दिल्ली-NCR में दीपावली पर फोड़ सकेंगे पटाखे, सुप्रीम कोर्ट ने दी अनुमति; लेकिन इस बात का रखना होगा ध्यान

सुप्रीम कोर्ट ने इस दीवाली पर दिल्ली- एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री और जलाने की अनुमति पांच दिनों के लिए परीक्षण आधार पर दी है. कई सालों बाद यह पहला मौका होगा जब कानूनी तौर पर पटाखे फोड़े जा सकेंगे. कोर्ट ने इसके लिए सख्त नियम और समय सीमा तय की है. केवल NEERI द्वारा मंजूर ग्रीन पटाखे ही जलाए जा सकेंगे जबकि पारंपरिक पटाखे पूरी तरह बैन रहेंगे. अधिकारियों को निगरानी कर रिपोर्ट देनी होगी.

दिल्ली -NCR में दीपावली पर फोड़ सकेंगे पटाखे. Image Credit: CANVA

Diwali Green Firecrackers: सुप्रीम कोर्ट ने इस दीवाली दिल्ली- एनसीआर में ग्रीन पटाखे बेचने और जलाने की अनुमति दी है. यह छूट पांच दिनों के लिए केवल टेस्ट के तौर पर है. कई सालों के बाद यह पहला मौका है जब कानूनी तौर पर पटाखे फोड़े जा सकेंगे. कोर्ट ने सख्त नियम और समय सीमा तय की है. केवल नेशनल एनवायरनमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) द्वारा मंजूर ग्रीन पटाखे ही फोड़े जा सकेंगे और पारंपरिक पटाखे अभी भी पूरी तरह बैन रहेंगे.

समय सीमा और दिशानिर्देश

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि दीवाली पर ग्रीन पटाखे रात आठ बजे से दस बजे तक फोड़े जा सकें. नए साल और गुरुपुरब पर भी सीमित समय स्लॉट दिए गए हैं. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केवल तय किए गए ग्रीन पटाखों की ही अनुमति होगी और पारंपरिक पटाखे प्रतिबंधित रहेंगे.

कौन करेगा निगरानी

अधिकारियों ने कहा की उत्पादन इकाइयों और बिक्री केंद्रों पर नियमित जांच की जाएगी और अचानक जांच की भी योजना बनाई है. इसके साथ ही जनता को ग्रीन पटाखों और हेल्थ रिस्क के बारे में भी जागरूक किया जाएगा. NEERI और PESO अप्रूव्ड प्रोडक्ट और मैन्युफैक्चरिंग की लिस्ट बनाए जाएंगे.

नकली पटाखों की चिंता

कोर्ट के फैसले पर कई जानकार चिंता जता रहे हैं. उनका कहना है कि इस फैसले का गलत असर होगा और बाजार में नकली ग्रीन पटाखे आ सकते हैं. वहीं NEERI का दावा है कि ग्रीन पटाखों से उत्सर्जन 30 से 35 फीसदी तक कम होता है, लेकिन अगर बड़े स्तर पर इसका उपयोग होगा तो यह फायदा नहीं देखने को मिलेगा.

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कोर्ट का क्या है रुख

कोर्ट ने कहा कि यह अनुमति केवल पांच दिनों के लिए परीक्षण आधार पर है. इस अवधि के दौरान अधिकारियों को प्रभाव की निगरानी करनी होगी. अंतिम फैसला बाद में दिया जाएगा कि आगे भी इस छूट को जारी रखा जा सकेगा या नहीं.