भारत निकाल रहा ट्रंप टैरिफ का तोड़, 5 साल में खर्च होंगे 20000 करोड़, जानें कैसे मिलेगा फायदा

भारत सरकार सितंबर तक 20,000 करोड़ का एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन शुरू करने जा रही है, जिसका लक्ष्य भारतीय निर्यातकों को वैश्विक व्यापार की चुनौतियों से बचाना और MSME सेक्टर को मजबूत करना है. यह योजना आसान लोन, ब्रांड इंडिया की पहचान, और ई-कॉमर्स सुविधाओं को बढ़ावा देगी. अमेरिका के 25 फीसदी टैरिफ के जवाब में यह मिशन भारत के निर्यात को नई ताकत देगा.

Export Promotion Mission to offset US tariff impact Image Credit: Canva/ Money9

Export Promotion Mission to offset US tariff impact: भारत सरकार अपने निर्यातकों को सहायता मुहैया कराने के लिए सितंबर तक एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन लाने की योजना कर रही है, जिसमें 20,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसका मकसद है ट्रंप टैरिफ के बाद भारतीय निर्यातकों को दुनिया के व्यापार में आने वाली परेशानियों से बचाना. इस एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन के तहत निर्यातकों को आसानी से लोन मिलेगा और विदेशी बाजारों में मिल रही चुनौतियों को दूर करने का प्लान है. यह प्लान अगले 5-6 साल तक चलेगा. इस मिशन का मुख्य उद्देश्य MSME सेक्टर को मजबूत करना है. भारत के GDP में इस सेक्टर का लगभग 30 फीसदी योगदान है और कुल निर्यात में इसका 45 फीसदी से अधिक योगदान है.

ट्रंप टैरिफ का भारत पर असर

अमेरिका ने 7 अगस्त से भारत के सामानों पर 25 फीसदी टैरिफ यानी आयात शुल्क और रूस से व्यापार करने के कुछ पेनाल्टी लगा दिया है. ET की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के साथ भारत के $85 बिलियन के निर्यात का आधा हिस्सा प्रभावित हो सकता है. हमारे पड़ोसी देश जैसे पाकिस्तान, वियतनाम, बांग्लादेश पर 15-20 फीसदी टैरिफ है. इसलिए सरकार चाहती है कि भारतीय निर्यातक अपने ब्रांड बनाएं और ब्रांड इंडिया को दुनिया में मशहूर करें.

यह भी पढ़ें: ट्रंप टैरिफ से जुलाई में अमेरिका को मिले 2.49 लाख करोड़, चार महीने में कुल कलेक्शन 8 लाख करोड़ के पार

मिशन में क्या-क्या होगा?

इस मिशन में पांच मुख्य चीजें होंगी.

  • निर्यातकों को आसानी से लोन मिल सकेगा, जिससे प्रोडक्शन बढ़ेगा और अमेरिकी बाजार का विकल्प तैयार होगा.
  • हर देश के आयात और निर्यात के नियम अलग हैं. इस मिशन का उद्देश्य है कि उन नियमों के अनुसार भारत का प्रोडक्शन हो.
  • इस मिशन का लक्ष्य भारतीय सामानों की वैश्विक पहचान बढ़ाना है. इसलिए ब्रांड इंडिया पर जोर दिया जा रहा है.
  • ऑनलाइन ट्रेड और भंडारण की सुविधाएं मिलेगी.
  • सरकार का प्लान है कि निर्यात प्रक्रिया आसान बनाया जा सके, जिससे भारत का निर्यात बढ़ेगा.

MSME सेक्टर को मदद

इस मिशन में छोटे और मंझोले उद्दमियों पर विशेष ध्यान दिया गया है. अब उन्हें बिना गारंटी या कम गारंटी के लोन मिलेगा, जो उनकी पुरानी क्रेडिट हिस्ट्री पर आधारित होगा. वाणिज्य, MSME और वित्त मंत्रालय मिलकर इस प्लान को बना रहे हैं. ET के अनुसार अगस्त तक सारी तैयारी पूरी हो जाएगी और सितंबर से यह शुरू हो जाएगा. यह मिशन अमेरिका और दुनिया के अन्य बाजारों में भारत के निर्यात को मजबूत करेगा. GTRI ने भी सरकार को सुझाव दिया है कि इंटरेस्ट इक्वलाइजेशन स्कीम को फिर से शुरू करें, एक हेल्पडेस्क बनाएं, और व्यापार समझौतों का स्ट्रैटेजिक उपयोग करें. इसके अलावा, नए निर्यातकों को शामिल करने और MSME को सस्ता लोन देने के लिए 15,000 करोड़ रुपये के बजट की सिफारिश की गई है.

यह भी पढ़ें: ट्रंप ने भारत पर लगाया रूस के तेल से मुनाफा कमाने का आरोप, टैरिफ में और बढ़ोतरी की दी चेतावनी