इस कंपनी में चौकीदार-चाय वाले बने मालामाल, एक गिफ्ट ने खोल दी किस्मत, सैलरी से 66 गुना तक इनकम
इस कंपनी ने अपने कर्मचारियों को किया मालामाल. कुम्बा चौकीदार बना कंपनी का हिस्सेदार. आज कुंबा जैसे कई कर्मचारी इस कंपनी के हिस्सेदार हैं. तो चलिए जानते हैं, कैसे इस कंपनी ने अपने कर्मचारियों का मालामाल किया.

क्या आपने कभी सुना है कि किसी कंपनी ने अपने यहां काम करने वाले चौकीदार, चाय-पानी लाने वाले या सफाईकर्मी को मालामाल कर दिया हो? जी हाँ, कुम्बा नाम का एक चौकीदार, जो नेपाल से अपना घर-बार छोड़कर बेंगलुरु आया था, आज उसी कंपनी का हिस्सेदार बन गया है.
आमतौर पर चौकीदारी, खाना बनाने या सफाई का काम करने वालों की सैलरी 10,000 से 25,000 रुपये प्रति माह होती है. लेकिन कुम्बा की कहानी बाकी लोगों से अलग है. फिलहाल कुम्बा ड्राइवयू (DriveU) नाम की कंपनी में चौकीदारी का काम करते हैं.
कुम्बा की खास सफलता
कुम्बा पिछले आठ साल से ड्राइवयू में काम कर रहे हैं. इस दौरान उन्हें न केवल ₹33,000 प्रति माह की सैलरी मिली, बल्कि उन्हें इंप्लॉई स्टॉक ऑप्शन प्लान (ESOPs) का भी लाभ मिला. कुम्बा को ड्राइवयू जो कि एक ड्राइवर-ऑन-डिमांड स्टार्टअप है, से 220 स्टॉक्स मिले है. आज इन स्टॉक्स की कीमत ₹22 लाख रूपये है.
ड्राइवयू (DriveU) की शुरुआत
ड्राइवयू की शुरुआत 2015 में रहम शास्त्री ने अपने बेटे अशोक शास्त्री के साथ की. उनका मानना था कि कंपनी के हर कर्मचारी को कंपनी में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए. सिलिकॉन वैली में काम करने के अपने अनुभव से उन्होंने सीखा कि जब कर्मचारी कंपनी के हिस्सेदार बनते हैं, तो कंपनी और कर्मचारी दोनों को फायदा होता है.
बाकी कर्मचारी भी हुए मालामाल
ड्राइवयू के 160 कर्मचारियों में से हर एक के पास कंपनी के शेयर हैं. चौकीदार कुम्बा, हाउसकीपिंग स्टाफ विमला जैसे कर्मचारियों को भी शेयर मिले हैं. वहीं विमला के पास 470 शेयर हैं, जिनकी कीमत ₹4.7 लाख रुपये है.
क्या करती है ड्राइवयू?
ड्राइवयू (DriveU) का मुख्य काम कस्टमर्स को ड्राइवर उपलब्ध कराना है. कंपनी की कमाई का 80 फिसदी हिस्सा ड्राइवरों को दिया जाता है और 20% कंपनी के पास रखती है. पिछले वित्तीय वर्ष में कंपनी का कुल राजस्व ₹90 करोड़ था. कंपनी IPO के जरिए अपने कर्मचारियों और निवेशकों के लिए शेयर बेचने की योजना बना रही है. ड्राइवयू के सभी कर्मचारियों के पास कुल 10% हिस्सेदारी है, जिसकी मौजूदा कीमत ₹35 करोड़ है.
ESOPs क्या होता हैं?
कई कंपनियां अपने कर्मचारियों, खासकर सीनियर स्टाफ को, एक विशेष योजना के तहत कंपनी के शेयर देती का मौका देती हैं. इसे इंप्लॉई स्टॉक ऑप्शन प्लान (ESOP) कहते हैं. इसके तहत कंपनी अपने स्टाफ को शेयर खरीदने का अधिकार देती है,
ESOP क्यों दिया जाता है?
ESOPs के तहत कर्मचारियों को कंपनी के शेयर मुफ्त या सस्ती रेट्स पर मिलते हैं. यह प्रक्रिया स्टार्टअप कंपनियों में ज्यादा प्रचलित है क्योंकि शुरुआती लेवल में कंपनियों के पास अपने स्टाफ को ज्यादा सैलरी देने के लिए पर्याप्त धन नहीं होता.
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