WPI: थोक महंगाई घटी, 2.05 फीसदी के साथ चार महीने के निचले स्तर पर थोक मूल्य सूचकांक
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार 15 अप्रैल को WPI यानी होलसेल प्राइस इंडेक्स का लेटेस्ट डाटा रिलीज किया है. पिछले महीने यानी 17 मार्च को जारी फरवरी के आंकड़ों की तुलना में मार्च में थोक महंगाई में कमी आई है. पिछले महीने जारी आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में थोक महंगाई की दर 2.38 फीसदी रही थी. वहीं, मार्च में यह घटकर 2.05 फीसदी पर आ गई है.

भारत का थोक मूल्य सूचकांक सालाना आधार पर मार्च 2025 में घटकर 2.05% रहा है. इससे पहले फरवरी में यह 2.38 फीसदी रहा था. वहीं, मार्च के लिए अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाया था कि यह 2.5 फीसदी तक रह सकता है. इस तरह यह अनुमान से कम रहा है. हालांकि, आने वाले दिनों में बढ़ते तापमान और हीटवेव की चेतावनी चलते खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी और बिजली की खपत बढ़ने से महंगाई बढ़ सकती है. मोटे तौर पर देखा जाए, तो देश में फिलहाल थोक महंगाई पिछले चार महीने के निचले स्तर पर आ गई है. दिसंबर 2024 में WPI 2.37 फीसदी रहा, जनवरी में 2.51 फीसदी इसके बाद फरवरी में 2.38 फीसदी रहा. इस तरह मार्च में 2.05 फीसदी चार महीने का सबसे निचला स्तर है.

क्यों घटी थोक महंगाई?
सरकार के मुताबिक मार्च 2025 में थोक महंगाई में कमी के पीछे खाद्य उत्पादों, विनिर्माण, खाद्य वस्तुओं, बिजली और कपड़ा विनिर्माण आदि के विनिर्माण की कीमतों में मिली रहात की वजह से है. थोक खाद्य मुद्रास्फीति पिछले महीने फरवरी में 5.94 प्रतिशत से कम होकर 4.66 फीसदी हो गई है. इसके अलावा मार्च में प्राथमिक वस्तुओं की मुद्रास्फीति फरवरी में 2.81 फीसदी से घटकर 0.76 फीसदी हो गई है.
सालाना आधार पर थोक महंगाई के आंकड़े | |||||||
WPI के कंपोनेंट | फीसदी में भारांक | जनवरी 2025 | फरवरी 2025 | मार्च 2025 | |||
सूचकांक | महंगाई फीसद | सूचकांक | महंगाई फीसद | सूचकांक | महंगाई फीसद | ||
सभी वस्तुएं | 100.00 | 155.0 | 2.51 | 154.8 | 2.38 | 154.5 | 2.05 |
प्राइमरी आर्टिकल्स | 22.62 | 189.7 | 4.58 | 186.6 | 2.81 | 184.6 | 0.76 |
फ्यूल और पावर | 13.15 | 152.0 | -1.87 | 153.8 | -0.71 | 152.4 | 0.20 |
मैन्युफैक्चर्ड गुड्स | 64.23 | 143.4 | 2.65 | 143.8 | 2.86 | 144.4 | 3.07 |
फूड इंडेक्स | 24.38 | 191.5 | 7.52 | 189.0 | 5.94 | 188.8 | 4.66 |
मासिक आधार पर बड़ी गिरावट
मासिक आधार पर लगातार पांचवे महीने M-OM यानी माह-दर-माह आधार पर WPI में कमी आई है. फरवरी 2025 की तुलना में मार्च 2025 में WPI में 0.19 फीसदी की कमी आई है. खासतौर पर प्राइमरी आर्टिकल्स की कीमत में 1.07 फीसदी की कमी आई है.
WPI Index में मासिक आधार पर आया बदलाव | |||||||
कंपोनेंट्स | भारांक | अक्टूबर 2024 | नवंबर 2024 | दिसंबर 2024 | जनवरी 2025 | फरवरी 2025 | मार्च 2025 |
सभी वस्तुएं | 100.00 | 1.29 | -0.19 | -0.45 | -0.45 | -0.13 | -0.19 |
प्राइमरी आर्टिकल्स | 22.62 | 2.61 | -1.35 | -2.07 | -2.12 | -1.63 | -1.07 |
फ्यूल और पावर | 13.15 | 1.09 | 0.74 | 1.27 | 0.13 | 1.18 | -0.91 |
मैन्युफैक्चर्ड गुड्स | 64.23 | 0.70 | 0.14 | -0.07 | 0.28 | 0.28 | 0.42 |
फूड इंडेक्स | 24.38 | 3.22 | -0.99 | -2.10 | -2.30 | -1.31 | -0.11 |
मौसम विभाग ने बढ़ाई चिंता
देशभर में गर्मी की लहरों के बारे में भारतीय मौसम विभाग की चेतावनियों ने महंगाई का दबाव बढ़ने की चिंता बढ़ गई है. गर्मी के महीनों में तापमान बढ़ने से सब्जियों और फलों की कीमतों में मौसमी रूप से वृद्धि हो सकती है.
क्या है रिजर्व बैंक का रुख?
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि खाद्य पदार्थों की कीमत में गिरावट की वजह से मुद्रास्फीति में कमी आई है और वित्त वर्ष 26 में इसमें और नरमी आने की उम्मीद है, जिससे भारतीय परिवारों को और राहत मिलेगी.
क्या है WPI?
भारत में थोक महंगाई के आंकलन के सूचकांक को WPI कहा जाता है. WPI थोक में वस्तुओं की कीमत को मापता है. भारत में थोक मूल्य सूचकांक को तीन समूहों में बांटा गया है. पहला हिस्सा है प्राइमरी आर्टिकल्स, जिसका इंडेक्स में भारांक 22.6 फीसदी होता है. इसमें कृषि उत्पाद, पशुधन, खनिज और बागान उत्पाद शामिल होते हैं. इसका पूरा ब्योरा अलग से खाद्य मूल्य सूचकांक के तौर पर भी जारी किया जाता है. इसके अलावा WPI का दूसरा अहम हिस्स ईंधन और बिजली हैं. इनका भारांक 13.2 फीसदी होता है. इसके अलावा सबसे बड़ा हिस्सा मैन्युफैक्चर्ड गुड्स यानी विनिर्माण उत्पादों का होता है. इसका भारांक 64.2 फीसदी होता है.
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