हिमाचल प्रदेश में 14000 सरकारी कर्मचारियों को झटका, मासिक सैलरी में 5 से 15 हजार रुपये की कटौती

हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों के वेतन से संबंधित नियमों में बदलाव किया गया है. संशोधित नियमों को 3 जनवरी 2022 से लागू माना जाएगा. इन नियमों का असर करीब 14,000 सरकारी कर्मचारियों पर पड़ेगा. यह 89 अलग-अलग कैटेग्री में काम करते हैं. इन कर्मचारियों की सैलरी में अब बदलाव होगा, जिससे उनकी मासिक तनख्वाह में 5,000 से 15,000 रुपये तक की कटौती हो सकती है.

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Himachal govt notifies revised pay scales: हिमाचल सरकार ने लगभग 14,000 कर्मचारियों के लिए रिवाइज्ड पे स्केल लागू किया है. सरकार ने नए नियम, HP सिविल सर्विसेज (संशोधित वेतन) दूसरा संशोधन नियम 2025, लागू किए. इन नियमों का असर करीब 14,000 सरकारी कर्मचारियों पर पड़ेगा. यह 89 अलग-अलग कैटेग्री में काम करते हैं. इन कर्मचारियों की सैलरी में अब बदलाव होगा, जिससे उनकी मासिक तनख्वाह में 5,000 से 15,000 रुपये तक की कटौती हो सकती है. यह बदलाव 1 जनवरी 2016 से लागू होगा.

क्या है पूरा मामला?

पहले, 3 जनवरी 2022 को सरकार ने एक नियम (सेक्शन 7A) बनाया था. इस नियम के तहत कुछ कर्मचारियों की सैलरी को बढ़ाने के लिए उनके पुराने वेतन को 2.59 गुना करके नई सैलरी तय की गई थी. लेकिन अब सरकार ने इस नियम को हटा दिया है. अब सैलरी को 2.25 गुना करके तय किया जाएगा. इसका मतलब है कि कर्मचारियों की सैलरी कम हो जाएगी, क्योंकि नया गुणा factor 0.34 कम है. इससे कर्मचारियों का बेसिक पे कम हो जाएगा.

फेडरेशन ऑफ सेक्रेटेरियल एम्प्लॉइज यूनियन के संजीव शर्मा ने बताया कि इस बदलाव से निचले और मध्यम स्तर के कर्मचारियों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि कर्मचारी अपनी सैलरी के हिसाब से अपने खर्चे, जैसे बच्चों की स्कूल फीस, लोन की किश्तें और अन्य जरूरी खर्चे, तय करते हैं. सैलरी में कटौती होने से उनकी जिंदगी पर बुरा असर पड़ेगा.

कर्मचारी क्या करेंगे?

संजीव शर्मा ने कहा कि कर्मचारी संगठनों ने इस मुद्दे पर चर्चा की है. वे सोमवार को मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और वित्त विभाग के प्रमुख सचिव से मिलकर इस नए नियम को वापस लेने की मांग करेंगे. उनका कहना है कि यह फैसला कर्मचारियों के लिए ठीक नहीं है. नए नियम के तहत कर्मचारियों की सैलरी को दोबारा तय किया जाएगा, जैसे कि सेक्शन 7A कभी था ही नहीं. अच्छी बात यह है कि अगर किसी कर्मचारी को पहले ज्यादा सैलरी मिल गई थी, तो उस अतिरिक्त पैसे की वसूली नहीं होगी. लेकिन अब उनकी सैलरी कम हो जाएगी. यह नियम उन कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा जो केंद्र सरकार की सेवाओं में हैं या जिनकी सैलरी यूजीसी के नए वेतन नियमों के तहत तय होती है.

क्यों है परेशानी?

कर्मचारियों का कहना है कि सैलरी कम होने से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है. कई कर्मचारियों ने अपनी जिंदगी को सैलरी के हिसाब से व्यवस्थित किया हुआ है. अचानक सैलरी में कटौती होने से उनके लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं. कर्मचारी संगठन चाहते हैं कि सरकार इस फैसले को वापस ले ताकि कर्मचारियों को नुकसान न हो. कर्मचारी संगठन सरकार से बात करेंगे और इस नियम को बदलने की कोशिश करेंगे. अगर सरकार उनकी बात नहीं मानती, तो हो सकता है कि कर्मचारी और बड़ा कदम उठाएं.

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