अगस्ता वेस्टलैंड मामले में क्रिश्चियन मिशेल को बड़ी राहत, कोर्ट ने दिया रिहाई का आदेश; जानें क्या था मामला

अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को दिल्ली की विशेष अदालत से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने ईडी के तहत दर्ज केस में हिरासत से रिहाई का आदेश दिया है. हालांकि, सीबीआई के भ्रष्टाचार मामले में आरोपी होने के कारण मिशेल फिलहाल जेल में ही रहेंगे.

क्रिश्चियन मिशेल जेम्स Image Credit: tv9 bharatvarsh

AgustaWestland case: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को बड़ी राहत दी है. अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के केस में हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया. हालांकि, इस आदेश के बावजूद मिशेल फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे, क्योंकि वह इसी मामले से जुड़े एक अलग केस में सीबीआई के आरोपी भी हैं.

यह आदेश विशेष सीबीआई जज संजय जिंदल ने मिशेल की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें उन्होंने ईडी के तहत दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत से रिहाई की मांग की थी. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि मिशेल पर जिन धाराओं में आरोप हैं, उनमें अधिकतम सजा सात साल तक की है, जबकि वह पिछले सात साल से लगातार न्यायिक हिरासत में हैं.

CrPC की धारा 436A का हवाला

अदालत ने अपने आदेश में CrPC की धारा 436A के दूसरे प्रावधान का स्पष्ट रूप से हवाला दिया. इस प्रावधान के अनुसार, किसी भी अंडर ट्रायल कैदी को उस अपराध के लिए तय अधिकतम सजा अवधि से अधिक समय तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता. कोर्ट ने कहा कि मिशेल को इस मामले में 21 दिसंबर 2025 के बाद हिरासत में नहीं रखा जा सकता और वह इस केस में रिहाई के हकदार हैं.

सीबीआई केस बना रिहाई में बाधा

हालांकि, अदालत ने यह भी साफ किया कि मिशेल को तभी रिहा किया जाएगा, जब वह किसी अन्य मामले में वांछित न हों. चूंकि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक अलग मामले में सीबीआई की जांच अभी जारी है, इसलिए मिशेल को जेल में ही रहना होगा. सीबीआई वाले मामले में मिशेल की याचिका पर अदालत पहले ही एजेंसी से जवाब दाखिल करने को कह चुकी है.

दुबई से किया गया था प्रत्यर्पण

क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को दिसंबर 2018 में दुबई से भारत प्रत्यर्पित किया गया था. इसके बाद सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर चार्जशीट दाखिल की थी. बाद में ईडी ने भी इसी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में उन्हें गिरफ्तार किया. मिशेल पर आरोप है कि उन्होंने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में बिचौलिये की भूमिका निभाई और कथित रूप से रिश्वत की रकम के लेनदेन में शामिल रहे.

बचाव पक्ष की दलील

सुनवाई के दौरान मिशेल के वकील ने दलील दी कि दोनों जांच एजेंसियां पिछले 12 सालों से इस मामले की जांच कर रही हैं, जबकि उनका मुवक्किल सात साल से जेल में है. उन्होंने कहा कि जमानत मिलने के बावजूद आरोपी का जेल से बाहर न आ पाना न्याय की भावना के खिलाफ है. मिशेल ने अदालत में लिखित रूप से यह भी भरोसा दिया कि रिहा होने की स्थिति में वह ट्रायल में पूरा सहयोग करेंगे.

अदालत ने अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर 2025 को तय की है. अगस्ता वेस्टलैंड मामला भारतीय राजनीति और रक्षा सौदों से जुड़े सबसे चर्चित घोटालों में से एक माना जाता है, जिस पर देश की शीर्ष जांच एजेंसियां लंबे समय से नजर बनाए हुए हैं.

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