हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, 208 ट्रांसफार्मर ठप; 2347 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. 400 सड़कों के बंद होने के साथ 208 ट्रांसफार्मर और 51 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं. मौसम विभाग ने 27 अगस्त तक भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है. मंडी, सोलन और कांगड़ा में भारी वर्षा हुई, जबकि पंडोह में सबसे अधिक 123 मिमी बारिश दर्ज की गई.

हिमाचल बारिश अलर्ट Image Credit: AI/canva

Himachal Pradesh rain damage: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कई क्षेत्रों में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है. इसके साथ ही मंडी, सोलन और कांगड़ा में भी भारी बारिश हुई है. भूस्खलन के कारण कई हाईवे और सड़कें प्रभावित हुई हैं. प्रदेश में बारिश के कारण कई सड़कों को आवागमन के लिए बंद किया गया. मौसम विभाग ने 27 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. साथ ही कई ट्रांसफार्मर भी प्रभावित हुए हैं, जिससे बिजली की सप्लाई बाधित हुई है.

400 सड़कें बंद

हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी स्तर की बारिश के कारण दो राष्ट्रीय राजमार्गों समेत कुल 400 सड़कों को वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मंडी जिले में 221 और निकटवर्ती कुल्लू में 102 सड़कें पूर्ण रूप से बंद हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र स्टेट इमर्जेंसी ऑपरेशन सेंटर (SEOC) ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 3 मंडी-धर्मपुर रोड और NH-305 औट-सैंज रोड भी बंद हैं.

208 ट्रांसफार्मर प्रभावित

पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि हिमाचल प्रदेश में 208 बिजली आपूर्ति ट्रांसफार्मर और 51 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं. स्थानीय मौसम विभाग ने 30 अगस्त तक राज्य के दो से सात जिलों के अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है.

इसके साथ ही शनिवार रात से राज्य के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई है. मौसम विभाग ने बताया कि सुंदरनगर, शिमला, भुंतर, जोत, मुरारी देवी, जुब्बड़हट्टी और कांगड़ा में गरज के साथ बारिश हुई. (SEOC) ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से कम से कम 152 लोगों की मौत हो चुकी है और 37 लापता हैं.

इन जगहों पर हुई सबसे ज्यादा बारिश

पंडोह में सबसे अधिक 123 मिलीमीटर, कसौली में 105 मिलीमीटर, जोत में 104.6 मिलीमीटर और मंडी तथा करसोग में 68 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो मध्यम वर्षा से अधिक है. वहीं मौसम विभाग ने बताया कि नादौन में 52.8 मिलीमीटर, जोगिंदरनगर में 54 मिलीमीटर, बग्गी में 44.7 मिलीमीटर, धरमपुर में 44.6 मिलीमीटर, भट्टियात में 40.6 मिलीमीटर, पालमपुर में 33.2 मिलीमीटर, नेरी में 31.5 मिलीमीटर और सराहन में 30 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई.

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2,347 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान

अब तक 75 बार अचानक बाढ़ आने, 40 बार बादल फटने और 74 बड़े भूस्खलन की घटनाएं हो चुकी हैं. रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश को बारिश से संबंधित घटनाओं में 2,347 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. राज्य में मानसून के दौरान एक जून से 24 अगस्त तक सामान्य से 16 प्रतिशत अधिक 662.3 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि औसत बारिश 571.4 मिलीमीटर होती है.