डूबते वोडाफोन आइडिया को नहीं मिली सरकारी मदद, अब सुप्रीम कोर्ट का खटखटा रहा दरवाजा, जानें मामला

वोडाफोन आइडिया ने केंद्र सरकार द्वारा 5 अरब डॉलर से अधिक के ब्याज और जुर्माना माफ करने की मांग खारिज किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. कंपनी ने दलील दी है कि अगर उसे राहत नहीं मिली तो वह वित्त वर्ष 2025–26 के बाद संचालन जारी नहीं रख सकेगी.

वोडाफोन आइडिया और सुप्रीम कोर्ट Image Credit: @Money9live

Vodafone Idea and Supreme Court: भारत की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया की मुश्किलें थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं. कंपनी ने कुछ दिन पहले 5 अरब डॉलर (करीब 42,500 करोड़ रुपये) से अधिक की ब्याज और जुर्माना राशि माफ करने के लिए केंद्र सरकार के पास गई थी. हालांकि केंद्र सरकार ने कंपनी की मांग को ठुकरा दिया था. अब वोडाफोन आइडिया ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए याचिका दायर कर दी है.

सरकार ने खारिज की मांग

सरकार ने 29 अप्रैल को वोडाफोन आइडिया के CEO अक्षय मूंदड़ा की ओर से की गई इस छूट की अपील को खारिज कर दिया था. वी का कहना था पहले से कर्ज में डूबी कंपनी को अगर छूट मिल जाए तो उसकी स्थित बनी रह सकेगी. संचार मंत्रालय की चिट्ठी में लिखा गया, “इस अनुरोध पर विचार नहीं किया जा सकता.” मालूम हो कि वोडाफोन आइडिया, यूके की वोडाफोन ग्रुप और भारत की आदित्य बिड़ला ग्रुप के बीच एक संयुक्त उद्यम है. कंपनी ने 16 मई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सरकार को “जनहित में” फैसला लेने का निर्देश देने की मांग की है. उसमें कंपनी ने ये कहते हुए जोर दिया कि यह मामला संवेदनशील टेलीकॉम सेक्टर से जुड़ा है.

2019 के कोर्ट फैसले के बाद बढ़ा बोझ

दरअसल, 2019 में सुप्रीम कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले के बाद टेलीकॉम कंपनियों पर समायोजित सकल राजस्व (AGR) की गणना का दायरा बढ़ गया. इससे वोडाफोन आइडिया पर देनदारी का बोझ कई अरब डॉलर तक बढ़ गया. इस फैसले के बाद से ही वोडाफोन आइडिया अपनी स्पेक्ट्रम और रेवेन्यू बंटवारे की देनदारी चुकाने में संघर्ष कर रही है. इस संकट को देखते हुए सरकार ने कंपनी के कुछ बकायों को इक्विटी में बदल दिया और कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 49 फीसदी कर दी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट पहले भी कंपनी की कई गुजारिशों को ठुकरा चुका है. यह साफ नहीं है कि इस बार कंपनी कुल कितनी राहत चाहती है लेकिन दस्तावेजों के मुताबिक 5 अरब डॉलर से अधिक की राशि जुर्माना और ब्याज के रूप में है.

बंद हो जाएगी कंपनी?

कंपनी के CEO अक्षय मूंदड़ा ने 17 अप्रैल को लिखे एक पत्र में कहा, “अगर सरकार से कोई समर्थन नहीं मिला, तो FY26 (2025–26) के बाद कंपनी के लिए संचालन जारी रखना संभव नहीं होगा.” उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी स्थिति भारत की वैश्विक साख को नुकसान पहुंचा सकती है और विदेशी निवेशकों का भरोसा भी डगमगा सकता है. ब्रोकरेज फर्म CLSA के मुताबिक, वोडाफोन आइडिया का कुल कर्ज 25 अरब डॉलर है. अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है और देखना होगा कि कोर्ट इस बार कंपनी की दलीलों को कितना वजन देता है.

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