गाड़ी का बीमा करवाते समय करें आईडीवी पर गौर, ऐसे होता है इसका कैलकुलेशन
गाड़ी खरीदते वक्त आईडीवी बीमा का ध्यान रखना क्यों है जरूरी. कैसे तय होती है गाड़ी की कीमत?

बाजार से जब हम गाड़ी खरीदते हैं तब उसके दाम में कई तरह के खर्च को जोड़ा जाता है. अगर आप नई स्कूटी खरीद रहे हैं तो उसमें लगने वाले प्रोटेक्टर के लिए आपको अलग से पैसे देने पड़ते हैं. जिससे गाड़ी के आगे और पीछे के हिस्से सुरक्षित रहते हैं, हेलमेट, सीट कवर जैसी चीजें खरीदनी पड़ती है. इन सभी का दाम आपकी गाड़ी के फाइनल प्राइस में जोड़ा जाता है. इससे इतर एक और चीज है जिसका जुड़ना जरूरी है. वो है इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (आईडीवी). आईडीवी के मदद से आप अपनी गाड़ी की इंश्योरेंस वाली कीमत का पता लगा सकते हैं. आईडीवी की जरूरत आप के गाड़ी की कीमत को जानने के लिए किया जाता है. इसका इस्तेमाल तब होता है जब गाड़ी किसी दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो जाती है या चोरी हो जाती है. वैसे में आपने जिस कंपनी से इंश्योरेंस खरीदा है, वो कंपनी आपके आईडीवी के अनुसार आपको हुए नुकसान का भुगतान करती है.
कैसे निर्धारित होता है आई़डीवी?
अब सवाल ये है कि आपकी गाड़ी के आईडीवी को निर्धारित कैसे किया जाता है. इसको एक उदाहरण से समझ सकते हैं. मान लीजिए आपने एक गाड़ी खरीदी जिसकी कीमत 80,000 रुपये थी. गाड़ी को खरीदते वक्त ‘एक्स’ नाम की कंपनी से आपने इंश्योरेंस खरीदा. उस वक्त चूंकि आपकी गाड़ी नई थी, उसकी आईडीवी 75,000 रुपये हो सकती है. जैसे-जैसे वो पुरानी होगी, उसी तरह से उसका आईडीवी भी घटता रहेगा. हो सकता है 2 साल बाद उसकी कीमत तकरीबन 50,000 रुपये हो जाए. प्रिंसिपल अमाउंट यानी खरीदार को मिलने वाले अमाउंट में हो रही कमी का मुख्य कारण उसके पुराने होने से लगाई जाती है.
कैसे तय होता है आईडीवी में कीमत ?
- आपकी गाड़ी किस शहर में रजिस्टर्ड है या उसमें इस्तेमाल किए गए कलपुर्जे कौन से हैं.
- गाड़ी के रजिस्ट्रेशन का साल भी आईडीवी तय करता है, गाड़ी जितनी पुरानी, उसकी आईडीवी भी उतना ही कम होगी.
- गाड़ी का वेरिएंट भी आईडीवी के लिए अहम होता है. गाड़ी जितनी महंगी होगी, उसकी आईडीवी उतनी ही ज्यादा होगी.
आईडीवी का हिसाब कैसे लगाया जाता है?
आईडीवी निकालने का सबसे आसान तरीका हम बताते हैं. आपको पहले दो चीजें चाहिए. आपके गाड़ी की एक्स शो-रूम प्राइस क्या थी और दूसरी उसमें अभी तक अवमूल्यन कितना हुआ. अवमूल्यन यानी डेप्रिसिएशन. मतलब जब से आपने गाड़ी खरीदी है तब से लेकर वर्तमान समय तक में उसकी कीमत कितनी कम हुई है.
अवमूल्यन निकालने का एक तरीका है-
गाड़ी की उम्र | अवमूल्यन (फीसदी) |
6 महीने या उससे कम | 5 |
6 महीने से 1 साल | 15 |
1-2 साल | 20 |
2-3 साल | 30 |
3-4 साल | 40 |
4-5 साल | 50 |
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