलचल देखी जा रही है. सबसे बड़ा अपडेट हाल में टाटा मोटर्स की ओर मिला है. वहीं, दूसरी ओर हुंडई मोटर इंडिया ने भी बड़ी योजना बनाई है. टाटा मोटर्स अपने ऐतिहासिक डीमर्जर के जरिए दो नई कंपनियों में बंट रही है, जबकि हुंडई भारत में 45,000 करोड़ रुपये का निवेश कर अपने कारोबार को नई ऊंचाई देने की तैयारी में है. जानें क्या है दोनों कंपनियों का हाल.

टाटा मोटर्स बनाम हुंडई मोटर्स Image Credit: @Canva/Money9live

Tata Motors vs Hyundai Motor: भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री इस समय बहुत तेजी से बदल रही है. देश की दो बड़ी कंपनियां- टाटा मोटर्स लिमिटेड और हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) ने कुछ दिन पहले कई बड़ी घोषणाएं की व फैसले लिए. यही कारण है कि हम दोनों ही कंपनियों के वित्तीय स्थिति से लेकर हालिया अपडेट और शेयर से जुड़े हुए तमाम पहलुओं की चर्चा करने वाले हैं. एक तरफ टाटा मोटर्स ने अपने इतिहास के सबसे बड़े बदलाव, यानी डीमर्जर की प्रक्रिया शुरू की है, वहीं दूसरी तरफ हुंडई ने भारत में अपने कारोबार को और मजबूत करने के लिए 45,000 करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश करने की योजना बनाई है. आइए जानते हैं दोनों कंपनियों का हाल, आने वाले समय की उनकी रणनीति और शेयरों के प्रदर्शन पर एक नजर मारते हैं.

टाटा मोटर्स की नई शुरुआत

टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही (अप्रैल–जून 2025) में शानदार नतीजे पेश किए थे. चूंकि, कंपनी के दूसरे तिमाही (जुलाई-सितंबर) के नतीजे अभी पेश नहीं किए हैं, इसलिए पहले तिमाही के आधार पर समझते हैं. उस वक्त कंपनी ने 5,350 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया है, जो पिछले साल इसी तिमाही के मुकाबले दो गुना से भी ज्यादा है. कंपनी की कुल आय 20,841 करोड़ रुपये रही, जबकि कुल रेवेन्यू (Revenue from Operations) 15,682 करोड़ रुपये रहा.

कंपनी ने खर्चों पर नियंत्रण और ऑपरेशनल कैपेसिटी में सुधार के कारण अपने मुनाफे में अच्छी बढ़ोतरी की थी. खास बात यह रही कि कच्चे माल की लागत घटकर 70.7 फीसदी रह गई, जो पिछले साल से कम है. इसका मतलब है कि कंपनी अब अपने प्रोडक्ट को कम लागत में बना पा रही है.

टाटा मोटर्स के शेयरों पर दिखा दबाव

डीमर्जर और में हर टाटा मोटर्स शेयरधारक को 1:1 के रेशियो में दोनों कंपनियों के शेयर मिलेंगे. यानी अगर किसी निवेशक के पास टाटा मोटर्स का एक शेयर है, तो उसे अब एक और शेयर टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स का भी मिलेगा. डीमर्जर के बाद बाजार में टाटा मोटर्स के शेयरों में करीब 40 फीसदी की गिरावट आई है. शेयर 660.75 रुपये से घटकर 396.50 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गए थे. हालांकि, आमतौर पर जब भी डीमर्जर और शेयर स्प्लिट जैसी परिस्थिति बनती है तो कंपनी के शेयर का भाव ऐसे ही टूटता है.

टाटा मोटर्स का कारोबार और आगे की तैयारी

डीमर्जर के बाद टाटा मोटर्स की पैसेंजर व्हीकल यूनिट (TMPV) में कार, इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और Jaguar Land Rover (JLR) का कारोबार रहेगा. वहीं कमर्शियल व्हीकल यूनिट (TMLCV) ट्रक और बस सेगमेंट में काम करेगी. जानकारों का मानना है कि कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में टाटा मोटर्स की स्थिति पहले से बहुत मजबूत है. कंपनी भारत की सबसे बड़ी ट्रक निर्माता है और अब यूरोप की कंपनी Iveco के अधिग्रहण से यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी ट्रक निर्माता बन जाएगी. पैसेंजर व्हीकल यूनिट में कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों, SUV और लग्जरी कारों पर ध्यान दे रही है. GST में कटौती, त्योहारी मांग और नए मॉडल (जैसे Harrier EV, Nexon EV) की लॉन्चिंग से कंपनी को आने वाले महीनों में फायदा हो सकता है.

हुंडई मोटर इंडिया

दूसरी ओर, हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) ने भी फिलहाल FY26 के दूसरे तिमाही के नतीजे जारी नहीं किए हैं. यहां पर दी गई जानकारी कंपनी के Q1FY25 रिजल्ट के आधार पर जुटाई गई है. कंपनी ने पहले तिमाही में तकरीबन 17,344 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया है. कंपनी ने कुल 1.92 लाख गाड़ियां बेचीं, जिनमें से 76 फीसदी घरेलू बाजार और 24 फीसदी निर्यात बाजार से आईं. कंपनी का ROCE (Return on Capital Employed) 13.7 फीसदी दर्ज हुआ. इससे साफ है कि कंपनी अपने निवेश पर अच्छा रिटर्न कमा रही है.

हुंडई की लॉन्ग टर्म वाली तैयारी

हुंडई ने भारत में 45,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है. इस निवेश का उद्देश्य भारत को कंपनी का दूसरा सबसे बड़ा ग्लोबल प्रोडक्शन सेंटर बनाना है. कंपनी का कहना है कि वह 2030 तक भारत में अपने कारोबार को 1.5 गुना बढ़ाना चाहती है और 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का रेवेन्यू हासिल करना चाहती है. इसके तहत कंपनी ने अपनी प्रमुख योजनाएं भी बताई है-

हुंडई का फोकस भारत में अपनी ब्रांड इमेज को प्रीमियम और तकनीकी रूप से अच्छी कंपनी के रूप में मजबूत करना है.

दोनों कंपनियों के बारे में…एक नजर में!

बिंदुटाटा मोटर्स (Q1FY25)हुंडई मोटर इंडिया (Q1FY25)
कुल रेवेन्यू₹15,682 करोड़₹17,344 करोड़
शुद्ध लाभ₹5,350 करोड़लगभग ₹3,000 करोड़
EBITDA मार्जिन13.5 फीसदीलगभग 13 फीसदी
PAT मार्जिन8.5 फीसदीलगभग 8.2 फीसदी
भविष्य की योजनाडीमर्जर के बाद दो स्वतंत्र इकाइयाँ₹45,000 करोड़ निवेश, 26 नए प्रोडक्ट
इलेक्ट्रिक वाहन फोकसEV + Jaguar Land Rover + Nexon EV2027 तक लोकल EV SUV लॉन्च
मुख्य बाजारपैसेंजर + कमर्शियल व्हीकल्सपैसेंजर वाहन (76 फीसदी घरेलू)
निर्यातJLR और CV कारोबार के जरिएकुल प्रोडक्शन का 30 फीसदी लक्ष्य
ऋण अनुपात (Debt-Equity)0.21 गुनाबहुत कम, नकद स्थिति मजबूत
नेटवर्थ₹36,586 करोड़₹1,21,487 मिलियन

क्या है शेयरों का हाल?

डीमर्जर के बाद टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल के शेयर का भाव शुक्रवार, 17 अक्टूबर को लाल निशान में कारोबार करते हुए बंद हुआ. कंपनी के शेयर 0.05 फीसदी की गिरावट के साथ 396.60 रुपये पर कारोबार करते हुए बंद हुआ. डीमर्जर की वजह से कंपनी के शेयरों के भाव में बड़ी गिरावट आई, इसी कारण एक सप्ताह में स्टॉक का भाव 41 फीसदी तक टूटा है.

दूसरी ओर, Hyundai Motor India के शेयरों में भी शुक्रवार, 17 अक्टूबर को गिरावट दिखी. कंपनी के शेयर 0.48 फीसदी गिर कर 2,346.80 रुपये पर बंद हुआ. पिछले 1 सप्ताह में कंपनी के शेयरों का भााव 2.13 फीसदी तक टूटा है. हालांकि, 6 महीने के दौरान इसमें 42.23 फीसदी की तेजी आई है. कंपनी का मार्केट कैप 1,90,736 करोड़ रुपये दर्ज किया गया.

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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.

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