Coldrif समेत 3 कफ सिरप घोषित हुए जहरीले, भारत में पूरी तरह से बैन; अब तक 21 बच्चों की मौत

भारत सरकार ने तीन कफ सिरप Coldrif, Respifresh TR और ReLife को टॉक्सिक घोषित किया है. इन सिरप में DEG की मात्रा पाई गई है. वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि इन जहरीली दवाओं का खतरा अनियमित या अवैध चैनलों के जरिए दूसरे देशों तक भी फैल सकता है.

भारत में तीन कफ सिरप घोषित हुए जहरीले

देश भर के कई राज्यों में जहरीला कफ सिरप पीने से अब तक 21 बच्चों की मौत हो गई. सबसे पहले यह मामला राजस्थान और मध्य प्रदेश में सामने आया था, जहां बच्चों की किडनी फेल हो गई और उनकी जान चली गई. जिसके बाद सरकार ने तीन कफ सिरप Coldrif, Respifresh TR और ReLife को टॉक्सिक यानी जहरीला घोषित कर दिया है. अब तक जितने बच्चों की मौत हुई है, वह कोल्ड्रिफ सिरप से जुड़ी पाई गई है. बाकी दोनों सिरप (Respifresh TR और ReLife) को भी संदिग्ध पाया गया है. इन दवाओं में एक खतरनाक केमिकल डाईथाइलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाया गया है, जिसकी अधिक मात्रा शरीर के लिए जानलेवा है.

Coldrif Syrup

कोल्ड्रिफ सिरप को बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल है. अब तक जितने बच्चों की मौत हुई है, वह इसी सिरप को पीने से हुई है. ये बच्चे मध्य प्रदेश से थे और ज्यादातर की मौत एक सरकारी अस्पताल में हुई. जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि सिरप में 48.6 फीसदी से ज्यादा डाईथाइलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाया गया, जबकि भारत और WHO की तय सीमा सिर्फ 0.1 फीसदी है. कंपनी के मालिक को गिरफ्तार हो गया है.

Respifresh TR Syrup

इस सिरप की निर्माता कंपनी रेडनेक्स फ़ार्मास्युटिकल्स (Rednex Pharmaceuticals) है, जो गुजरात में स्थित है. अब तक कोई मौत इससे जुड़ी नहीं है, लेकिन सरकार ने इसे संदिग्ध मानते हुए टॉक्सिक घोषित किया है. जांच में पाया गया है कि इसमें करीब 1 फीसदी से ज्यादा डाईथाइलीन ग्लाइकॉल है. कंपनी को सभी दवाओं का उत्पादन रोकने का आदेश दिया गया है.

ReLife Syrup

इस सिरप की निर्माता कंपनी शेप फार्मा (Shape Pharma) है, जिसकी यूनिट गुजरात में स्थित है. जांच में पाया गया है कि इस सिरप में फिलहाल 0.616 फीसदी डीईजी की मात्रा है. इस सिरप को भी रिकॉल किया गया है और कंपनी को दवाओं के उत्पादन पर रोक लगा दी गई है.

WHO ने जारी की चेतावनी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि भले ही ये सिरप एक्सपोर्ट नहीं किए गए हों, लेकिन अनियमित चैनलों (unregulated channels) के ज़रिए इनके फैलने का ख़तरा बना हुआ है.

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