ब्रिटेन के PM कीर स्टारमर पहुंचे भारत, पीएम मोदी के साथ बैठक में व्यापार, निवेश, आर्थिक सहयोग के एजेंडे पर होगी चर्चा
UK PM Keir Starmer India Visit: बिजनेस एवं ट्रेड सेक्रेटरी पीटर काइल और इन्वेस्टमेंट मंत्री लॉर्ड जेसन स्टॉकवुड भारत दौरे पर ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे. यह यात्रा दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (CETA) के एग्जीक्यूशन पर केंद्रित होगी
UK PM Keir Starmer India Visit: ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर दो दिवसीय यात्रा पर मुंबई पहुंचे हैं और व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग भारत-ब्रिटेन की प्रमुख बैठकों का केंद्रबिंदु हैं. ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में स्टारमर की यह पहली भारत यात्रा द्विपक्षीय व्यापार और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों और व्यवसायियों के साथ महत्वपूर्ण मीटिंग्स से भरपूर होगी.
100 से अधिक लोगों का प्रतिनिधिमंडल
बिजनेस एवं ट्रेड सेक्रेटरी पीटर काइल और इन्वेस्टमेंट मंत्री लॉर्ड जेसन स्टॉकवुड भारत दौरे पर ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे. यह यात्रा दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (CETA) के एग्जीक्यूशन पर केंद्रित होगी. उनके साथ 100 से अधिक बिजनेस लीडर्स, यूनिवर्सिटीज के चांसलर्स और सांस्कृतिक प्रमुखों का एक प्रतिनिधिमंडल भी आएगा.
जुलाई 2025 में प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन का दौरा किया और ऐतिहासिक सीईटीए पर हस्ताक्षर किए थे. दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन विजन 2035 का भी समर्थन किया, जिसमें रोजगार सृजन, शिक्षा और कौशल विकास, टेक्नोलॉजी एवं रिसर्च, क्लाइमेट पार्टनरशिप, तथा डिफेंस एवं सिक्योरिटी में सहयोग शामिल है.
भारत-ब्रिटेन के संबंध
दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना चाहते हैं, जिसे ब्रिटेन में एक मज़बूत भारतीय समुदाय और प्रमुख भारतीय कंपनियों का समर्थन प्राप्त है. दुनिया की पांचवीं और छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) से भारतीय व्यवसायों को कपड़ा, चमड़ा, जूते, खेल के सामान, खिलौने, रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग सामान और ऑटो पार्ट्स जैसे सेक्टर्स में बेहतर मार्केट पहुंच मिलने की उम्मीद है.
ब्रिटेन ने 99.1 फीसदी टैरिफ लाइनों पर जीरो शुल्क की पेशकश की है, जो ट्रेड वैल्यू के 100 प्रतिशत को कवर करता है. FTA के लागू होने के बाद यह तुरंत बाद प्रभावी होगा. भारत और ब्रिटेन को ट्रेड, इन्वेस्टमेंट, रिसर्च एवं डेवलपमेंट, टेक्नोलॉजी, इनोवेशन, मोबिलिटी और एजुकेशन में सहयोग से लाभ होगा.
भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार
भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2024 में 56 अरब अमेरिकी डॉलर था और 2030 तक इसके दोगुना होने का अनुमान है. डिफेंस प्रोडक्ट्स के संयुक्त डिजाइन, डेवलपमेंट और प्रोडक्शन के उद्देश्य से एक डिफेंस इंडस्ट्रियल रोडमैप के जरिए रक्षा सहयोग लगातार बढ़ रहा है. इस साझेदारी में संयुक्त सैन्य अभ्यास, पोर्ट कॉल्स, तकनीकी सहयोग, मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना और एक्सपर्ट एक्सचेंज शामिल है. अभ्यासों में कोंकण 2023, कोबरा वॉरियर 2023, अजय वॉरियर 2023 और तरंगशक्ति 2024 शामिल हैं.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, औद्योगिक डीकार्बोनाइजेशन को बढ़ावा देने और रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन को एक्सप्लोर करने के लिए एक भारत-ब्रिटेन नेट जीरो इनोवेशन वर्चुअल सेंटर शुरू करने की योजनाएं चल रही हैं.
ब्रिटेन में लगभग 1,70,000 भारतीय छात्रों के अध्ययन के साथ शिक्षा संबंध मजबूत बने हुए हैं. कई ब्रिटिश विश्वविद्यालय भारत में अपने कैंपस खोलने की योजना बना रहे हैं, जिनमें गुरुग्राम में साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय का नया परिसर भी शामिल है, जो भारत की नई शिक्षा नीति के तहत पहला विदेशी विश्वविद्यालय कैंपस है.
आर्थिक विकास और टैक्स रेवेन्यू में भूमिका
भारतीय प्रवासी ब्रिटेन की आबादी का लगभग 2.6 फीसदी हैं और शिक्षा, साहित्य, कला, चिकित्सा, विज्ञान, खेल, उद्योग, व्यापार और राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. ब्रिटेन में 65,000 से अधिक कंपनियां भारतीय प्रवासियों के स्वामित्व में हैं, जो रोजगार सृजन, आर्थिक विकास और टैक्स रेवेन्यू में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.
ब्रिटिश सरकार के एनालिसिस से पता चलता है कि इस समझौते से द्विपक्षीय व्यापार में 25.5 अरब पाउंड की वृद्धि होगी. इससे लंबी अवधि में ब्रिटेन की जीडीपी में 4.8 अरब पाउंड की वृद्धि और वेतन में सालाना 2.2 अरब पाउंड का इजाफा होने की भी उम्मीद है.